केंद्र सरकार की स्वामित्व स्कीम के लिए योगी सरकार ने शुरू किया सर्वे, घरों के असली मालिकों को मिलेगा हक
लखनऊ। गांव में घर है लेकिन उसका मालिकाना हक नहीं है। आजादी के बाद पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर तैयार की गई स्वामित्व योजना ग्रामीण आबादी में बने घरों के असली मालिकों को मालिकाना हक देगी। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने केंद्र सरकार की इस योजना अमली जामा पहनाने के लिए पूरे प्रदेश के 75 जिलों में सर्वे शुरू करा दिया है। शुरुआती दौर में प्रत्येक जिले के 20-20 गांवों को चुना गया है जहां सर्वे शुरू किया जा चुका है। खतौनी की तर्ज पर घरों के रिकार्ड के लिए घरौनी तैयार की जाएगी।
प्रदेश के सभी जिलों के 20-20 गांवों में स्वामित्व योजना के तहत आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करते हुए सर्वे शुरू करा दिया गया है। पहले चरण में वास्तविक ग्रामीण आबादी में मौजूदा सभी घरों, उनके क्षेत्रफल आदि का सर्वे कर घरों के मालिकों की सूची तैयार कर घरौनी बनाई जाएगी। इसके बाद सभी खातेदारों की आपत्तियों का निस्तारण करने के बाद अंतिम रूप से मालिकाना हक घोषित किया जाएगा। इसके अलावा ग्रामीण आबादी में मौजूद सभी घरों की नम्बरिंग की जाएगी। इसका सबसे बड़ा फायदा पट्टीदारों के बीच विवाद समाप्त होने के साथ ही घरों का मालिकाना हक मिलने से उन पर बैंक लोन आदि भी मिल सकेगा।
दरअसल गांवों की कृषि भूमि, ग्रामसभा, बंजर आदि भूमि का रिकार्ड तो रेवन्यू विभाग के पास होता है। कृषि भूमि का मालिकाना हक दिखाने के लिए खसरा खतौनी बनाई जाती है लेकिन आबादी में बने घरों का मालिकाना हक के लिए कोई दस्तावेजी प्रमाण नहीं होता। आबादी में जिसका कब्जा है वही मालिक है लेकिन इसका कानूनी मालिकाना हक किसके पास है इसका कोई रिकार्ड नहीं होता है। इसकी वजह से तमाम परेशानियां सामने आती हैं। घरों का बंटवारा होने के बाद भी विवाद समाप्त नहीं होता है। इससे अदालती मुकदमें बढ़ते जा रहे हैं। इसके अलावा गांवों के घरों की यूनिक आईडी नहीं होती। मालिकाना हक नहीं होने से घरों को बैंकों में मॉर्गेज पर नहीं रखा जा सकता है। इस योजना के तहत मालिकाना हक मिलने के बाद खतौनी की तर्ज पर घरौनी बनेगी।
कैसे
किया
जा
रहा
है
सर्वे
राम
नगरी
अयोध्या
के
करीब
20
गांवों
में
ड्रोन
की
मदद
से
स्वामित्व
सर्वे
चल
रहा
है।
इसकी
निगरानी
कर
रहे
अयोध्या
के
जिलाधिकारी
अनुज
कुमार
झा
ने
बताया
कि
इस
योजना
के
लागू
होने
के
बाद
गांवों
मे
चल
रहे
तमाम
विवाद
समाप्त
हो
जाएंगे।
उन्होंने
बताया
कि
योजना
के
तहत
ग्रामीण
आबादी
का
जीपीएस
ड्रोन
की
मदद
से
एरियल
सर्वे
किया
जाएगा।
आबादी
में
बने
प्रत्येक
घर
की
जियो
टैगिंग
की
जाएगी।
साथ
ही
प्रत्येक
घर
का
क्षेत्रपल
भी
दर्ज
किया
जाएगा।
इसके
अलावा
प्रत्येक
घर
को
एक
यूनिक
आईडी
या
पता
दिया
जाएगा।
सर्वे
के
बाद
घरौनी
में
प्रत्येक
घर
के
कब्जेदार
व
खाते
दारों
के
नाम
दर्ज
किए
जाएंगे।
फिर
सभी
खातेदारों
से
आपत्तियां
मांगकर
उनका
निस्तारण
करने
के
बाद
घरों
का
मालिकाना
हक
स्वामित्व
कार्ड
के
रूप
में
प्रदान
किया
जाएगा।
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