कांवड़ यात्रा 2022: ऋषिकेश में हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा के साथ ही धामी सरकार की है ये प्लानिंग
14 जुलाई से शुरू हो रही कांवड़ यात्रा, राज्य सरकार तैयार
देहरादून, 9 जुलाई। 14 जुलाई से शुरू हो रही कांवड़ यात्रा को लेकर इस बार राज्य सरकार खास तैयारियों में जुटी है। ऋषिकेश में हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा के साथ ही शासन से लेकर प्रशासन ने प्लानिंग कर ली है। जिसकी मॉनिटरिंग खुद सीएम पुष्कर सिंह धामी कर रहे हैं। कांवड़ यात्रा कोविड के 2 साल बाद हो रहे हैं। ऐसे में सरकार को 4 करोड़ से ज्यादा कांवड़िये आने की उम्मीद है। जिसके लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कांवड़ मेले की तैयारियों को लेकर अधिकारियों को जरुरी दिशा निर्देश दिए।
शिवभक्त
एक-एक
पौधा
लगाएं
सीएम
ने
निर्देश
दिए
कि
सकुशल
कांवड़
मेला
सम्पन्न
कराने
के
लिए
कांवड़
मेले
से
संबधित
अन्य
राज्यों
के
अधिकारियों
से
भी
निरन्तर
समन्वय
बनाकर
रखें।
यह
सुनिश्चित
किया
जाए
कि
14
जुलाई
से
26
जुलाई
तक
होने
वाले
कांवड़
मेले
में
स्वास्थ्य,
विद्युत,
पेयजल,
पार्किंग,
स्वच्छता
और
अन्य
सभी
आवश्यक
व्यवस्थाएं
अच्छी
हों।
मुख्यमंत्री
ने
कहा
कि
इस
बार
कांवड़
यात्रा
में
4
करोड़
से
अधिक
श्रद्धालुओं
के
आने
की
संभावना
है।
उन्होंने
सभी
शिवभक्तों
से
अपील
की
कि
देवभूमि
उत्तराखण्ड
में
कांवड
यात्रा
पर
आने
वाले
शिवभक्त
एक-एक
पौधा
लगाएं।
मुख्यमंत्री
ने
जिलाधिकारी
हरिद्वार
को
निर्देश
दिये
कि
कांवड़
यात्रा
के
लिए
सभी
आवश्यक
व्यवस्थाओं
के
लिए
जिलास्तरीय
अधिकारियों
को
नोडल
अधिकारी
बनाया
जाए।
एडवाइजरी
का
हो
जमकर
प्रचार
मुख्यमंत्री
धामी
ने
कहा
कि
कांवड़
यात्रा
के
लिए
श्रद्धालुओं
की
सुविधा
के
दृष्टिगत
जो
एडवाइजरी
बनाई
गई
है,
उसका
व्यापक
स्तर
पर
प्रचार-प्रसार
किया
जाए।
मुख्यमंत्री
ने
कहा
कि
कांवड़
मेले
में
जिन
अधिकारियों
एवं
कर्मचारियों
की
ड्यूटी
लगाई
गई,
जिनकी
कोविड
की
बूस्टर
डोज
नहीं
लगी
है,
उनकी
बूस्टर
डोज
लगवाई
जाए।
कांवड़
यात्रा
सुव्यवस्थित
हो
इसके
लिए
एक
व्हाट्सएप
ग्रुप
बनाया
जाए,
जिसमें
शासन
के
वरिष्ठ
अधिकारी,
पुलिस
के
वरिष्ठ
अधिकारी
एवं
कांवड़
मेले
से
संबंधित
जिलों
के
अधिकारी
शामिल
किये
जाए।
मुख्यमंत्री
ने
कांवड़
मेले
की
जिम्मेदारी
प्रमुख
सचिव
आर.के.
सुधांशु
को
दी
है।
होटलों
और
दुकानों
में
रेट
लिस्ट
चस्पा
जरुरी
मुख्यमंत्री
ने
अधिकारियों
को
निर्देश
दिये
कि
पार्किंग
स्थलों
में
पेयजल
की
पूर्ण
व्यवस्था
रखी
जाए।
स्वच्छता
का
विशेष
ध्यान
रखा
जाए।
यह
सुनिश्चित
किया
जाए
कि
कांवड़
यात्रा
मार्गों
पर
शाइनेज
की
पूर्ण
व्यवस्था
हो।
कांवड़
पटरी
पर
विद्युत
की
पर्याप्त
व्यवस्था
हो।
वन
क्षेत्र
में
जंगली
जानवरों
से
सुरक्षा
हेतु
चेतावनी
बोर्ड
लगाये
जाएं।
कांवड़
मेला
के
दौरान
यात्रा
रूटों
का
पूरा
चार्ट
दिया
जाए।
भंडारे
और
लंगर
के
लिए
हाइवे
से
दूरी
पर
स्थान
चिन्हित
किये
जाएं।
मुख्यमंत्री
ने
कहा
कि
यह
भी
सुनिश्चित
किया
जाए
कि
कांवड़
मेले
के
दौरान
पर्वतीय
जनपदों
में
आवश्यक
सेवाओं
एवं
सामग्रियों
को
भेजने
के
लिए
कोई
परेशानी
न
हो।
होटलों
और
दुकानों
में
रेट
लिस्ट
चस्पा
की
जाए।
स्थानीय
स्तर
पर
लोगों
को
आवागमन
में
अधिक
परेशानी
का
सामना
न
करने
पड़े।
हरिद्वार
के
जिलाधिकारी
विनय
शंकर
पाण्डेय
ने
जानकारी
देते
हुए
बताया
कि
कांवड़
मेले
के
लिए
60
हजार
वाहनों
की
क्षमता
के
लिए
13
पार्किंग
स्थल
बनाये
गये
हैं।
इसके
अलावा
विशेष
परिस्थितियों
के
लिए
03
अतिरिक्त
पार्किंग
स्थल
आरक्षित
हैं।
कांवड़
यात्रा
के
सुचारू
संचालन
हेतु
मेला
क्षेत्र
में
12
सुपर
जोन,
32
जोन
एवं
134
सेक्टर
बनाये
गये
हैं।
सम्पूर्ण
मेला
क्षेत्र
में
17
अस्थाई
स्वास्थ्य
शिविरों
की
स्थापना
की
गई
है।
चिकित्सा
केन्द्रों
में
एम्बुलेंस
की
पर्याप्त
व्यवस्था
की
गई
है।
मेले
से
संबंधित
सभी
व्यवस्थाएं
की
गई
हैं।