पुष्कर सिंह धामी के हाथ उत्तराखंड की कमान, रविवार को लेंगे मुख्यमंत्री पद की शपथ
देहरादून, 3 जुलाई: उत्तराखंड के सियासी गलियारे में शुक्रवार रात तब हड़कंप मच गया, जब पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप दिया। इसके बाद पार्टी हाईकमान भी एक्शन में आया और केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर शनिवार सुबह देहरादून पहुंचे। वहां पर उन्होंने विधायक दल के साथ बैठक की। जिसमें ऊधमसिंह नगर जिले के खटीमा सीट से विधायक पुष्कर सिंह धामी के नाम पर मुहर लगी और उन्हें विधायक दल का नेता चुना गया। इसके बाद धामी राज्यपाल के पास पहुंचे और विधायकों का समर्थन पत्र दिया। उम्मीद जताई जा रही है कि रविवार को वो मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे।
पुष्कर सिंह धामी को आरएसएस का करीबी माना जाता है। साथ ही वो खटीमा सीट से दो बार विधायक भी रहे हैं। इसके अलावा बीजेपी युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर भी उन्होंने पार्टी को अपनी सेवाएं दी थीं। जब तीरथ सिंह रावत ने इस्तीफा दिया, तभी हाईकमान के मन में एक युवा चेहरे पर दांव लगाने का ख्याल आया। वैसे तो त्रिवेंद्र सिंह रावत, धन सिंह रावत और सतपाल महाराज के नाम की चर्चा थी, लेकिन विधायक दल की बैठक में धामी का नाम रखा गया। जिस पर सभी ने सहमति जताई। धामी को उत्तराखंड के युवा विधायकों में गिना जाता है।
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तोमर
ने
कही
ये
बात
केंद्रीय
मंत्री
और
बीजेपी
के
वरिष्ठ
नेता
नरेंद्र
सिंह
तोमर
ने
कहा
कि
विधायक
दल
की
बैठक
में
पुष्कर
धामी
को
उत्तराखंड
बीजेपी
विधायक
दल
का
नेता
नियुक्त
करने
का
निर्णय
लिया
गया।
हम
पार्टी
के
फैसले
पर
चर्चा
करने
के
लिए
राज्यपाल
के
पास
गए
और
वहां
उन्हें
समर्थन
पत्र
सौंपा।
रविवार
को
धामी
को
शपथ
दिलाई
जाएगी।
कई
चुनौतियां
हैं
सामने
त्रिवेंद्र
सिंह
रावत
ने
उत्तराखंड
के
मुख्यमंत्री
के
तौर
पर
चार
साल
का
कार्यकाल
पूरा
किया,
लेकिन
उनके
काम
से
ना
तो
जनता
खुश
नजर
आई
और
ना
ही
पार्टी
के
नेता।
पार्टी
के
अंदर
के
विरोध
को
देखते
हुए
उनकी
जगह
पर
तीरथ
सिंह
रावत
की
तैनाती
हुई,
लेकिन
कुंभ
की
भीड़
और
कोरोना
वायरस
ने
सरकार
की
छवि
को
बहुत
ही
नुकसान
पहुंचाया।
अगले
साल
फरवरी-मार्च
में
विधानसभा
के
चुनाव
हो
सकते
हैं,
ऐसे
में
धामी
को
उससे
पहले
सरकार
की
छवि
सही
करनी
होगी।
साथ
ही
पार्टी
के
विधायकों
की
नाराजगी
को
भी
दूर
करना
उनके
लिए
बड़ी
चुनौती
होगी।
कौन हैं पुष्कर सिंह धामी, जो बनने जा रहे उत्तराखंड के सबसे यंग सीएम ?
क्यों
तीरथ
ने
दिया
इस्तीफा?
दरअसल
तीरथ
सिंह
रावत
सांसद
थे।
मार्च
में
उन्होंने
मुख्यमंत्री
पद
की
शपथ
ली,
ऐसे
में
नियम
के
मुताबिक
सितंबर
तक
उनका
किसी
सीट
से
जीतकर
विधानसभा
पहुंचना
जरूरी
था,
लेकिन
प्रदेश
में
अगले
साल
विधानसभा
के
चुनाव
हैं।
ऐसे
में
चुनाव
आयोग
कई
सीटें
खाली
होने
के
बाद
भी
उपचुनाव
नहीं
करवा
सकता।
जिस
वजह
से
तीरथ
को
इस्तीफा
देना
पड़ा।
इस
बात
से
सबक
लेते
हुए
पार्टी
हाईकमान
ने
मौजूदा
विधायक
के
नाम
पर
ही
मुहर
लगाई,
ताकी
उपचुनाव
का
झंझट
ना
रहे।