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Uttarakhand politics:सीएम धामी पर फिर '3R' पूर्व सीएम की जोड़ी हमलावर,बढ़ सकती हैं मुश्किलें, जानिए क्या है मसला

तीन पूर्व सीएम हरीश, त्रिवेंद्र और तीरथ धामी सरकार पर हमलावर

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उत्तराखंड की सियासत में एक बार फिर 3 पूर्व सीएम 'रावत' सीएम पुष्कर सिंह धामी के लिए मुश्किलें खड़ी कर रही हैं। खास बात ये है कि इन तीन में से 2 भाजपा के ही सीनियर नेता हैं। ऐसे में सीएम धामी के लिए अपनी ही सरकार के पूर्व सीएम विपक्ष का काम कर रहे हैं। ये तीन पूर्व सीएम हरीश रावत, त्रिवेंद्र सिंह रावत और तीरथ सिंह रावत हैं।

पूर्व सीएम,गढ़वाल सांसद तीरथ रावत का भ्रष्टाचार को लेकर बयान वायरल

पूर्व सीएम,गढ़वाल सांसद तीरथ रावत का भ्रष्टाचार को लेकर बयान वायरल

पुष्कर सिंह धामी से पूर्व भाजपा शासनकाल में सीएम की कुर्सी संभाल चुके पूर्व सीएम तीरथ सिंह रावत और पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत भ्रष्टाचार व कमीशनखोरी पर अपनी ही सरकार को घेरने में लगे हैं। सबसे पहले उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और गढ़वाल सांसद तीरथ सिंह रावत का भ्रष्टाचार को लेकर एक बयान सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुआ। इसमें वह कह रहे हैं कि उत्तरप्रदेश से अलग होने के बाद उत्तराखंड में कमीशनखोरी जीरो पर होनी चाहिए थी, लेकिन यह और ज्यादा हो गई। पूर्व मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि बहुत जगह बताते हैं कि कहीं भी बिना कमीशन कुछ नहीं होता। मुझे यह कहने में कोई हिचक नहीं होती है कि जब हम उत्तरप्रदेश में थे, तब वहां 20 प्रतिशत कमीशन दिया जाता था। अलग होने के बाद हमको कमीशनखोरी छोड़कर जीरो पर आना चाहिए था, उत्तराखंड में भी 20 प्रतिशत कमीशनखोरी शुरू हो गई। उन्होंने कहा कि इसके लिए किसी को दोष नहीं दिया जा सकता। यह मानसिकता है। इसे ठीक करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि जब तक लोगों में यह भाव नहीं आएगा कि यह मेरा प्रदेश है, मेरा परिवार है तब तक कमीशनखोरी दूर नहीं होगी।

पूर्व सीएम त्रिवेंद्र रावत ने भी स्मार्ट सिटी के कामों पर सवाल खड़े कर दिए

पूर्व सीएम त्रिवेंद्र रावत ने भी स्मार्ट सिटी के कामों पर सवाल खड़े कर दिए

तीरथ सिंह रावत के बयान के बाद पूर्व सीएम त्रिवेंद्र रावत ने भी स्मार्ट सिटी के कामों पर सवाल खड़े कर दिए। त्रिवेंद्र ने कहा है कि देहरादून में स्मार्ट सिटी का काम अधर में हैै। उन्होंने कहा कि पहले स्मार्ट सिटी का काम बहुत अच्छे से चल रहा था। त्रिवेंद्र ने इन कामों को लेकर संदेह भी खड़ा किया है। उन्हांेंने बार-बार सीईओ बदलने पर भी सवाल खड़े किए हैं। जिससे एक बार फिर धामी सरकार की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। बता दें कि त्रिवेंद्र से पहले मेयर सुनील उनियाल गामा भी स्मार्ट सिटी के कामों से असंतोष जता चुके हैं।गामा ने तो पत्र लिखकर सीएम से इन सभी कामों के वित्तीय जांच कराने की मांग कर दी है। गामा त्रिवेंद्र रावत के काफी करीबी माने जाते हैं।

तीरथ, त्रिवेंद्र के हमले के बीच हरीश रावत को भी हमला करने का मौका

तीरथ, त्रिवेंद्र के हमले के बीच हरीश रावत को भी हमला करने का मौका

तीरथ और त्रिवेंद्र के हमले के बीच हरीश रावत को भी हमला करने का मौका मिल गया है। कांग्रेस के सीनियर नेता और पूर्व सीएम हरीश रावत ने पूर्व मुख्यमंत्री व सांसद तीरथ सिंह रावत के प्रदेश में भ्रष्टाचार को लेकर साधे गए निशाने पर भाजपा से ही जवाब मांगने को कहा। उन्होंने कहा कि चौकीदार ही चोर.चोर चिल्ला रहे हैं। ऐसे में आम व्यक्ति को भ्रष्टाचार से आखिर कौन बचा सकता है। उन्होंने कहा कि छह साल से लगातार भाजपा की सरकार है। भ्रष्टाचारियों को खोजना चाहिए। घर के ही भीतर भ्रष्टाचारियों को पकड़ने के लिए सत्तारूढ़ दल को साहस दिखाना होगा। इस अवधि में भाजपा के भ्रष्टाचार की कथा अनंत है। पूर्व सीएम हरीश रावत ने कहा कि यदि उत्तराखंड में लोकायुक्त होता तो भ्रष्टाचार से जुड़े मामलों की शिकायत उससे की जा सकती थी। हरीश रावत ने अपने खास अंदाज में टिप्पणी करते हुए कहा कि

म्यार दुईया छुट भुला तीरथ सिंह रावत ज्यू और माननीय त्रिवेंद्र सिंह रावत ज्यूए किलैं अब भ्रष्टाचारक बोझ असहनीय लागन फट गौ। हमरि सरकारल 2016 में विधिवत तौर पर लोकायुक्त का चयन कर राज्यपाल को अनुमोदनार्थ फाइल भेज दी थी। आखिर वह फाइल क्यों गवर्नर हाउस में ही दबी रह गई। कहा कि इसका जवाब तो मेरे दुईया छुट भुला को भी देना ही पड़ेगा न! आज लोकायुक्त होता तो अपने मन में उपजे शोक का प्रायश्चित करने म्यार दुईया छुट भुला लोकायुक्त के पास जा सकते थे। भाजपा ने शायद तय किया है न बांस होगा,न बांसुरी बजेगी।

3' रावत 'मिलकर धामी को घेरने में लगे

3' रावत 'मिलकर धामी को घेरने में लगे

उत्तराखंड की सियासत में 'रावत' का बोलबाला काफी माना जाता रहा है। जिसको राजनीति के खिलाड़ी भी मानते आ रहे हैं और सार्वजनिक मंच से स्वीकार करते आ रहे हैं। अब तक सीएम के 10 चेहरों में से हरीश, त्रिवेंद्र और तीरथ रावत शामिल रहे हैं। जबकि सरकार में सतपाल महाराज और धन सिंह भी रावत हैं। कई बार राजनीति में जाति फैक्टर को लेकर भी दांव चलता रहा है। ऐसे में एक बार फिर 3 रावत मिलकर धामी को घेरने में लगे हैं। जो कि राजनीति का एक नया दांव पेंच माना जा रहा है। हालांकि इसका क्या असर होता है। ये तो वक्त ही तय करेगा।

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English summary
In the politics of Uttarakhand again 3R pair attackers, CM Dhami's problems may increase, know what is the issue
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