गुजरात में बंजर भूमि पर पैदावार के लिए CM रूपाणी ने शुरू कराया ‘मुख्यमंत्री बागायत विकास मिशन'
अहमदाबाद। बंजर भूमि को उपजाऊ बनाने के लिए गुजरात सरकार ने एक नए मॉडल को लागू करने का फैसला किया है। राज्य के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने मुख्यमंत्री बाग़ायत विकास मिशन की घोषणा की है। इसके तहत बंजर जमीन को उपजाऊ बनाने और उनके क्षेत्रफल में वृद्धि करने के कदम उठाए जाएंगे। इसके तहत बंजर ज़मीन में हॉर्टिकल्चरल और मेडिसिनल प्लांट की खेती को बढ़ावा दिया जाएगा। मुख्यमंत्री का कहना है कि, बगायती मिशन के तहत राज्य के विभिन्न ज़िलों में स्थित सरकारी बंजर ज़मीन को लंबी अवधि के लिए लीज़ पर दिया जाएगा।
'मुख्यमंत्री बाग़ायत विकास मिशन' के तहत ही राज्य के विभिन्न ज़िलों में स्थित सरकारी बंजर ज़मीनों को लंबी अवधि के लिए लीज़ पर देकर और इसे उपजाऊ बनाया जाएगा और इस पर हॉर्टिकल्चरल और मेडिसिनल क्रॉप्स की खेती को बढ़ावा दिया जाएगा। राज्य सरकार के इस महत्वपूर्ण निर्णय से न केवल सरकारी बंजर ज़मीनों का सदुपयोग हो सकेगा बल्कि साथ ही, हॉर्टिकल्चरल और मेडिसिनल क्रॉप्स की खेती से इन क्रॉप्स को निर्यात कर किसानों की आय को भी बढ़ाया जा सकेगा।
इस मिशन की घोषणा करते हुए मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने बताया कि राज्य में शुष्क, अर्ध शुष्क क्षेत्र और तटीय खारे क्षेत्र अधिक होने के कारण कृषि विकास एक चुनौती के समान है। लेकिन गुजरात सरकार ने हमेशा से ही चुनौती को अवसर में बदलते हुए राज्य में कृषि के विकास के लिए कई उल्लेखनीय कदम जैसे कृषि महोत्सव, सोयल हेल्थकार्ड, सुजलाम सुफलामजल अभियान, ड्रिपईरीगेशन, किसान कल्याण के सात कदम, किसान सूर्योदय योजना, मुख्यमंत्री पाक संग्रह योजना आदि योजनाओं को राज्य में सफलतापूर्वक कार्यान्वित किया है।
रुपाणी ने आगे कहा कि, राज्य की 196 लाख हेक्टेयर ज़मीन में से 50 प्रतिशत यानि 98 लाख हेक्टेयर जमीन पर खेती की जाती । राज्य की जो बंजर ज़मीने हैं उसमें हॉर्टिकल्चरल और मेडिसिनल क्रॉप्सको उत्पादित करने की विशाल संभावनाएं हैं। राज्य के 4.46 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में फलों की खेती की जाती है। साल 2019-20 में गुजरात ने 96.21 लाख मीट्रिकटन की उत्पादन क्षमता के साथ फल और सब्ज़ियों के कुल उत्पादन में देश में लगभग 9.20 प्रतिशत का महत्व पूर्ण योगदान दिया है।
पत्रकारों को संबोधित करते हुए रुपाणी ने आगे कहा कि,गुजरात की कुल उपजाऊ भूमि में 20 हजार हेक्टेयर भूमि की वृद्धि हुई है। विशेष रूप से उत्तर गुजरात और कच्छ के क्षेत्र, आज फसलों के हब के रूप में उभरे हैं, उन क्षेत्रों में अनार, अमरूद, खजूर और पपीते जैसे फल उगाये जाते हैं।
राज्य सरकार द्वारा कृषि तकनीक को प्रोत्साहन, सिंचाई की सुविधा और किसान हित लक्षी नीतियों के परिणाम स्वरूप शुष्क, अर्ध शुष्क और खारे क्षेत्रों में भी कृषि उत्पादन अब हो रहा है। मुख्यमंत्री ने गे बताया कि राज्य के कच्छ, बनासकांठा, पाटण, साबरकांठा और सुरेन्द्रनगर जैसे ज़िलों में सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराने की योजनाएं सफल हुई है, सके परिणाम स्वरूप इन क्षेत्रों की बंजर ज़मीनों को भी आधुनिक तकनीक की मदद से उपजाऊ बनाकर फल-फूल की खेती की जा रही है।
रुपाणी ने कहा कि, अब राज्य सरकार इन जिलों में स्थित बंजर सरकारी ज़मीनों को भी आधुनिक तकनीक के उपयोग से उपजाऊ बनाकर वहाँ हॉर्टिकल्चरल और मेडिसिनल क्रॉप्स की खेती करना चाहती है। ऐसे कॉमर्शियल क्रॉप्स की खेती के माध्यम से किसानों कीआय दुगुनी करने और रोज़गार के अवसर बढ़ाने के लिए मुख्यमंत्री बागायत विकास मिशन की पहल की गई है।
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प्रथम चरण के तहत इस मिशन को राज्य के पांच ज़िलों कच्छ, सुरेन्द्रनगर, पाटण, बनासकांठा और साबरकांठा में कार्यान्वित किया जाएगा। इस मिशन के तहत बंजर सरकारीज़ नों में से राज्य सरकार द्वारा निर्धारित किये गये क्षेत्रों और सर्वे नंबर की लगभग 20 हजार हेक्टेयर ज़मीन,केवल इन्हीं प्रकार की फसलों की बुवाई के लिए उपलब्ध कराई जाएगी। इन बंजर ज़मीनों को 30 साल के लिए लीज़ पर आवंटित किया जाएगा।
मुख्यमंत्री द्वारा घोषित इस मिशन में महत्वपूर्ण प्रावधानों में से एक प्रावधान यह है कि खेती के लिए आवंटित की जाने वाली बंजर ज़मीनों पर प्रथम 5 सालों के लिए कोई रेन्ट नहीं लिया जाएगा। मुख्यमंत्री बागायत विकास मिशन के अंतर्गत ज़मीन की चुनने, उसका आवंटन, लीज़ पर देने की अवधि, मामूली दर पर वार्षिक लीज़रेन्ट और सिक्योरिटी डिपोज़िट की पूरी प्रक्रिया पारदर्शी रूप से की जायेगी।