क्या उत्तराखंड में बीजेपी ने बदल दिया अध्यक्ष? जानिए वायरल लेटर की सच्चाई
उत्तराखंड में प्रदेश अध्यक्ष बदलने को लेकर जारी हुआ वायरल लेटर
देहरादून, 21 सितंबर। उत्तराखंड में भाजपा के विधायक विनोद चमोली के प्रदेश अध्यक्ष पद पर नियुक्ति का पत्र सोशल मीडिया में जमकर वायरल हो रहा है। जिससे भाजपा में दिल्ली से लेकर देहरादून तक हड़कंप मच गया। पत्र की विश्वसनीयता को लेकर भाजपा के कार्यकर्ताओं से लेकर दिग्गज नेताओं में भी घंटो तक चर्चा का विषय बना रहा। हालांकि बाद में विनोद चमोली ने खुद वायरल पत्र का खंडन कर दिया। साथ ही प्रदेश संगठन ने पत्र की जांच करने की भी बात की है।
वायरल पत्र ने बढ़ाया सियासी पारा
विधानसभा चुनावों से पहले केन्द्रीय नेतृत्व चुनावी राज्यों में लगातार प्रयोग कर रहे हैं। भाजपा और कांग्रेस दोनों ही चुनाव साल में समीकरणों को साधने में जुटे हैं। उत्तराखंड, पंजाब और गुजरात में नेतृत्व परिवर्तन भी इसी का नतीजा है। ऐसे में हाईकमान के फैसलों पर कार्यकर्ताओं की लगातार निगाहें टिकी हुई है। मंगलवार देर शाम को उत्तराखंड की राजनीति में एक पत्र वायरल होने से सियासी हड़कंप मच गया। सोशल मीडिया में भाजपा केन्द्रीय नेतृत्व का पत्र वायरल हुआ जिसमें धर्मपुर के विधायक विनोद चमोली को प्रदेश अध्यक्ष पर नियुक्ति देने की बात की गई। पत्र के वायरल होते ही प्रदेश संगठन से लेकर दिल्ली तक सियासी पारा चढ़ गया। पार्टी कार्यकर्ताओं ने पत्र को लेकर जानकारी मांगी। पार्टी के अंदर ये भी चर्चा का विषय बना रहा कि विनोद चमोली दिल्ली में हैं। बाद मीडिया में भी खबर की पुष्टि को लेकर चर्चाएं तेज हुई। हालांकि कुछ देर में ही पत्र के फर्जी होने की पुष्टि भी हो गई। विनोद चमोली ने फेसबुक के जरिए इस पत्र का खंडन कर दिया।
प्रदेश भाजपा संगठन ने भी जारी किया बयान
बाद में भाजपा संगठन की और से भी एक बयान जारी किया गया। जिसमें कहा गया कि सोशल मीडिया में नए भाजपा अध्यक्ष के पद पर नई नियुक्ति को लेकर एक पत्र जारी किए जाने की सूचना है जो कि पूरी तरह से फर्जी और भ्रामक है। ऐसा पत्र न तो केंद्रीय कार्यालय से जारी हुआ और न ही प्रदेश कार्यालय से। पार्टी स्तर से इसकी जांच कराई जा रही है और मामले में संलिप्त पर कड़ी कार्यवाही की जाएगी।
भाजपा में समीकरण साधने को उठ रही है मांग
उत्तराखंड में विधानसभा चुनावों को लेकर भाजपा और कांग्रेस में जमकर खींचतान चल रही है। ऐसे में दोनों दल फूंक-फूंक कर कदम रख रही है। दोनों दल अपने-अपने सियासी निर्णय लेने से पहले सभी तरह के समीकरण भी साधने की कोशिश कर रहे हैं। कांग्रेस ने चुनावी साल में पहले ही अपने संगठन स्तर पर बड़ा फेरबदल किया है। गणेश गोदियाल को प्रदेश अध्यक्ष बनाने के साथ ही 4 कार्यकारी अध्यक्ष भी बनाए गए हैं। इस तरह कांग्रेस ने सभी तरह के समीकरण संतुलित करने की कोशिश भी की है। इसके बाद से ही भाजपा संगठन के अंदर भी जातीय और क्षेत्रीय संतुलन को साधने की मांग लंबे समय से उठ रही है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक तराई सीट से आते हैं। जबकि सीएम पुष्कर सिंह धामी भी तराई से ही है। ऐसे में बीजेपी के अंदर गढ़वाल क्षेत्र के प्रतिनिधित्व की मांग उठ रही है। जिसमें विधायक महेंद्र भट्ट और विनोद चमोली का नाम सबसे ज्यादा चर्चाओं में रहा है। हालांकि हाईकमान और राष्ट्रीय नेतृत्व की और से प्रदेश अध्यक्ष बदलने को लेकर किसी भी तरह के संकेत नहीं दिए गए हैं। विनोद चमोली को प्रदेश अध्यक्ष बनाने को लेकर फर्जी पत्र वायरल होने के बाद एक बार फिर अध्यक्ष बदलने को लेकर बहस होनी तय है।
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