दिल्ली सरकार की मेहनत लाई रंग, तेजी से कम हो रहे कोरोना केस, संक्रमण दर भी घटी
नई दिल्ली, 20 मई: देश में जब कोरोना महामारी की दूसरी लहर आई, तो राजधानी दिल्ली भी बुरी तरह प्रभावित हुई। जिसको देखते हुए केजरीवाल सरकार ने काफी कड़े कदम उठाए। जिस वजह से हालात अब कंट्रोल में आ रहे हैं। साथ ही अस्पतालों में बेडों और ऑक्सीजन की भी मांग कम हो गई है। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सतेंद्र जैन के मुताबिक उनकी सरकार ने बच्चों को तीसरी लहर के बचाने की तैयारी शुरू कर दी है।
स्वास्थ्य मंत्री सतेंद्र जैन मौजूदा स्थिति को लेकर कहा कि दिल्ली में 18 मई को कोरोना के 4482 मामले आए थे और संक्रमण दर 6.89 फीसद रही है। दिल्ली के अंदर 24 अप्रैल के बाद से मामले धीरे-धीरे कम हो रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि राजधानी में 18 से 44 आयु वर्ग के लिए को-वैक्सीन की डोज खत्म गई है और दो दिनों के लिए कोविशील्ड की वैक्सीन बची हुई है। वैक्सीन की आपूर्ति को लेकर केंद्र सरकार से अभी तक दिल्ली सरकार के पास कोई जानकारी नहीं भेजी है। अगर केंद्र दिल्ली सरकार को 18 से 44 आयु वर्ग के लिए वैक्सीन उपलब्ध नहीं करवाती है तो दिल्ली में वैक्सीनेशन बंद हो जाएगा।
दिल्ली में पहले कोरोना के मामले 1 दिन में 28 हजार तक आ रहे थे, जो अब छह हजार से नीचे होते-होते चार हजार के करीब पहुंच गए हैं। उन्होंने कहा कि कोरना की संक्रमण दर को 2 फीसदी से कम पर लाने का लक्ष्य है। दिल्ली में अब हालात पहले से बेहतर हैं। पांच फीसदी से अधिक संक्रमण दर को काफी खराब माना जाता है।
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जैन ने कहा कि ब्लैक फंगस का उपचार तय नियमों के मुताबिक किया जाता है। इसका पहले भी उपचार हो रहा था। ब्लैक फंगस का इलाज घर पर नहीं हो सकता है। ऐसे में कोशिश करेंगे कि उपचार की दवाएं अस्पतालों को सीधे मिलें। हमने दवाइयों की मांग की है कि हमें ज्यादा संख्या में इनकी डोज दी जाएं। हमने अभी एक लाख दवाओं की मांग की है।