HC ने ममता बनर्जी से पूछा- आपके वकीलों का राजनीतिक बैकग्राउंड है, तो जज पर भरोसा क्यों नहीं?
कोलकाता, 24 जून। पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद भी टीएमसी और बीजेपी के बीच सियासी जंग जारी है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और बीजेपी विधायक सुवेंदु अधिकारी के बीच नंदीग्राम में कांटे की टक्कर हुई जिसमें टीएमसी चीफ ममता बनर्जी को कुछ वोटों की कमी के चलते हार का सामना करना पड़ा। अब सीएम ममता बनर्जी ने नंदीग्राम में वोटों की फिर से गिनती कराने के लिए कलकत्ता हाईकोर्ट का रुख किया, जिस पर आज न्यायालय में सुनवाई हुई।
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मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक खुद ममता बनर्जी भी वीडियो कॉफ्रेंसिंग के जरिए नंदीग्राम में भाजपा के सुवेंदु अधिकारी के चुनाव को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई में शामिल हुईं। ममता बनर्जी ने आज मामले पर सुनवाई होने से पहले बुधवार रात न्यायमूर्ति कौशिक चंदा की अदालत में याचिका दाखिल करके यह मांग की गयी कि उनके मामले की सुनवाई किसी और बेंच में ट्रांसफर कर दिया जाए। हालांकि न्यायाधीश ने किसी भी फैसले का ऐलान अभी नहीं किया है। सीएम ममता बनर्जी की याचिका पर फिलहाल कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है।
Single bench of Justice Kausik Chanda to hear the case in the matter of West Bengal CM Mamata Banerjee challenging Nandigram results today at 11am
— ANI (@ANI) June 24, 2021
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सीएम की याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति कौशिक चंदा ने कहा कि याचिकाकर्ता को किसी भी जज को बदलने की मांग करने का पूरा अधिकार है, इस पर न्यायिक व्यवस्था के तहत फैसला किया जाएगा। इस बीच ममता बनर्जी के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि न्यायाधीश को अपने पद से हटना चाहिए क्योंकि हितों का टकराव था। सुनवाई के दौरान जज कौशिक चंदा ने कहा कि आपके वकीलों का राजनीतिक जुड़ाव भी है। अभिषेक मनु सिंघवी कांग्रेस से हैं और एसएन मुखर्जी का बीजेपी बैकग्राउंड है। लेकिन यहां तृणमूल प्रमुख का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। अगर अन्य राजनीतिक बैकग्राउंड के वकीलों पर भरोसा किया जा सकता है, तो आप (ममता बनर्जी) जज पर भरोसा क्यों नहीं कर सकते?