पूर्व सीएम हरीश रावत ने धामी सरकार के एक मंत्री के आवास पर उपवास की दी चेतावनी, जानिए वजह
हरीश रावत का आरोप, उत्तराखंड से यूरिया की हो रही स्मगलिंग
देहरादून, 1 जुलाई। पूर्व सीएम हरीश रावत ने सहकारिता मंत्री धन सिंह रावत के आवास के बाहर उपवास करने की चेतावनी दी है। हरीश रावत का आरोप है उत्तराखंड के हिस्से के यूरिया की स्मगलिंग की जा रही है और किसानों को खाद, यूरिया दे पाने में सहकारिता विभाग लाचार हो गया है। हरीश रावत ने इसकी व्यवस्था सुधारने को दो से तीन दिनों का समय धनसिंह रावत को दिया है।
यूरिया
की
स्मगलिंग
का
गंभीर
आरोप
कांग्रेस
की
करारी
हार
के
बाद
भी
पूर्व
सीएम
हरीश
रावत
का
भाजपा
और
भाजपा
सरकार
पर
हमले
की
धार
कम
नहीं
हुई
है।
हरीश
रावत
लगातार
भाजपा
पर
किसी
न
किसी
मुद्दे
पर
कड़ा
प्रहार
करते
आ
रहे
हैं।
अब
हरीश
रावत
ने
किसानो
का
मुद्दा
उठाया
है।
हरीश
रावत
ने
अपने
सोशल
मीडिया
पर
पोस्ट
करते
हुए
लिखा
है
कि
किसान
भाई,
खाद
की
कमी
से
फिर
परेशान
हैं,
हरिद्वार
से
लेकर
उधमसिंहनगर
तक
सहकारिता
विभाग
जिसको
खाद
की
व्यवस्था
करवानी
है
यूरिया,
एन.पी
किसानों
को
नहीं
मिल
पा
रही
है।
हरीश
रावत
ने
आरोप
लगाया
है
कि
उत्तराखंड
के
हिस्से
का
यूरिया
आदि
बाहर
स्मगल,सप्लाई
हो
रहा
है।
मगर
सहकारिता
विभाग
कानों
में
उंगली
डाले
हुए
बैठा
हुआ
है।
हरीश
रावत
ने
चेतावनी
देते
हुए
कहा
है
कि
यदि
दो-तीन
दिन
में
स्थिति
नहीं
सुधरती
है,
तो
मेरे
सामने
दो
विकल्प
हैं।
एक
तो
सहकारिता
मंत्री
जी
के
घर
पर
उपवास
करूं
और
दूसरा
यह
है
कि
अपने
घर
आवास
पर
उपवास
करूं।
हरीश
रावत
ने
कहा
है
कि
एक
पूर्व
मुख्यमंत्री
के
लिए
मंत्री
के
घर
पर
उपवास
करना
मुझे
उचित
प्रतीत
नहीं
हो
रहा
है।
लेकिन
परिस्थितियां
व्यक्ति
को
बाध्य
कर
सकती
हैं,
किसानों
के
हित
में
मैं
यह
भी
निर्णय
ले
सकता
हूं
कि
सहकारिता
मंत्री
के
घर
के
बाहर
उपवास
करूं।
यह
सीधा
सीधा
धन
सिंह
रावत
को
चुनौती
मानी
जा
रही
है।
अपने
राजनीतिक
विरोधियों
पर
भी
उठाए
सवाल
धामी
सरकार
को
100
दिन
पूरे
हो
गए
हैं
और
कांग्रेस
में
अब
भी
हार
का
ठीकरा
एक
दूसरे
पर
फोड़ा
जा
रहा
है।
हरीश
रावत
के
एक
सोशल
मीडिया
पोस्ट
से
एक
बार
फिर
कांग्रेस
के
अंदर
संग्राम
मचना
तय
है।
हरीश
रावत
ने
एक
बार
फिर
सोशल
मीडिया
के
जरिए
ये
मुद्दा
उठाया
है।
हरीश
रावत
ने
कहा
है
कि
मेरे
कई
अच्छे
दोस्त
यह
सोचकर
के
चलते
हैं
कि
हरीश
रावत
नहीं
होता
तो
उन्हें
दुनिया
की
न
जाने
क्या-क्या
दौलत
व
पद
मिल
जाते।
वह
जब
शादी-विवाह
में
भी
जा
रहे
हैं
तो
लोगों
के
बीच
में
एक
ही
बात
कह
रहे
हैं
कि
हरीश
रावत
ने
पार्टी
को
हरवा
दिया
नहीं
तो
कांग्रेस
की
सरकार
बन
जाती।
मैं
आप
सब
लोगों
से
यह
प्रार्थना
करना
चाहता
हूं
कि
ऐसे
लोगों
से
इतना
तो
जरूर
पूछ
लीजिए
कि
उन्होंने
इस
चुनाव
में
किस
कांग्रेस
उम्मीदवार
को
जीताया
और
उनके
अपने
गृह
क्षेत्र
के
कांग्रेस
उम्मीदवार
की
उनके
विषय
में
क्या
राय
है?
जिताने
के
लिए
काम
किया
या
हराने
के
लिए
काम
किया।
हरीश
रावत
का
ये
पोस्ट
उनके
विरोधियों
के
लिए
तंज
माना
जा
रहा
है।
हरीश
रावत
ने
आगे
कहा
कि
वे
अल्मोड़ा
से
सांसद
रहे,
उधमसिंहनगर
से
सांसद
का
चुनाव
लड़ा
और
हरिद्वार
से
सांसद
रहा,
तीनों
संसदीय
क्षेत्रों
में
कांग्रेस
ने
भाजपा
को
कड़ी
टक्कर
दी
है।
जहां
चुनाव
हारे
हैं,
वहां
तुलनात्मक
रूप
में
अच्छी
तरह
टक्कर
देकर
के
हारे
हैं।
राज्य
भर
में
जिन
कांग्रेस
उम्मीदवारों
के
साथ
मेरा
नाम
जुड़ा
हुआ
है,
उन्होंने
भी
चुनाव
में
अच्छी
टक्कर
दी
है।
क्या
यही
स्थिति
सारे
राज्य
भर
में
है?
फिर
मुझ
पर
ही
दोषारोपण
क्यों?
मैं
पार्टी
के
किसी
भी
फोरम
में
इस
पर
बात
करने
के
लिए
तत्पर
रहूंगा।
हरीश
रावत
के
इस
पोस्ट
से
एक
बार
फिर
उनके
राजनीतिक
विरोधियों
के
सामने
सवाल
खड़ा
हो
गया
है।
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