क्या है 'गोल्डन कार्ड', जिसके जरिए सीएम धामी पलट सकते हैं उत्तराखंड का सियासी पासा
राज्य कर्मचारियों और पेंशनरों की अटल आयुष्मान योजना से बाहर कैशलेस इलाज की मांग हुई पूरी
देहरादून, 26 नवंबर। उत्तराखंड की धामी सरकार ने चुनाव में जाने से पहले राज्य कर्मचारियों को साधने के लिए एक बड़ी सौगात दे दी है। कर्मचारियों का कहना है कि बीते फरवरी माह से कर्मचारी आंदोलन कर रहे थे, जिसमें गोल्डन कार्ड की खामियों को दुुरुस्त करने की मांग की जा रही थीा करीब 11 माह से अंशदान कटौती हो रही है। लेकिन खामियों की वजह से उपचार नहीं मिल पा रहा था। जिससे लंबे समय से आंदोलन कर रहे कर्मचारियों की लंबित मांग पूरी हो गई है। चुनावी साल में कर्मचारियों ने शिक्षक और कर्मचारियों के साथ मिलकर समन्वय समिति बनाकर आंदोलन कर रहे हैं। जो कि लगातार सरकार पर दबाव बना रहे हैं। ऐसे में राज्य कर्मचारियों की एक मांग पूरी कर सरकार राज्य कर्मचारियों को ये भरोषा दिलाने में कामयाब हुई है कि वे कर्मचारियों की अन्य मांगों पर भी जल्द सकारात्मक कदम उठाएंगे।
कर्मचारियों
की
मांग
पूरी
विधानसभा
चुनाव
में
जाने
से
पहले
सरकार
हर
वर्ग
को
साधने
में
जुटी
है।
ऐसे
में
राज्य
कर्मचारियों
की
भी
बड़ी
मांग
को
धामी
सरकार
ने
पूरा
कर
दिया
है।
जिससे
कर्मचारियों
का
गुस्सा
काफी
हद
तक
ठंडा
होना
तय
है।
मुख्यमंत्री
पुष्कर
सिंह
धामी
खुद
कर्मचारियों
से
वार्ता
कर
मामले
को
लेकर
आश्वासन
दे
चुके
थे।
अब
शासन
ने
आदेश
भी
जारी
कर
दिया
है।
राज्य
कर्मचारियों
और
पेंशनरों
की
अटल
आयुष्मान
योजना
से
बाहर
कैशलेस
इलाज
की
व्यवस्था
करने
की
मांग
सरकार
ने
पूरी
कर
दी
है।
बृहस्पतिवार
को
सचिव
स्वास्थ्य
अमित
सिंह
नेगी
ने
इस
संबंध
में
शासनादेश
जारी
कर
दिया
है।
जिसमें
कर्मचारियों,
पेंशनरों
और
उनके
आश्रितों
का
कैशलेस
सुविधा
को
अटल
आयुष्मान
योजना
से
अलग
कर
दिया
गया
है।
कर्मचारियों
व
पेंशनरों
को
राज्य
सरकार
स्वास्थ्य
योजना
(एसजीएचएस)
के
तहत
इलाज
की
सुविधा
मिलेगी।
साथ
ही
केंद्र
सरकार
स्वास्थ्य
योजना
(सीजीएचएस)
की
दरों
पर
कैशलेस
इलाज
किया
जाएगा।
योजना
का
संचालन
राज्य
स्वास्थ्य
प्राधिकरण
के
माध्यम
से
किया
जाएगा,
लेकिन
गोल्डन
कार्ड
और
आईटी
सिस्टम
की
व्यवस्था
पहले
की
तरह
लागू
रहेगी।
योजना
में
कर्मचारियों
व
पेंशनरों
के
लिए
असीमित
व्यय
पर
कैशलेस
इलाज
की
सुविधा
है।
जिसमें
राष्ट्रीय
स्वास्थ्य
प्राधिकरण
के
माध्यम
से
सूचीबद्ध
2700
से
अधिक
अस्पतालों
में
इलाज
कराने
की
सुविधा
रहेगी।
कर्मचारी
संगठनों
को
मिली
संजीवनी
राज्य
सरकार
के
निर्णय
के
बाद
राज्य
कर्मचारियों
में
नया
उत्साह
नजर
आ
रहा
है।
उत्तराखंड
सचिवालय
संघ
और
उत्तराखंड
अधिकारी
कर्मचारी
शिक्षक
समन्वय
समिति
अपने-अपने
स्तर
से
बड़े
निर्णय
का
स्वागत
कर
रहे
हैं।
राजनैतिक
दल
की
तरह
कर्मचारी
संगठन
भी
इसे
अपनी
जीत
बता
रहे
हैं।
जो
कि
चुनावी
साल
में
लाभ
लेने
में
पीछे
नहीं
हैं।
जिससे
सरकार
के
सामने
खुद
के
संगठनों
को
मजबूत
साबित
दिखा
सकें।
चुनाव
से
पहले
प्रदेश
के
सभी
कर्मचारियों,
शिक्षकों,
पेंशनरों
की
मांगों
के
लिए
उत्तराखंड
अधिकारी
कर्मचारी
शिक्षक
समन्वय
समिति
दोबारा
से
आंदोलन
लड
रही
हैा
जिसमें
विभिन्न
विभागों,
निगमों
की
14
सूत्री
मांगों
पर
यह
समिति
एकजुट
होकर
लड़ाई
लड़
रही
हैा
कर्मचारियों
की
एक
जैसी
मांगों
को
लेकर
वर्ष
2019
में
इस
समन्वय
समिति
ने
आंदोलन
किया
था,
जिसके
बाद
तत्कालीन
वित्त
मंत्री
स्व.
प्रकाश
पंत
के
साथ
लिखित
समझौता
हुआ
था।
अब
चुनाव
से
पहले
सभी
कर्मचारी
और
शिक्षक
एक
जुट
होकर
फिर
से
आंदोलन
कर
रहे
हैा
इस
बार
सचिवालय
संघ
अपने
स्तर
से
अलग
से
पैरवी
कर
रहा
हैा
सीएम
बनने
केे
बाद
से
पुष्कर
सिंह
धामी
कर्मचारियों
की
मांगों
को
खुद
सुलझा
रहे
हैं
।
जिसका
असर
दिख
रहा
हैा