कुदरत का कहर: उत्तरकाशी हिमस्खलन में अब तक 16 शव बरामद, ट्रैकिंग-पर्वतारोहण पर रोक, सर्च-रेस्क्यू ऑपरेशन जारी
उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में कुदरत का कहर जारी है। हिमस्खलन आपदा में कई लोगों की जानें चलीं गईं। राहत बचाव अभियान जोरों से चल रहा है। लोगों को निकालने की पूरी कोशिश की जा रही है।
उत्तरकाशी, 06 अक्टूबर: Uttarkashi avalanche disaster: उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में कुदरत का कहर जारी है। हिमस्खलन आपदा में कई लोगों की जानें चलीं गईं। राहत बचाव अभियान जोरों से चल रहा है। लोगों को निकालने की पूरी कोशिश की जा रही है। इस बीच उत्तरकाशी जिला अधिकारी ने अगले तीन दिनों के लिए ट्रैकिंग और पर्वतारोहण गतिविधियों पर प्रतिबंध लगा दिया है। मौसम विभाग के बारिश और हिमपात की चेतावनी के चलते डीएम ने यह प्रतिबंध लगा दिया है।
लैंडिंग टेस्टिंग सफल रही
सर्च और बचाव अभियान को आगे बढ़ाने के लिए आईटीबीपी मतली से बेस कैंप के लिए और टीमें भेजी गई हैं। हाई एल्टीट्यूड वारफेयर स्कूल की टीम भी ITBP, SDRF, NIM और NDRF के साथ सर्च और रेस्क्यू ऑपरेशन में शामिल हुई। 16000 फीट की ऊंचाई पर एक एडवांस्ड हेलीकॉप्टर लैंडिंग ग्राउंड तैयार किया गया है। गुरुवार सुबह लैंडिंग टेस्टिंग सफल रही।
29 ट्रेनी अभी भी फंसे हुए हैं
इस आपदा में अब तक 16 शव बरामद किए गए हैं। 4 अक्टूबर को 4 और 6 अक्टूबर को 5 शव बरामद किए गए, वहीं आज देर शाम तक 9 शव बरामद किए गए। जिसमें से 2 इंस्ट्रक्टर और 7 ट्रेनी शामिल हैं। नेहरू पर्वतारोहण संस्थान ने बताया कि 29 ट्रेनी अभी भी फंसे हुए हैं।
गुलमर्ग के एक विशेषज्ञों का दल शामिल
हिमस्खलन की चपेट में आने से फंसे 29 पर्वतारोहियों को बचाने के अभियान में जम्मू-कश्मीर के गुलमर्ग के विशेषज्ञों का एक दल भी शामिल हो गया है। विशेषज्ञ दल राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ), भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) और नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (एनआईएम) के साथ अभियान में शामिल हो गया है। एसडीआरएफ की जानकारी के मुताबिक, टीम हाई एल्टीट्यूड पर अपना बचाव अभियान चलाएगी।
कई लोगों की बचाई जान
टीमें बुधवार को एनआईएम उत्तरकाशी के ट्रेनियों को बचाने के लिए एडवांस बेस कैंप में पहुंची थीं। एसडीआरएफ कमांडेंट मणिकांत मिश्रा ने एएनआई को बताया कि तीन टीमें पहले इंटरमीडिएट कैंप और 1.5 किमी दूर हिमस्खलन स्थल पर गुरुवार को पहुंचीं। भारतीय वायु सेना के अधिकारियों ने बताया कि उन्होंने बचाव अभियान के लिए सरसावा और बरेली से दो हेलीकॉप्टर तैनात किए थे, जिससे कई पर्वतारोहियों को लगभग 12,000 फीट पर स्थित बेस कैंप से मटली हेलीपैड तक बचाया गया।
बचे हुए लोगों ने साझा किए अनुभव
उत्तरकाशी हिमस्खलन में अब तक 16 पर्वतारोहियों की जानें जा चुकी हैं। कई अभी भी लापता हैं। उनके शव बरामद किए जा रहे हैं। जिनको रेस्क्यू किया गया, उनलोगों ने भयानक अनुभव साझा किए। जिला अस्पताल में इलाज के दौरान हादसे में बाल-बाल बचे गुजरात के एक प्रशिक्षु दीप ठाकुर ने कहा कि सुबह करीब साढ़े नौ बजे शिखर पर चढ़ने के दौरान अचानक हिमस्खलन हुआ।
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