कौन हैं कजरी बनर्जी ? CM ममता की रिश्तेदार जो उन्हीं के वार्ड से बनीं हैं कोलकाता निगम चुनाव में उम्मीदवार
कोलकाता, 8 दिसंबर: पश्चिम बंगाल में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की एक और करोड़पति रिश्तेदार चुनावी राजनीति में उतर गई हैं। कजरी बनर्जी को टीएमसी ने कोलकाता नगर निगम चुनाव में उसी वार्ड से प्रत्याशी बनाया है, जहां सीएम बनर्जी खुद भी रहती हैं और यह वार्ड उसी भबानीपुर विधानसभा क्षेत्र में है, जहां से मुख्यमंत्री उपचुनाव जीतकर एमएलए भी बनी हैं। लेकिन, सीपीएम और बीजेपी जैसी विपक्षी पार्टियों का ममता बनर्जी का यह कदम पसंद नहीं आ रहा है और वो उनपर वंशवाद की राजनीति को बढ़ावा देने का आरोप लगा रही हैं। जबकि, टीएमसी की दलील है कि क्या किसी कार्यकर्ता को सिर्फ इसीलिए राजनीति से दूर कर दिया जाए कि वह मुख्यमंत्री की नजदीकी रिश्तेदार है।
ममता बनर्जी की भाभी निगम चुनाव में उम्मीदवार
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के परिवार की एक और सदस्य पश्चिम बंगाल की चुनावी राजनीति में उतर आई हैं। यह हैं मुख्यमंत्री की भाभी कजरी बनर्जी, जिन्हें टीएमसी ने 19 दिसंबर को होने वाले कोलकाता नगर निगम चुनाव में उम्मीदवार बनाया है। दिलचस्प बात ये है कि तृणमूल ने कजरी बनर्जी को उसी वार्ड नंबर-73 से उतारा है, जहां सीएम ममता रहती हैं। उन्होंने 29 नवंबर को नामांकन दाखिल करने के बाद कहा था कि 'मैं पूरे साल लोगों के लिए काम करती हूं, मैं हमेशा लोगों से जुड़ी रहती हूं। मुझे खुशी है कि दीदी (ममता) ने मुझे मौका दिया है।' ममता के भतीजे अभिषेक बनर्जी के बाद कजरी उनके परिवार की दूसरी ऐसी सदस्य हैं, जो सीधे चुनावी राजनीति में उतर गई हैं।
ममता के 6 भाई हैं और कजरी कार्तिक बनर्जी की पत्नी हैं
ममता बनर्जी के कुल 6 भाई हैं, लेकिन उनमें से किसी ने कभी भी खुद प्रदेश की चुनावी राजनीति में सीधे हिस्सा नहीं लिया, लेकिन परोक्ष तौर पर वह प्रदेश की गतिविधियों में सक्रिय जरूर रहे हैं। मसलन, कार्तिक बनर्जी टीएमसी जय हिंद बाहिनी के अध्यक्ष हैं और कजरी बनर्जी उन्हीं की पत्नी हैं। एक भाई बाबुन बनर्जी मोहन बगान के फुटबॉल सचिव हैं तो गणेश बनर्जी कजरी बनर्जी के चुनाव अभियान में लगे हुए हैं। मुख्यमंत्री ने अपनी भाभी को टिकट देने के लिए पार्टी के डेढ़ दशक से सीटिंग काउंसलर रतन मलाकार का पत्ता साफ कर दिया है। हालांकि, उन्होंने निर्दलीय लड़ने की सुगबुगाहट दिखाई थी, लेकिन टीएमसी की टॉप लीडरशिप ने उन्हें शांत करा दिया।
3.89 करोड़ रुपए की संपत्ति की मालकिन हैं कजरी
कोलकाता नगर निगम के चुनाव में वार्ड मेंबर के उम्मीदवार के तौर पर 53 वर्षीय कजरी बनर्जी ने चुनावी हलफनामे में कुल 3.89 करोड़ रुपए की संपत्ति घोषित की है। इसमें 2,45,56,883.40 रुपए की चल और 1,41,26,116.50 रुपए की अचल संपत्ति शामिल है। ये भी कोलकाता की प्रतिष्ठित कालीघाट इलाके के उसी हरीश चटर्जी स्ट्रीट में रहती हैं, जहां ममता बनर्जी का भी निवास स्थान है।
ममता पर वंशवाद की राजनीति का आरोप
ममता के अपनी भाभी को चुनावी राजनीति में उतारने के फैसले पर पश्चिम बंगाल की विपक्षी पार्टियां खूब शोर कर रही हैं। 34 साल तक बंगाल पर राज करने वाली सीपीएम का कहना है कि उसने कभी भी किसी मुख्यमंत्री के संबंधी को प्रदेश में सक्रिय राजनीति में उतरते नहीं देखा है। सीपीएम के पूर्व विधायक सुजान चक्रबर्ती ने द प्रिंट से कहा है, 'राजनीति में कोई भी आ सकता है, लेकिन अभिषेक बनर्जी और अब कजरी बनर्जी दोनों को ममता बनर्जी ले आई हैं। ये राजनीति में नहीं आए, ये ममता बनर्जी का नाम लेकर सत्ता में आए हैं। पश्चिम बंगाल में इस तरह से वंशवाद की राजनीति पहले कभी नहीं हुई, चाहे भारत के दूसरे इलाकों में होता हो। '
कांग्रेस परिवार के रास्ते पर चली टीएमसी-बीजेपी
भाजपा ने तो ममता पर और भी तीखे वार किए हैं। पार्टी सांसद और प्रदेश की पार्टी महासचिव लॉकेट चटर्जी ने कहा है, 'हमने देखा है कि कांग्रेस में कैसे एक परिवार ने शासन किया है और अब टीएमसी भी उसी रास्ते पर चल पड़ी है। ममता बनर्जी सुनिश्चित करना चाहती हैं कि पैसा परिवार के पास ही रहे और हाथ से निकल ना जाए।' लेकिन, टीएमसी ने वंशवाद की राजनीति के विपक्ष के आरोपों पर पलटवार किया है। पार्टी प्रवक्ता कुणाल घोष नेकहा है, 'जिन्होंने भी कड़ी मेहनत की है, पार्टी ने उन सबको टिकट दिया है। सिर्फ रिश्तेदार हैं इसलिए क्या उनका टिकट काटा जा सकता है। कजरी बनर्जी 1995 में ही चुनाव मैदान में उतर जातीं, लेकिन ऐसा नहीं किया, क्योंकि उनका पहला बच्चा होने वाला था। वह टीएमसी की एक मजबूत कार्यकर्ता हैं।'