12 मई से पहले हर घंटे बढ़ रहा है बनारस का सियासी पारा, वजह सिर्फ मोदी
मोदी के कारण वाराणसी का सियासी पारा हर घंटे बढ़ता जा रहा है। इसी सियासी तनाव को देखते हुए चुनाव आयोग के लिए यहां 16 मई को शांतिपूर्ण ढ़ंग से मतदान करना बड़ी चुनौती बन गया है। वाराणसी में 16 लाख मतदाता है, लेकिन यहां शांतिपूर्ण ढ़ंग से चुनाव कराने के लिए चुनाव आयोग ने 25 हजार जवानों को इलेक्शन ड्यूटी पर तैनात किया है।
यानी
कि
64
वोटरों
पर
एक
जवान।
चुनाव
आयोग
ने
25
हजार
सुरक्षा
बलों
को
वाराणसी
के
चप्पे
चप्पे
पर
तैनात
करने
का
फैसला
किया
है।
यहां
अर्द्ध
सैनिक
बलों
की
12
कंपनियां,
रैपिड
एक्शन
फोर्स
की
9
कंपनियां,
जिला
पुलिस
के
12
हजार
जवान
और
आसपास
के
जिलों
से
हजारों
जवान
मंगवाए
गए
हैं।
हाई
प्रोफाइट
सीट
होने
के
कारण
पूरे
वाराणसी
को
एक
तरह
से
छावनी
में
बदल
दिया
गया
है।
इसके
पीछे
वजह
भी
बताई
गई
है।
दरअसल
भाजाप
और
आम
आदमी
पार्टी
ये
आरोप
लगाते
रहे
है
कि
समाजवादी
पार्टी
बड़ी
संख्या
मैं
बूथों
पर
कब्जे
कर
रही
है।
इतनी बड़ी संख्या में अर्धसैनिक बल के जवानों को केवल छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित संसदीय क्षेत्र बस्तर में तैनात किया गया था. हालांकि इनकी संख्या 25 हजार से ज्यादा नहीं थी। चुनाव आयोग वाराणसी के सभी पोलिंग बूथों पर चुनाव का सौ प्रतिशत कवरेज करने की प्लानिंग बना रहा है।