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जानिए पूजा करते वक्त क्यों जलाते हैं 'घी' का दीपक?
नई दिल्ली। अगर आप कोई पूजा-पाठ विधि-विधान से करते हैं तो उस विधान में हमेशा कहा गया है कि भक्त को 'घी' का दीपक जलाकर पूजा करनी चाहिए लेकिन क्या कभी आपने सोचा है कि आखिर क्यों 'घी' के दीपक पर इतना जोर दिया जाता है?
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चलिए आपको बताते हैं कि क्या है इसका कारण...
- 'घी' को सबसे शुद्द माना जाता है क्योंकि घी का निर्माण गौ-माता के दूध से होता है, जो सबसे पवित्र होता है और पवित्र चीजों से पूजा करने से इंसान का दिल-दिमाग-वातावरण सब पवित्र होते हैं।
- 'घी' के अंदर एक सुगंध होती है जो जलने वाले स्थान पर काफी देर तक अपनी उपस्थिति दर्ज कराती है, जिसकी वजह का पूजा का असर काफी देर तक पूजा स्थल पर रहता है।
- ऐसी मान्यता है कि हमारे शरीर में 7 चक्र होके हैं, 'घी' के कारण उनमें ऊर्जा का संचार होता रहता है।
- घर में 'घी' का दीपक जलाने से वास्तुदोष दूर होते हैं।
- गाय के दूध से बना 'घी' कीटाणओं को घर में घुसने नहीं देता है इसलिए इसका प्रयोग किया जाता है।
- 'घी' की महक से पूरा वातावरण पूजा स्थल में परिवर्तित हो जाता है और वो लोग भी इसमें शामिल हो जाते हैं जो पूजा नहीं कर रहे होते हैं।
- 'घी' का दीपक सकारात्मक ऊर्जा को जन्म देता है।
- 'घी' को पंचामृत का रूप मानते हैं, इसलिए इसका दीपक जलाते हैं।
English summary
Ghee lamp has more capacity to attract the sattvik vibrations present in the surrounding atmosphere as compared to oil lamp.
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