Laxmi Panchami 2020: दरिद्रता दूर करने वाला सिद्ध दिन लक्ष्मी पंचमी 29 मार्च को
नई दिल्ली। चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को श्री लक्ष्मी पंचमी व्रत किया जाता है। इस वर्ष यह व्रत 29 मार्च 2020 रविवार को आ रहा है। यह व्रत मां लक्ष्मी को प्रसन्न करके मनोवांछित फल प्राप्त करने के लिए किया जाता है। इस व्रत के प्रभाव से माता लक्ष्मी के आशीर्वाद से दरिद्रता दूर हो जाती है और व्यक्ति आर्थिक संपन्नता प्राप्त करता है। इस दिन विधि विधान से मां लक्ष्मी का पूजन करके व्रत रखा जाता है।
क्यों करना चाहिए लक्ष्मी पंचमी व्रत
देवी लक्ष्मी की पूजा से दरिद्रता दूर होती है, धन संपत्ति का आगमन सुगम होता है। चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि के दिन लक्ष्मी पंचमी व्रत को करने से जीवनयापन में आ रही धन की कमी दूर होती है। कार्य, व्यवसाय, नौकरी में चल रहा संकट का दौर समाप्त होता है। तरक्की होती है, खर्च में कमी आती है और धन का संचय बढ़ने लगता है।
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कैसे करें पूजन
श्री लक्ष्मी पंचमी व्रत करने वाले साधक इस दिन सूर्योदय पूर्व उठकर पवित्र नदियों का जल डालकर स्नान करें। शुद्ध स्वच्छ वस्त्र धारण करें। अपने पूजा स्थान को भी साफ कर लें। एक चौकी पर लाल रेशमी वस्त्र बिछाएं। अब मां लक्ष्मी की मूर्ति को पंचामृत से स्नान करवाकर चौकी पर स्थापित करें। मूर्ति ना हो तो फोटो रखें। अब चंदन, पुष्प, अक्षत, दूर्वा, लाल कमल पुष्प, सूत, सुपारी, श्रीफल, पांच प्रकार के फल, गन्ना, मिष्ठान्न आदि पूजा में अर्पित करें। इतनी सब सामग्री लाने की आपकी सामर्थ्य ना हो तो मां लक्ष्मी का पूजन करके उन्हें मिश्री का नैवेद्य लगाएं। इसके बाद वहीं बैठकर श्री सूक्त के 11 पाठ करें। शुद्ध घी के दीपक से आरती करें। ध्यान रहे पूजन के समय सुगंधित धूप लगाकर रखें। दिन भर व्रत रखें, अन्न ग्रहण ना करें। यदि आवश्यक हो तो फल और दूध ग्रहण कर सकते हैं। दूसरे दिन प्रातःकाल ब्राह्मणों को भोजन करवाकर स्वयं व्रत खोलें। व्रत के प्रभाव से दरिद्रता दूर होती है और अष्ट लक्ष्मी की प्राप्ति होती है।
इस दिन कौन से स्तोत्र पढ़ें
लक्ष्मी पंचमी व्रत के दिन व्रती को मां लक्ष्मी की प्रसन्नता के लिए श्री सूक्त, ललिता सहस्त्रनाम, कनकधारा स्तोत्र, लक्ष्मी स्तोत्र का पाठ करना चाहिए। ललिता पंचमी के दिन की गई लक्ष्मी साधना स्थायी फल देने वाली होती है। इस दिन की गई आराधना कभी निष्फल नहीं होती।
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