CM भूपेश बघेल ने पेश 2485 करोड़ का अनुपूरक बजट, भूमिहीन परिवार को हर साल मिलेगा 6 हजार रुपये
रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्य में राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना लागू करने की घोषणा की है। इस योजना के तहत भूमिहीन और पात्र परिवारों को प्रतिवर्ष छह हजार रुपये की मदद मिलेगी। यह योजना वित्तीय वर्ष 2021-22 से लागू होगी। जबकि अनुपूरक बजट में इसके लिए 200 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
छत्तीसगढ़ विधानसभा में बुधवार को मुख्यमंत्री बघेल ने अनुपूरक बजट पर चर्चा के दौरान राज्य के ग्रामीण अंचल के भूमिहीन कृषि मजदूर परिवारों को राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना के तहत प्रतिवर्ष छह हजार रुपये की आर्थिक मदद देने की घोषणा की। वहीं, सरकार ने विधानसभा में 2485.59 करोड़ रुपये का अनुपूरक बजट ध्वनिमत से पारित कर दिया गया।
सीएम
ने
कही
ये
बात
सीएम
बघेल
ने
चर्चा
के
दौरान
कहा
कि
छत्तीसगढ़
किसानों
को
प्रदेश
है,
किसान
हमारे
अन्नदाता
है।
इस
अनुपूरक
बजट
की
संरचना
को
देखकर
यह
स्पष्ट
हो
जाता
है
कि
हमने
अपनी
न्याय
की
अवधारणा
को
आगे
बढ़ाया
है।
उन्होंने
आगे
कहा
कि
केन्द्र
सरकार
ने
60
लाख
मीट्रिक
टन
चावल
लेने
की
सहमति
दी
थी,
लेकिन
छत्तीसगढ़
से
मात्र
24
लाख
मीट्रिक
टन
चावल
लिया
है।
इसके कारण अतिशेष धान की नीलामी हमें घाटा उठाकर करनी पड़ रही है। इसके बावजूद हम हर हाल में किसानों की मदद कर रहे हैं, इसके लिए हमें भले ही कर्ज लेना पड़े। इसके अलावा उन्होंने कहा कि राजीव गांधी किसान न्याय योजना से लेकर राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना तक, बहुत कम समय में इसके लाभ का दायरा लाखों लोगों तक पहुंच गया है।
सरकार
निभा
रही
है
अपना
वादा
मुख्यमंत्री
ने
कहा
कि
अन्नदाता
किसान
हो
या
बेसहारा
मजदूर,
राज्य
सरकार
ने
सभी
के
लिए
किए
गए
वायदे
निभाने
का
सिलसिला
जारी
रखा
है।
किसानों
और
गौ-पालकों
के
लिए
लागू
की
गई
न्याय
योजनाओं
की
अगली
कड़ी
में
भूमिहीन
कृषि
मजदूरों
के
लिए
राजीव
गांधी
ग्रामीण
भूमिहीन
कृषि
मजदूर
न्याय
योजना
लागू
होने
वाली
है।
इस
योजना
के
लिए
इस
अनुपूरक
बजट
में
200
करोड़
रुपये
का
प्रावधान
किया
गया
है।
इसके अलावा सीएम बघेल ने कहा कि कोरोना वायरस की पहली और दूसरी लहर के दौरान जिन सुविधाओं के अभाव ने कड़ी चुनौतियां पेश की थी, उसे सरकार जल्द से जल्द दूर करके बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं को पूरे प्रदेश में पहुंचाना चाहती है, इसलिए राज्य सरकार ने स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग के लिए इस अनुपूरक बजट में 957 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है।