अनुराग ठाकुर ने चंबा राजकुमारी के वंशजों को भेंट की हिमाचली टोपी, थाल और शॉल
शिमला, 23 मई: फ्रांस में सेंट ट्रोपेज में एलार्ड स्क्वायर की विजिट के दौरान केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने जनरल जीन फ्रेंकोइस एलार्ड और उनकी पत्नी राजकुमारी बन्नू पान देई के वंशजों को हिमाचल प्रदेश की संस्कृति से रूबरू करवाया। अनुराग ठाकुर ने इन्हें हिमाचल की टोपी और शॉल पहनाई। साथ ही हिमाचल का पारम्परिक थाल भी गिफ्ट किया। इस अलग गिफ्ट को देखकर वे लोग खासे खुश नजर आए। इससे पहले सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने फ्रांस के सेंट ट्रोपेज बंदरगाह में महाराजा रणजीत सिंह, चंबा की राजकुमारी बन्नू पान देई और उनके पति जनरल जीन फ्रेंकोइस एलार्ड को बुधवार को श्रद्धांजलि दी थी।
कौन है राजकुमारी बन्नू पान देई
राजकुमारी बन्नू पान देई का जन्म चंबा, हिमाचल प्रदेश में हुआ था। यही कारण है कि उनका और उनके परिवार का हिमाचल से गहरा लगाव है। इस मौके पर अनुराग ठाकुर का कहना था कि सेंट ट्रोपेज से भारतीय सम्पर्क काफी पुराना है और चार पीढ़ियों के बाद भी यह रिश्ता बना हुआ है। सेंट ट्रोपेज में राजकुमारी के परिवार का बहुत सम्मान किया जाता है। राजकुमारी ने अपनी भारतीय जड़ों को यहां संरक्षित किया हुआ है। बता दें कि फ्रांस के कान फिल्म समारोह में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का अनुराग ठाकुर ने नेतृत्व किया था। गौरतलब है कि राजकुमारी बन्नू पान देई का हिमाचल से कनेक्शन होने के कारण ही उनके व उनके परिवार को हिमाचली तोहफे दिए गए।
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1984 में हुआ था निधन
जनरल एलार्ड ने महाराजा रणजीत सिंह की सेना में सेवाएं दी थीं और महाराजा की सेना की कमान संभाली थीं। महाराजा की सेना में 'फौज-ए-खास' गठित करने का श्रेय एलार्ड को जाता है। पंजाब में रहते हुए एलार्ड को चंबा की राजकुमारी से प्रेम हो गया था और वे बन्नू पान देई से विवाह के बाद उनके साथ 1834 में सेंट ट्रोपेज आ गए थे। बाद में वह पंजाब लौट गए और संक्षिप्त बीमारी के बाद 1839 में उनका निधन हो गया था। बन्नू पान देई ने ईसाई धर्म अपना लिया था और वह सेंट ट्रोपेज में एलार्ड द्वारा बनाए गए बड़े घर में रहती थीं। उनका 1884 में निधन हो गया था। भारत-फ्रांस के मजबूत होते संबंधों के प्रतीक के रूप में 2016 में सेंट ट्रोपेज में महाराजा और बन्नू पान देई की प्रतिमाओं का अनावरण किया गया था।