हरियाणा में हजारों उपभोक्ताओं को खुशखबरी- बिजली क्षमता में होगी 1 हजार मेगावाट की बढ़ोतरी
चंडीगढ़. बिजली कनेक्शन के लिए सालों से बाट जोह रहे हरियाणा के करीब 84 हजार उपभोक्ताओं का इंतजार जल्द खत्म होने वाला है। हरियाणा सरकार ने लगातार बढ़ती मांग को देखते हुए अपनी बिजली क्षमता में 1 हजार मेगावाट की बढ़ोतरी करने का निर्णय लिया है। अगले साल गर्मी से पहले इसे बढ़ा लिया जाएगा। इसके बाद से लंबित कनेक्शनों को भी जारी करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। योजना के तहत या तो बाहर से बिजली खरीदी जाएगी या फिर खुद के ही बंद पड़े प्लांटों को चलाकर इसकी पूर्ति की जाएगी।
इस समय हरियाणा की कुल बिजली क्षमता 12137 मेगावाट प्रतिदिन की है। इस बार 7 जुलाई को कुल क्षमता के बराबर ही मांग पहुंच गई थी। इसके बाद भी लगातार बिजली की मांग जारी रही। खपत ज्यादा होने के चलते कई जिलों में अघोषित कटों का सामना भी करना पड़ा।
लंबित
कनेक्शन
को
लेकर
आयोग
भी
दे
चुका
है
निर्देश
इस
समय
दक्षिण
हरियाणा
बिजली
वितरण
निगम
के
60,585
और
उत्तर
हरियाणा
बिजली
वितरण
निगम
के
करीब
24,058
कनेक्शन
लंबित
हैं।
लंबित
बिजली
कनेक्शनों
को
लेकर
हरियाणा
विद्युत
विनियामक
आयोग
भी
दोनों
निगमों
को
प्रक्रिया
में
तेजी
लाने
के
निर्देश
जारी
कर
चुका
है।
इसके
अलावा,
करीब
40
हजार
ट्यूबवेल
कनेक्शनों
के
लिए
भी
किसान
इंतजार
कर
रहे
हैं।
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कहां
कितनी
है
क्षमता
प्रदेश
में
कुल
बिजली
की
क्षमता
12187
मेगावाट
रोजाना
की
है।
इनमें
हरियाणा
पावर
जनरेशन
कॉरपोरेशन
की
2382,
भाखड़ा
बांध
से
846,
सेंट्रल
पावर
से
3022
और
प्राइवेट
क्षेत्र
से
5700
मेगावाट
बिजली
मिलती
है।
प्रदेश
सरकार
का
अडानी
कंपनी
के
साथ
1424
मेगावाट
बिजली
खरीद
का
अनुबंध
है।
प्रदेश
के
थर्मल
प्लांटों
की
बात
करें
तो
पानीपत
थर्मल
प्लांट
की
यूनिट
नंबर
6,
210,
यूनिट
7
और
8
की
क्षमता
250-250
मेगावाट
है।
दीन
बंधू
छोटूराम
यमुनागर
प्लांट
की
दो
यूनिटों
की
क्षमता
300-300,
खेदड़
की
दोनों
यूनिटों
की
600-600
मेगावाट
है।
इंदिरा
गांधी
सुपर
थर्मल
पावर
प्लांट
की
तीनों
यूनिटों
की
क्षमता
500-500
मेगावाट
है,
यहां
पर
हरियाणा
का
शेयर
50
प्रतिशत
है।
इसी
प्रकार
महात्मा
गांधी
सुपर
थर्मल
प्लांट
की
दोनों
यूनिट
600-600
मेगावाट
की
हैं।
इस बार कुल क्षमता के मुकाबले बिजली की मांग पहुंच गई थी। इसी के चलते अगले सीजन को देखते हुए विभाग ने एक हजार मेगावाट की क्षमता बढ़ाने का निर्णय लिया है। आगामी सीजन से पहले यह क्षमता बढ़ जाएगी। इसके बाद लंबित चल रहे कनेक्शनों को देने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। - पीके दास, एसीएस, बिजली विभाग।