छत्तीसगढ़ में बेहतर आपात सेवा के लिए डायल 112 को मिला आइएसओ प्रमाण पत्र
रायपुर। छत्तीसगढ़ में आपातकाल में बेहतर पुलिसिंग कार्य में अपना योगदान दे रही डायल 112 को आइएसओ प्रमाण पत्र (ISO certificate) दिया गया है। डायल 112 की टीम ने प्रदेश में 829 महिलाओं को असुरक्षित महसूस होने पर उन्हें सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया। इसके अलावा गर्भवतियों को अस्पताल पहुंचाना हो या फिर माता-पिता से भटके बच्चों को उन्हें सुरक्षित वापस घर लाना हो इन सब कार्यों में डायल 112 की टीम ने सराहनीय कार्य किया है। अब तक 8200 बच्चों को उनके माता-पिता के पास पहुंचाया। इसके अलावा कोरोना काल में 34,671 जरूरतमंदों को मदद पहुंचाई। वहीं सड़क हादसे के 1,66,000 मामलों में घायलों को अस्पताल पहुंचाया। साथ ही प्रसव पीड़ा से पीडि़त 46 हजार महिलाओं को सुरक्षित अस्पताल पहुंचाया गया।
इसके अलावा कई गर्भवतियों ने अस्पताल पहुंचाने के दौरान डायल 112 वाहन में ही बच्चों को जन्म दिया है। इसके अलावा आगजनी के 23,030 प्रकरणों में तुरंत सहायता के लिए मौके पर 112 की टीम पहुंची। कोरोना काल में भी आपालकालीन सेवा के लिए अधिकारियों और कर्मचारियों ने अपनी जान की परवाह किए बगैर लोगों को सहायता पहुंचाई। इस दौरान डायल 112 के चार चालकों को कोरोना संक्रमण से जान गंवाना पड़ा, लेकिन बावजूद इसके अन्य कर्मचारियों व अधिकारियों के मदद करने के हौसले में कोई कमी नहीं दिखी और लगातार अपनी सेवाएं जरूरतमंदों को देते रहे।
इन्हीं नेक कामों का फल है कि भारत सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ डायल 112 को स्मार्ट पुलिसिंग के लिए भारत में पहला स्थान मिला, जिस पर भारत सरकार ने फिक्की अवार्ड से सम्मानित किया और बेहतर आपातकालीन सेवा के लिए आइएसओ/ आइईसी 27001:2013 (ISO/IEC) का प्रमाण पत्र दिया गया है। डायल 112 की इस उपलब्धि पर डीजीपी दुर्गेश माधव अवस्थी और पुलिस महानिदेशक आरके विज ने खुशी जाहिर करते हुए शुभकामनाएं दी।