छत्तीसगढ़ः सरकार पेड़ों की कटाई और उनके परिवहन के नियमों का सरलीकरण करेगी
रायपुर। छत्तीसगढ़ में पौधारोपण को बढ़ावा देने और उसे आय का जरिया बनाने के लिए सरकार पेड़ों की कटाई और उनके परिवहन के नियमों का सरकार सरलीकरण करेगी। राज्य में शुरू हुए मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना के तहत फलदार पौधों के साथ ही इमारती और वाणिज्यिक पौधों के रोपण को सरकार बढ़ावा देगी। योजना का रविवार को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने औपचारिक शुरुआत की। कार्यक्रम में प्रदेश के विभिन्न जिलों से जनप्रतिनिधियों के साथ किसान व अन्य लोग जुड़े थे, जिनसे मुख्यमंत्री ने सीधा संवाद किया।
इस दौरान कांकेर के एक किसान ने मुख्यमंत्री से योजना के तहत किसानों को तीन वर्ष तक दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि को पांच वर्ष तक देने का आग्रह किया। इसी तरह पाटन के एक किसान ने तुलसी के पौधे लगाने पर जोर दिया।
कार्यक्रम के प्रारंभ में वन विभाग के प्रमुख सचिव मनोज पिंगुआ ने कहा कि यह योजना बहुत सारे उद्देश्यों को लेकर शुरू किया जा रहा है। वृक्ष कटाई के नियमों को सरल किया जाएगा। यह योजना एक नई योजना है। इस वजह से हो सकता है कि क्रियान्वयन में प्रारंभ में कुछ दिक्कत आ सकती है, उसे दूर किया जाएगा। उन्होंने कहा कि योजना गेम चेंजर साबित होगा।
एसीएस सुब्रत साहू ने कहा कि इस योजना के तहत राज्य में पर्यावरण को संतुलित रखने के लिए सरकार कोशिश कर रही है। उन्होंने बताया कि राज्य के पांच बड़े शहरों में लगातार वायु गुणवत्ता की मानिटरिंग की जा रही है। पांच प्रमुख नदियों के पुनर्उद्धार के लिए एक्शन प्लान तैयार किया जा रहा है।
नवा रायपुर में केंद्रीय प्रयोगशाला की स्थापना की जा रही है। मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में मुख्यमंत्री के सलाहकार द्वय राजेश तिवारी और विनोद वर्मा और मुख्यमंत्री के सचिव सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी भी उपस्थित थे।
अरपा के किनारे पौने दो एकड़ में पौधारोपण
कार्यक्रम के दौरान बिलासपुर वनमंडल क्षेत्र में अरपा नदी के किनारे 1.73 एकड़ भूमि पर वन प्रबंधन समिति खरगहना की तरफ से 725 फलदार पौधों का रोपण किया गया।
30 एकड़ जमीन में अमरुद की खेती
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री बघेल ने बताया कि वे स्वयं अपने 30 एकड़ खेत में इस वर्ष अमरुद के पौधे लगवा रहे हैं।