HOLI 2021: होलिका दहन पर भूलकर भी न करें ये एक गलती, हो जाएंगे कंगाल
गाजियाबाद। आज छोटी होली है। छोटी होली पर होलिका दहन करने की परंपरा है। इसे बुराई पर अच्छाई की जीत से जोड़कर देखा जाता है। कल यानी कि 29 मार्च को रंगों वाली होली खेली जाएगी, जिसे धुलण्डी होली के नाम से भी जाना जाता है। पंडितों की मानें तो होलिका दहन के दिन गलती से भी ये एक गलती न करें नहीं तो आप कंगाल हो जाएंगे। जी हां होलिका दहन वाले दिन किसी को पैसे उधार देने की गलती ना करें। इस दिन ऐसा करने से पूरे साल घर में पैसों की कमी रहती है। इसके चलते पूरे साल सुख-समृद्धि की भी कमी रहती है।
ये गलती से भी ना करें
- यदि किसी महिला का सिर्फ एक पुत्र है तो उसे होलिका दहन की अग्नि प्रज्वलित नहीं करनी चाहिए।
- सफेद चीजें खाने से सख्त परहेज करना चाहिए। इससे नकारात्मक शक्तियां आर्कषित होती हैं।
- होलिका दहन में आम, वट और पीपल की लकड़ी जलाना बेहद अशुभ समझा जाता है।
ये है होलिका पूजन का मंत्र
अहकूटा
भयत्रस्तै:
कृता
त्वं
होलि
बालिशै:
अतस्तां
पूजयिष्यामि
भूति
भूति
प्रदायिनीम।
होलिका पूजन के लिए शुभ मुहूर्त
रविवार सुबह 10 बजकर 16 मिनट से ही होलिका पूजन का शुभ पहर शुरू हो गया था। भद्रा अवधि में शुभ योग 10 बजकर 31 मिनट तक था। वहीं, दोपहर 01 बजरर 13 मिनट से शाम 06 बजे तक भद्रा पश्चात लाभामृत योग था। इसके बाद 06 बजकर 22 मिनट से रात 11 बजकर 18 मिनट तक होलिका दहन का शुभ पहर है, इस समय के बीच कभी भी होलिका दहन किया जाना शुभ माना जाएगा। होलिका पूजन के लिए शुभ मुहूर्तशाम 06 बजकर 22 मिनट से रात 08 बजकर 52 मिनट तक है। वहीं, शाम 06 बजकर 22 मिनट से शाम 07 बजकर 10 मिनट तक प्रदोष काल विशेष मंगल मुहूर्त है।
होलिका दहन की कथा
आज होलिका दहन को छोटी होली भी कहते हैं, आज के दिन लोग अच्छाई की बुराई की जीत का जश्न मनाते हैं। होली भारत के सबसे पुराने पर्वों में से एक है। यह कितना पुराना है इसके विषय में ठीक जानकारी नहीं है लेकिन इसके विषय में इतिहास पुराण और साहित्य में अनेक कथाएं मिलती है, जिसमें सबसे लोकप्रिय कहानी है भक्त प्रहलाद और होलिका की, जिनकी वजह से ही होलिका दहन की परंपरा शुरू हुई।
Holi 2021: 499 साल बाद आया अद्भुत संयोग, भूल से भी न करें ये गलती