चारधाम यात्रा: अब तक 28 तीर्थयात्रियों की मौत, स्वास्थ्य विभाग की तैयारियों पर सवाल
अब तक 28 तीर्थयात्रियों की मौत, सीएमओ की रिपोर्ट तलब
देहरादून, 12 मई। बीते 9 दिनों में चारधाम यात्रा में 28 तीर्थयात्रियों की मौत हो चुकी है। तीर्थयात्रियों की मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग ने उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली जिले के सीएमओ से रिपोर्ट मांगी है। विभाग ने मौत की वजह हार्ट अटैक, हाइपरटेंशन और अन्य बीमारियां बताई हैं। स्वास्थ्य विभाग ने इससे पहले 23 तीर्थ यात्रियों की जानकारी देते हुए यमुनोत्री धाम में दस, केदारनाथ में आठ, गंगोत्री में तीन, बद्रीनाथ में दो तीर्थयात्रियों की मौत बताई थी। जिनमें 17 पुरुष और छह महिला यात्री शामिल है। इसमें से 5 मृतकों की उम्र 45 वर्ष से कम है और 18 की उम्र 50 साल से भी अधिक है।
पीएमओ
के
संज्ञान
लेने
के
बाद
हरकत
में
आया
विभाग
बता
दें
कि
चारधाम
यात्रा
में
मृतकों
का
आंकड़ा
बढ़ने
पर
पीएमओ
ने
भी
संज्ञान
लिया
था।
इसके
बाद
राज्य
सरकार
हरकत
में
आई
है।
ऐसे
में
सवाल
ये
उठता
है
कि
जब
राज्य
सरकार
को
इस
बार
तीर्थयात्रियों
के
रिकॉर्ड
पहुंचने
की
उम्मीद
थी
तो
फिर
स्वास्थ्य
महकमा
किस
इतंजार
में
बैठा
रहा।
इससे
स्वास्थ्य
विभाग
और
सिस्टम
पर
सवाल
उठ
रहे
हैं।
पीएमओ
के
संज्ञान
लेने
के
बाद
ही
स्वास्थ्य
विभाग
हरकत
में
आया
है।
बुधवार
को
स्वास्थ्य
महानिदेशक
डॉ.
शैलेजा
भट्ट
ने
मुख्य
चिकित्साधिकारियों
के
साथ
चारधाम
यात्रा
मार्गों
पर
स्वास्थ्य
सेवाओं
की
समीक्षा
की।
उन्होंने
चारधाम
यात्रा
मार्ग
से
संबंधित
जिलों
के
सीएमओ
को
निर्देश
दिए
कि
किसी
भी
स्तर
पर
स्वास्थ्य
सेवाओं
में
कमी
नहीं
होनी
चाहिए।
महानिदेशक
ने
सीएमओ
को
तीर्थयात्रियों
की
मौत
पर
विस्तृत
रिपोर्ट
भेजने
के
निर्देश
दिए
हैं।
महानिदेशक
ने
बताया
कि
केदारनाथ
यात्रा
मार्ग
में
आठ
स्थायी
चिकित्सालय
और
14
अस्थाई
मेडिकल
रिलीफ
पोस्ट
बनाए
गए
हैं।
गंगोत्री
मार्ग
में
10
स्थायी
चिकित्सालय
व
तीन
अस्थाई
मेडिकल
रिलीफ
पोस्ट,
बदरीनाथ
मार्ग
पर
19
स्थायी
चिकित्सालय
तथा
दो
अस्थाई
मेडिकल
रिलीफ
पोस्ट,
यमुनोत्री
मार्ग
पर
11
स्थायी
चिकित्सालय
व
चार
अस्थाई
मेडिकल
रिलीफ
पोस्ट
कार्य
कर
रहे
हैं।
यात्रियों
को
चिकित्सा
सुविधा
प्रदान
करने
के
लिए
132
डॉक्टरों
को
विभिन्न
अस्पतालों
में
तैनात
किया
गया
है।
यात्रा
मार्ग
में
आठ
ब्लड
बैंक
व
चार
ब्लड
स्टोरेज
यूनिट
भी
संचालित
हैं।
यात्रियों
को
किसी
भी
प्रकार
की
स्वास्थ्य
सूचना
के
लिए
104
हेल्प
लाइन
काम
कर
रही
है।
जबकि
108
आपातकालीन
सेवा
की
102
एंबुलेंस
व
एडवांस
लाइफ
सपोर्ट
एंबुलेंस
भी
यात्रा
के
लिए
संवेदनशील
स्थानों
पर
तैनात
की
गई
है।
मुूख्यमंत्री
ने
दो
मंत्रियों
को
भी
जिम्मेदारी
सौंपी
सचिव
स्वास्थ्य
राधिका
झा
की
ओर
से
भी
यात्रा
के
दौरान
स्वास्थ्य
व्यवस्थाओं
की
समीक्षा
कर
एसडीआरएफ
को
मेडिकल
टीम
के
साथ
समन्वय
करने
के
निर्देश
दिए
गए।
जिससे
आपातकालीन
परिस्थितियों
में
यात्रियों
को
त्वरित
सहायता
प्रदान
की
जा
सके।
हालांकि
जिस
तरह
का
हूजूम
चारधाम
यात्रा
में
उमड़
रहा
है।
उसमें
अब
तक
ये
सभी
तैयारियां
कम
ही
नजर
आ
रही
है।
अब
तक
पौने
3
लाख
यात्री
चारधाम
दर्शन
कर
चुके
हैं।
जबकि
साढ़े
9
लाख
से
ज्यादा
रजिस्ट्रेशन
कराए
जा
चुके
हैं।
इधर
मुूख्यमंत्री
ने
दो
मंत्रियों
को
भी
यात्रा
की
व्यवस्थाएं
चाक
चौबंद
करने
की
जिम्मेदारी
सौंपी
है।
स्वास्थ्य
मंत्री
धन
सिंह
रावत
को
केदारनाथ
और
वन
मंत्री
सुबोध
उनियाल
को
बद्रीनाथ
की
जिम्मेदारी
सौंपी
गई
है।
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