यशपाल आर्य और उनके बेटे पर हुए हमले के मामले से गर्माई सियासत, भाजपा—कांंग्रेस में जारी है वार—पलटवार
यशपाल आर्य और उनके बेटे पर हुए हमले के मामले से गर्माई सियासत, भाजपा—कांंग्रेस आमने सामने
देहरादून, 6 दिसंबर। भाजपा छोड़कर कांग्रेस में आए पूर्व कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य और उनके बेटे संजीव आर्य पर हुए हमले के मामले उत्तराखंड की सियासत गर्मा दी है। कांग्रेस ने बाजपुर से लेकर देहरादून तक विरोध प्रदर्शन कर प्रदेश की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं, वहीं भाजपा ने इस पूरे प्रकरण को लेकर कटाक्ष किया है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने कहा है कि जैसा बोओगे, वैसा ही काटोगे। उन्होंने कहा कि यह प्रकरण कांग्रेस की अंदरूनी लड़ाई का हिस्सा है। जांच में दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा।
बाजपुर
से
देहरादून
तक
कांग्रेस
का
हल्ला
बोल
शनिवार
को
एक
तरफ
देहरादून
में
प्रधानमंत्री
नरेंद्र
मोदी
की
रैली
का
आयोजन
हुआ
तो
दूसरी
तरफ
बाजपुर
में
पूर्व
कैबिनेट
मंत्री
यशपाल
आर्य
और
उनके
पुत्र
संजीव
आर्य
के
काफिले
पर
हमला
हुआ।
इस
पर
भाजपा,
कांग्रेस
आमने
सामने
आ
चुकी
है।
कांग्रेस
ने
बाजपुर
से
लेकर
देहरादून
तक
इस
मामले
में
सरकार
पर
जमकर
निशाना
साधा।
तो
हमले
के
मामले
में
प्रदेश
सरकार
को
घेरने
पर
भाजपा
ने
पलटवार
किया
है।
भाजपा
के
प्रदेश
अध्यक्ष
मदन
कौशिक
ने
कहा
कि
इस
मामले
में
कानून
अपना
काम
करेगा।
कानून
तोड़ने
की
इजाजत
किसी
को
नहीं
है।
कौशिक
ने
कहा
कि
जैसा
बोओगे,
वैसा
ही
काटोगे।
उन्होंने
कहा
कि
यह
प्रकरण
कांग्रेस
की
अंदरूनी
लड़ाई
का
हिस्सा
है।
जांच
में
दूध
का
दूध
और
पानी
का
पानी
हो
जाएगा।कांग्रेस
का
आरोप
है
कि
जिला
कांग्रेस
कमेटी
के
तत्वावधान
में
प्रस्तावित
कार्यकर्ता
सम्मान
और
सदस्यता
ग्रहण
समारोह
में
शिरकत
करने
बाजपुर
आ
रहे
यशपाल
आर्य
व
संजीव
आर्य
के
काफिले
पर
पूर्व
जिला
पंचायत
सदस्य
कुलविंदर
सिंह
किंदा
ने
अपने
एक
दर्जन
से
अधिक
समर्थकों
के
साथ
लाठी-डंडों
इत्यादि
से
हमला
किया।
हमलावरों
की
गिरफ्तारी
की
मांग
को
लेकर
यशपाल
आर्य
ने
कांग्रेसी
कार्यकर्ताओं
व
समर्थकों
के
साथ
कोतवाली
में
धरना
भी
दिया।
यशपाल
आर्य
की
तरफ
से
13
लोगों
को
नामजद
करते
हुए
कोतवाली
में
तहरीर
दे
दी
गई
है।
यशपाल
आर्य
ने
जाति
सूचक
शब्दों
का
इस्तेमाल
व
जानलेवा
हमला
बोलने
का
आरोप
लगाया
है।
प्रभारी का आरोप, पीएम के दौरे के दौरान कराया गया हमला प्रायोजित
इधर कांग्रेस ने पूर्व कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य और उनके बेटे नैनीताल के पूर्व विधायक संजीव आर्य पर शनिवार को बाजपुर में हुए हमले के विरोध में रविवार को धरना दिया। नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह के साथ सैकड़ों कार्यकर्ता धरने पर बैठे। इस दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने सरकार के विरोध में नारेबाजी करते हुए हमलावरों की शीघ्र गिरफ्तारी की मांग की है। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल, प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव, नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह के नेतृत्व में बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने राजीव भवन से सीएम आवास के लिए कूच किया। जहां पुलिस की ओर से हाथीबड़कला में चौकी के पास बैरीकेडिंग लगाकर उन्हें रोक दिया गया। इसके बाद कांग्रेस नेता और कार्यकर्ता वहीं धरने में बैठ गए। प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने कहा कि यशपाल आर्य किसी विशेष क्षेत्र का नहीं, बल्कि पूरे प्रदेश का प्रतिनिधित्व करते हैं। उत्तराखंड की राजनीति में उनका अपना कद है। जिस तरीके से योजनाबद्ध ढंग से यशपाल आर्य और उनके बेटे संजीव आर्य पर जानलेवा हमला किया गया है, वह लोकतंत्र विरोधी है। उन्होंने कहा इस हमले में जिन लोगों के नाम सामने आ रहे हैं, वह अवैध खनन में संलिप्त हैं और सरकार में बैठे लोगों का उन्हें संरक्षण प्राप्त है। पूर्व सीएम हरीश रावत ने कहा कि यह हमला एक सुनियोजित साजिश के तहत हुआ है, जिसके पीछे सरकार में बैठे कुछ बड़े लोगों का हाथ है। उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और डीजीपी अशोक कुमार से फोन पर बात कर यशपाल आर्य और संजीव आर्य को सुरक्षा दिए जाने की भी मांग की। नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि जब से इन दो नेताओं की घर वापसी हुई है, तब से भाजपा में मायूसी और सन्नाटा छाया हुआ है। प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री के दौरे के दौरान कराया गया यह हमला प्रायोजित था।