रवियोग, सर्वार्थसिद्धि योग में आया सोम प्रदोष व्रत, शिव को प्रसन्न करने का अद्भुत दिन
नई दिल्ली, 09 जुलाई। आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष में सोम प्रदोष का शुभ संयोग बना है। इस संयोग के साथ सर्वार्थसिद्धि योग और रवियोग का संयोग हो जाने के कारण यह दिन भगवान शिव की प्रसन्नता और उनकी कृपा पाने का विशेष दिन बन गया है। सोम प्रदोष व्रत 11 जुलाई 2022 को रहेगा। इस दिन रवियोग सूर्योदय से 12 जुलाई को सुबह 5.16 तक रहेगा। साथ ही सर्वार्थसिद्धि योग प्रात: 5.53 से 7.49 तक रहेगा। पूजन का समय सायं 7.15 से 9.22 बजे तक रहेगा। अवधि 2 घंटे 7 मिनट रहेगी। प्रदोष के दिन शिवजी का दुग्धाभिषेक करने से समस्त मनोकामनाओं की पूर्ति होती है।
सोम प्रदोष व्रत भगवान शिव को समर्पित व्रत है। भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने, रोगों से मुक्ति, आर्थिक संकटों का समाधान और समस्त कार्यो की बाधाएं दूर करने के लिए प्रदोष व्रत किया जाता है। सोमवार को प्रदोष व्रत आने से सोम प्रदोष व्रत का विशेष संयोग होता है। इस संयोग में भगवान शिव का पूजन विशेष फलदायी होता है।
कैसे करें पूजन
प्रदोष व्रत का पूजन सायंकाल प्रदोष समय में किया जाता है। इस दिन प्रदोषकाल सायं 7.15 से 9.22 बजे तक रहेगा। दो घंटे 7 मिनट की अवधि तक पूजा की जा सकेगी। इससे पहले प्रात: स्नानादि से निवृत होकर भगवान शिव का पूजन कर प्रदोष व्रत का संकल्प लें। यदि किसी विशेष कामना की पूर्ति के निमित्त व्रत रख रहे हैं तो उसका भी संकल्प लें। इसके बाद दिनभर निराहार रहें और सायंकाल प्रदोषकाल में शिवजी का पूजन करें। प्रदोष व्रत कथा सुनें या पढ़ें। नैवेद्य लगाएं, आरती करें।
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त्रयोदशी
तिथि
प्रारंभ
11
जुलाई
प्रात:
11.15
से
त्रयोदशी
तिथि
पूर्ण
12
जुलाई
प्रात:
प्रात:
7.48