Devutthana Ekadashi 2022 Date: कब है देव उठनी एकादशी? क्या है विवाह के मुहर्त?
देवोत्थान एकादशी: 117 दिन के चातुर्मास के बाद भगवान श्रीहरि विष्णु 4 नवंबर 2022 शुक्रवार को योगनिद्रा से जागेंगे। 4 नवंबर को देव प्रबोधिनी, देवोत्थान एकादशी है। इस दिन तुलसी विवाह भी करवाया जाता है। देव उठनी एकादशी से विवाह भी प्रारंभ होते हैं लेकिन इस बार शुक्र का तारा अस्त होने के कारण शहनाई नहीं बज सकेगी। हालांकिअबूझ मुहूर्त होन के कारण कई जगह सामूहिक विवाह समारोह जरूर संपन्न होंगे।
शुक्र अस्त होने के कारण चातुर्मास में मांगलिक आयोजनों पर लगा विराम 138 दिन लंबा हो गया है। शुक्र 23 नवंबर को पश्चिम दिशा में उदय होगा इसके बाद विवाह, उपनयन संस्कार, गृह प्रवेश सहित विभिन्न मांगलिक कार्यों का पहला शुद्ध मुहूर्त 26 नवंबर को है।
इस वर्ष विवाह के 8 शुद्ध मुहर्त
इस वर्ष देवशयनी एकादशी 10 जुलाई को थी लेकिन इससे पहले अंतिम शुद्ध मुहूर्त 9 जुलाई को था। इस प्रकार 9 जुलाई से ही विवाह आदि मांगलिक कार्य थम गए थे। अब 4 नवंबर को भगवान विष्णु योगनिद्रा से जागेंगे लेकिन अभी 23 नवंबर तक शुक्र अस्त है। इस प्रकार 26 नवंबर से विवाह के मुहूर्त प्रारंभ होंगे। नवंबर में तीन और दिसंबर में पांच सहित इस वर्ष कुल आठ मुहूर्त हैं। इस वर्ष विवाह का अंतिम मुहूर्त 14 दिसंबर को रहेगा। 16 दिसंबर से सूर्य के धनु राशि में प्रवेश के साथ ही मलमास लग जाएगा और फिर एक माह के लिए मांगलिक कार्यों पर विराम लग जाएगा।
विवाह के मुहर्त
- नवंबर : 26, 27, 28 कुल तीन दिन।
- दिसंबर : 2, 7, 8, 9, 14 कुल पांच दिन।
- जनवरी : 19, 25, 26, 27, 31 कुल पांच दिन।
- फरवरी : 9, 10, 15, 16, 22 पांच दिन।
- मार्च : 8, 9 दो दिन।
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