उत्तराखंड में राज्य सरकार ने प्राकृतिक आपदाओं के लिहाज से गांवों को तीन श्रेणियों में बांटा
देहरादून, जून 7। प्राकृतिक आपदाओं के लिहाज से उत्तराखंड राज्य बहुत ही संवेदनशील राज्य है। समय-समय पर उत्तराखंड में कई आपदाएं ऐसी आई हैं, जिन्होंने राज्य को बहुत पीछे धकेल दिया। इस स्थिति को देखते हुए प्रदेश सरकार ने राज्य के गांवों को श्रेणी के हिसाब से बांट दिया है। राज्य सरकार ने गांवों को अतिसंवेदनशील, संवेदनशील और कम संवेदनशील श्रेणी में गांवों को बांटा है।
अतिसंवेदनशील आपदा प्रभावित गांवों के पुनर्वास के लिए आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डा. धन सिंह रावत की अध्यक्षता में सोमवार को विधानसभा में समीक्षा बैठक हुई। इसमें सभी अति संवेदनशील आपदा प्रभावित क्षेत्रों के विधायक भी शामिल हुए।
उत्तराखंड आपदा की दृष्टि से बेहद संवेदनशील है। यहां तकरीबन 400 से अधिक गांव आपदा की जद में हैं। बरसात के दौरान यहां भूस्खलन आदि का खतरा बना रहता है। मानसून सीजन को देखते हुए विभाग अभी से इन गांवों के पुनर्वास की तैयारी में जुट गया है। इस कड़ी में आपदा प्रभावित गांवों के पुनर्वास पर बैठक आयोजित की गई है।
राज्यमंत्री धन सिंह रावत ने कहा कि आगामी मानसून सीजन के मद्देनजर राज्य के आपदा प्रभावित गांवों का पुनर्वास सरकार की प्राथमिकता में है। इसी क्रम में इन गांवों को अतिसंवेदनशील, संवेदनशील और कम संवेदनशील श्रेणी में बांटा गया है।