केदारनाथ आपदा के 9 साल: 3,183 लोगों का अब भी पता नहीं, पढ़िए केदारपुरी जलप्रलय की पूरी कहानी
केदारनाथ में 16 और 17 जून 2013 को आई भीषण आपदा के 9 साल पूरे
देहरादून, 16 जून। केदारनाथ में 16 और 17 जून 2013 को आई भीषण आपदा के आज 9 साल पूरे हो गए हैं। इन 9 सालों में भले ही केदारपुरी में बड़े स्तर पर हुए पुर्ननिर्माण की वजह से तस्वीर बदल गई है लेकिन आपदा के सैलाब में गुम हुए अपनों को खोने का गम आज भी हजारों परिवारों में साफ नजर आता है। आज 9 साल पूरे होने के बाद भी प्रलयकारी आपदा को याद कर परिजनों के आंसू नहीं थमते हैं। जो बच गए उनकी आंखों में वो सैलाब आज भी है जो इस आपदा के शिकार हुए उनके परिजन अब भी अपनों को याद कर रहे हैं। 9 साल बाद भी सरकारी आंकड़ों में 3,183 लोगों का कुछ पता नहीं चल पाया है।
4700 तीर्थ यात्रियों के शव बरामद, 703 कंकाल बरामद
उत्तराखंड
के
विश्व
प्रसिद्ध
चारधाम
यात्रा
में
हर
बार
लाखों
की
संख्या
में
भक्त
बाबा
केदार
के
दर
पर
पहुंचते
हैं।
2013
में
भी
हर
साल
की
तरह
भक्तों
की
भीड़
जुट
रही
थी।
लेकिन
16
और
17
जून
2013
को
आई
भीषण
आपदा
ने
एक
ऐसी
गहरी
चोट
दे
दी
कि
कई
परिवार
आज
भी
इस
आपदा
को
भुला
नहीं
पाए
हैं।
इस
भीषण
आपदा
में
यात्री
और
स्थानीय
लोग
गिरफ्त
में
आए।
इनमें
से
कई
आज
भी
लापता
हैं।
सरकारी
आंकड़ों
में
पुलिस
के
पास
आपदा
के
बाद
कुल
1840
एफआईआर
आई।
जिस
पर
पुलिस
ने
क्रॉस
चेक
कराने
के
लिए
अलग
से
रुद्रप्रयाग
में
विवेचना
सेल
गठित
की
गई।
इसमें
584
एफआईआर
मर्ज
की
गई
जो,
दो-दो
जगहों
पर
दर्ज
थी।
बाद
में
पुलिस
ने
1256
एफआईआर
को
वैध
मानते
हुए
कार्रवाई
की।
पुलिस
के
पास
3,886
गुमशुदगी
दर्ज
हुई
जिसमें
से
विभिन्न
सर्च
अभियानों
में
703
कंकाल
बरामद
किए
गए।
आज
भी
3,183
लोगों
को
कोई
पता
नहीं
है।
सरकारी
आंकड़ो
में
केदारनाथ
आपदा
में
4700
तीर्थ
यात्रियों
के
शव
बरामद
हुए,
जबकि
पांच
हजार
से
अधिक
लापता
हो
गए
थे।
सरकारी
आंकड़ों
को
लेकर
कई
बार
सवाल
भी
खड़े
होते
रहे
हैं।
भीमशील के साथ ही हुई कई चमत्कार भी
केदारपुरी में आई जलप्रलय से हर कोई सहम गया। जिसने भी तस्वीरें देखी लगा मानों जिदंगी ठहर गई। अंदाजा लगाना मुश्किल था कि हुआ क्या। लेकिन जिस तरह की तस्वीर आसपास की नजर आई, वैसी तस्वीर मंदिर में नजर न आने से हर कोई हैरान था। जलप्रलय के दौरान मंदिर के पीछ कई बड़े-छोटे पत्थर आ रहे थे। इन सभी के साथ अत्यंत विशालकाय चट्टान भी आई जो मंदिर के थोड़ी सी पीछे ही रूक गई। जिसने मंदिर को बचा लिया। इस विशालकाय पत्थर को नाम दिया गया भीमशील। बाढ़ के दिन से कई महीनों तक मंदिर में कोई पुजा नहीं हुई। डोली को हैलिकॉप्टर के सहारे उखीमठ लाया गया। लेकिन जब बाढ़ गई तो शिवलिंग पर बेलपत्र मौजूद था। शिवलिंग का आध भाग मलबे में इस तरह दबा था ति मानो शिव समाधि में लीन बैठे है। केदारनाथ में अखंड ज्योत हमेशा जलती रहती है जब आपदा आकर चली गई और पुजारियों ने देखा तो अखंड ज्योत जल रही थी। मंदिर के कपाट शीतकाल में 6 महीने बंद रहते है और 6 महीने ग्रीष्म काल में खपले रहते है। जब मंदिर के कपाट खुलते है तब अखंड ज्योत जलती रहती है। उसके दर्शन के लिए लाइन लगती है।
16 और 17 जून 2013 को आई थी केदारनाथ में आपदा
आपदा
में
मारे
गए
थे
4700
तीर्थ
यात्री
आज
भी
लापता
3,183
पुलिस
को
आई
एफआईआर
1840
वैध
एफआईआर
1256
पुलिस
के
पास
गुमशुदगी
दर्ज
3,886
सर्च
अभियानों
में
कंकाल
बरामद
703
पल-पल कैसे बदली तस्वीर
15 जून-उत्तराखंड के कई हिस्सों में बारिश शुरू हुई
16 जून- शाम को चौराबाड़ी ताल टूटने से मंदाकिनी में बाढ़ आने से केदारनाथ में मलबा भर गया। रामबाड़ा पूरी तरह तहस-नहस हो गया।
17
जून-सुबह
एक
बार
फिर
चौराबाड़ी
ताल
से
पहले
से
ज्यादा
पानी
और
मलबा
आया।
केदारनाथ
पूरी
तरह
तबाह
हो
गया।
पूरी
मंदाकिनी
घाटी
में
तबाही
हुई।
18
जून-पहली
बार
केदारनाथ
और
घाटी
में
तबाही
की
खबरें
सामने
आई।
19
जून-
राहत
और
बचाव
के
कार्य
शुरू
किये
गये।
आपदा में नुकसान- सरकारी आंकड़े
1853
पूर्ण
क्षतिग्रस्त
पक्के
मकान
361
पूर्ण
क्षतिग्रस्त
कच्चे
मकान
2349
बुरी
तरह
क्षतिग्रस्त
पक्के
भवन
340
बुरी
तरह
से
टूटे
कच्चे
मकान
9808
आंशिक
रूप
से
क्षतिग्रस्त
पक्के
मकान
1656
आंशिक
रूप
से
क्षतिग्रस्त
कच्चे
मकान
2162
सड़कें
क्षतिग्रस्त
86
पुल
(मोटर
मार्ग
व
पैदल)
टूटे
172
पुलिया
ध्वस्त
3484
पेयजल
लाइनें
ध्वस्त
4515
गांव
मेंबिजली
आपूर्ति
बाधित
13,844.34
करोड़
रुपये
की
परिसंपत्तियों
को
नुकसान
का
आंकलन
ये भी पढ़ें-सावधान, चारधाम यात्रा में हेली सर्विस ही नहीं होटल बुक करने के नाम पर भी हो रही ठगी