मध्य प्रदेश में भारी बारिश, एक्शन मोड में आई शिवराज सिंह चौहान सरकार
भोपाल। मध्य प्रदेश के कई जिलों में बाढ़ ने भारी तबाही मचाई है. हालात को देखते हुए शिवराज सरकार एक्शन मोड में है. बता दें कि सरकार ने आज कैबिनेट की इमरजेंसी मीटिंग बुलाई है. यह मीटिंग शुरू हो गई है, जिसमें बाढ़ और भारी बारिश से हुए नुकसान और राहत कार्यों पर चर्चा चल रही है.
मीटिंग के दौरान गृह मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि बांध टूटने जैसी अफवाह न फैले, अफवाह रोकने और लोगों को सतर्क करने के सिस्टम को दुरुस्त किया जाए! मंत्री यशोधरा राजे ने बिजली आपूर्ति बहाल करने पर जोर दिया. ज्यादातर स्थानों पर पानी कम हो गया है, बारिश रुकी हुई है, राहत कार्यों में तेजी आई है.
बाढ़
राहत
राशि
देने
पर
होगा
फैसला
बाढ़
पीड़ितों
को
राहत
राशि
देने
पर
कैबिनेट
मीटिंग
में
फैसला
हो
सकता
है.
बाढ़
पीड़ितों
के
घर
ढहने,
खरीफ
की
फसल
चौपट
होने,
मशीनरी
के
बहने
और
पशुधन
की
हानि
का
तत्काल
सर्वे
करने
और
उसके
आधार
पर
पीड़ितों
क
राहत
देने
का
फैसला
कैबिनेट
मीटिंग
में
हो
सकता
है.
सीएम
शिवराज
मंत्रियों
को
बाढ़
पीड़ितों
को
मुआवजा
और
आपदा
प्रबंधन
की
जिम्मेदारी
सौंप
सकते
हैं.
बुजुर्ग के अंतिम संस्कार के अगले दिन श्मशान भूमि में लड़े परिवार के लोग, बेटी पहुंची अस्थियां लेने
देर
रात
भी
की
सीएम
ने
आपात
बैठक
इससे
पहले
बुधवार
देर
रात
भी
सीएम
शिवराज
ने
आपात
बैठक
की.
इस
बैठक
में
सीएम
ने
अधिकारियों
को
निर्देश
दिए
कि
वह
बाढ़
पीड़ितों
की
सहायता
के
लिए
जी
जान
से
काम
करें.
सीएम
ने
राहत
शिविरों
के
अलावा
प्रभावित
बस्तियों
में
भी
भोजन,
स्वच्छ
पेयजल
आदि
की
व्यवस्था
करने
के
निर्देश
दिए
हैं.
साथ
ही
टूटे
मकानों
की
मरम्मत,
बिजली
की
आपूर्ति
बहाल
करना,
टूटे
पुलों
को
दुरुस्त
कराने,
संचार
व्यवस्था
बहाल
करने
आदि
काम
भी
युद्धस्तर
पर
करने
के
निर्देश
दिए
हैं.
बाढ़ प्रभावित इलाकों में संक्रामक बीमारियां ना फैलें, इसके लिए भी इंतजाम करने के निर्देश दिए गए हैं. बता दें कि श्योपुर जिले में अभी भी बाढ़ का कहर जारी है. शहर में 20-20 फीट पानी है. बड़ी संख्या में मकान गिरे हैं.
बाढ़
ने
मचाई
भारी
तबाही
ग्वालियर
चंबल
के
शिवपुरी,
श्योपुर,
दतिया,
भिंड,
मुरैना
जिलों
में
बाढ़
ने
भारी
तबाही
मचाई
है.
बाढ़
के
चलते
दतिया
के
सेंवढा
में
40
साल
पुराना
सनकुआं
पुल,
शिवपुरी
में
मगरौनी
नरवर
मार्ग
पर
बना
पुल,
श्योपुर
का
मानपुर
पुल
और
भिंड
जिले
का
रौन
में
इंदुखीं
के
पास
सिंध
नदी
पर
बना
पुल
पानी
के
तेज
बहाव
में
बह
गए.
कई
जगह
पर
सड़कें
तबाह
हो
गईं,
भारी
संख्या
में
लोगों
के
मकान
ध्वस्त
हो
गए.
सेना,
एनडीआरएफ,
एसडीआरएफ
और
वायुसेना
की
मदद
से
लोगों
की
जान
बचाई
जा
सकी.
ग्वालियर चंबल संभाग के 1225 गांव बाढ़ से प्रभावित हुए हैं. सबसे ज्यादा नुकसान शिवपुरी जिले में हुआ है, जहां के 90 गांव बाढ़ की चपेट में आए हैं. वहीं ग्वालियर के 46 और श्योपुर के 32 गांव बाढ़ की चपेट में आए हैं.