बेबस विधवा मां का सहारा बनीं प्रियंका गांधी, 20 दिन पहले भटककर राजस्थान पहुंचे मूक बाधिर बेटे से मिलवाया
बेबस विधवा मां का सहारा बनीं प्रियंका गांधी, 20 दिन पहले भटककर राजस्थान पहुंचे मूक बाधिर बेटे से मिलवाया
वाराणसी, 04 जुलाई: पिछले 20 दिनों से एक बेबस विधवा मां दिन-रात अपने मूकबाधिर बेटे की तलाश में आंसू बहा रही थी। वो उम्मीद भी हार चुकी थी, लेकिन वाराणसी की इस गरीब बेबस मां के लिए कांग्रेस महासचिव और यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी भगवान बनकर सामने आईं। प्रियंका गांधी की पहल पर शनिवार को राजस्थान सरकार ने वाराणसी के औरंगाबाद निवासी दिव्यांग (मूक विमंदित) राजेश सोनकर को घर पहुंचाया।
प्रियंका गांधी किसी देवदूत से कम नहीं: मीता सोनकर
20 दिनों बाद अपने बेटे को पाकर मीता सोनकर ने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी को धन्यवाद दिया। 50 वर्षीय मीता सोनकर ने कहा कि उनका परिवार सदैव प्रियंका गांधी का ऋणी रहेगा। कहा कि प्रियंका गांधी की वजह से हमारा बिछड़ा बेटा मिल पाया है। वह हमारे लिए देवदूत से कम नहीं हैं। वह पहल नहीं करतीं तो शायद मैं बेटे को दोबारा नहीं देख पाती। यह कहते-कहते राजेश की मां मीता सोनकर की आंखें छलछला उठीं।
जूस का ठेला लगाती है मीता सोनकर
लक्सा थाना क्षेत्र के औरंगाबाद इलाके के रहने वाली 50 वर्षीय मीता सोनकर पति के असामयिक निधन के बाद से ही वाराणसी में जूस का ठेला लगाकर अपना और परिवार का पालन पोषण करती है। राजेश सोनकर, मीता सोनकर का इकलौता बेटा है। राजेश 20 दिन पहले अचानक घर से लापता हो गया था। बेटे के लापता होने के बाद बेबस मां ने उन्हें खोजने की खूब कोशिश की। स्थानीय लोगों ने बेबस मां के सहायता के लिए उनकी लाचारी का वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट किया। सोशल मीडिया पर मां की बेबसी का वीडियो वायरल हो गया।
सोशल मीडिया से प्रियंका को मिली जानकारी
सोशल मीडिया पर वायरल हुआ बेबस मां का ये वीडियो कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी तक पहुंच गया। बेबस मां का वीडियो देख प्रियंका गांधी द्रवित हो उठी और उन्होंने राजस्थान से जुड़े एआईसीसी सचिव धीरज गुर्जर को गरीब परिवार की मदद के लिए कहा, इसके बाद धीरज गुर्जर ने कांग्रेस की प्रवासी सहायता टीम के प्रभारी चर्मेश शर्मा को पीड़ित परिवार की हर संभव मदद करने के निर्देश दिए।
पार्टी के खर्च पर मां को लाया गया राजस्थान
इस बीच कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को राजस्थान के बूंदी जिले में राजेश मिल गया। राजेश के हाथ पर उसका नाम और शहर का नाम लिखा था, जिससे उसकी पहचान हुई। पार्टी के पदाधिकारियों ने इसकी जानकारी प्रियंका गांधी को दी तो उन्होंने फौरन राजस्थान सरकार को राजेश के देखभाल के निर्देश दिए। बेटे की पहचान के लिए प्रियंका गांधी के निर्देश पर पार्टी के खर्च पर राजेश की मां मीता सोनकर को राजस्थान लाया गया। राजस्थान में जब उन्होंने बेटे की पहचान की तो बेटे और मां को कांग्रेस ने उनके घर वाराणसी पहुंचा दिया गया।
ये भी पढ़ें:- पति हो तो ऐसा... पत्नी को ना चढ़नी पड़े सीढ़ियां, इसलिए घर में ही लगा दी 'अनोखी लिफ्ट'
प्रियंका गांधी के कारण मिला मेरा बिछुड़ा हुआ बेटा: मीता सोनकर
वहीं, अब बेटे से मिलने के बाद 50 वर्षीय मीता सोनकर खुशी का कोई ठिकाना नहीं है। मीता बेटे से मुलाकात के बाद वह बार-बार प्रियंका गांधी को दुआएं देते हुए कहती रही उनकी वजह से ही मेरा बिछुड़ा बेटा मिला है। वह मेरे लिए किसी देवदूत से कम नहीं है। वो नहीं होती तो शायद मेरा बेटा कभी नहीं मिल पाता। यह कहते-कहते राजेश की मां मीता सोनकर की आंखें छलक उठीं।