Vinayak Chaturthi 2021:जानिए शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व
नई दिल्ली, 13 जुलाई। आज अषाढ़ माह की 'विनायक चतुर्थी' है। आज का दिन भगवान गणेश को समर्पित है, कहते हैं आज के दिन बप्पा की सच्चे दिल से पूजा करने से इंसान के सारे कष्टों का अंत होता है और उसे सुख-सौभाग्य की प्राप्ति होती है, कुछ लोग आज के दिन बिना पानी का उपवास भी रखते हैं और शाम को चंद्रमा को अर्ध्य देकर अपना व्रत खोलते हैं।
विनायक चतुर्थी की तिथि और मुहूर्त
आषाढ़ मास की विनायक चतुर्थी आज सुबह 08 बजकर 24 मिनट पर लग गई है जो कि 14 जुलाई को सुबह 08 बजकर 02 मिनट तक रहेगी। जबकि दोपहर 02 बजकर 49 मिनट से सिद्धयोग लग रहा है। आज पूरा दिन 'बप्पा' की पूजा के लिए शुभ है, भक्तगण दिन के किसी भी प्रहर विघ्नहर्ता की पूजा कर सकते हैं।
विनायक चतुर्थी पूजा-विधि
- सुबह सबसे पहले स्नान आदि से निवृत्त होकर स्वच्छ वस्त्र धारण करने चाहिए। इस बाद भगवान गणेश की पूजा फूल, फल, मिठाई, दूध और मोदक से करनी चाहिए।
- पूजा के दौरान 'ॐ सिद्ध बुद्धि सहित महागणपति आपको नमस्कार है' करते हुए पूजा शुरू करनी चाहिए।
- व्रतियों को शाम के समय चतुर्थी व्रत कथा सुननी चाहिए।
- रात के समय चंद्रोदय होने पर प्रभु गणेश की आरती करें और क्षमायाचना के बाद पूजा समाप्त करें। उसके बाद चांद को अर्ध्य दें और इसके बाद अपना व्रत खोलें।
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इन मंत्रों से कीजिए पूजा
- वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ।निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥
- ॐ एकदन्ताय विद्महे वक्रतुंडाय धीमहि तन्नो बुदि्ध प्रचोदयात।।
- ॐ ग्लौम गौरी पुत्र, वक्रतुंड, गणपति गुरू गणेश। ग्लौम गणपति, ऋदि्ध पति, सिदि्ध पति। मेरे कर दूर क्लेश।।
- ॐ नमो गणपतये कुबेर येकद्रिको फट् स्वाहा।
- ॐ वक्रतुंडाय हुम् ॐ हस्ति पिशाचि लिखे स्वाहा।
विनायक चतुर्थी का महत्व
- सुख-सौभाग्य में वृद्धि के लिए ये व्रत काफी फलदायी है।
- भगवान श्री गणेश की कृपा से सिद्धि-बुद्धि, ज्ञान-विवेक की प्राप्ति होती है। व्रत के प्रभाव से इंसान धनी बनता है, वो तरक्की करता है। व्रत करने से इंसान को संतान की प्राप्ति होती है।