प्राइवेट स्कूल अब नहीं वसूल सकेंगे मनमाने तरीके से फीस, योगी सरकार हुई सख्त
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार अब प्राइवेट स्कूलों की मनमानी नहीं चल सकेगी। योगी सरकार ने मनमाने तरीके से फीस वसूली करने वाले प्राइवेट स्कूलों पर लगाम लगाने के लिए विधान सभा में एक विधेयक पारित किया है। योगी सरकार की इस पहल से अभिभावकों को बड़ी राहत मिलेगी।
योगी सरकार ने उप्र स्ववित्त पोषित स्वतंत्र विद्यालय (शुल्क का विनियमन) विधेयक विधानसभा में गुरुवार को पेश किया। इस विधेयक को अब विधानपरिषद में पारित होने के लिए भेजा जाएगा। उप्र स्ववित्त पोषित स्वतंत्र विद्यालय (शुल्क का विनियमन) विधेयक में फीस वृद्धि में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक को आधार बनाना जरूरी किया गया है। इतना ही नहीं स्कूल कैंपस के कॉमर्शियल इस्तेमाल को भी स्कूल की आमदनी माना गया है।
इसके अलावा ड्राफ्ट में अभिभावकों की शिकायतों के लिए जोनल शुल्क विनियामक समिति के गठन का भी प्रस्ताव है। पिछले साल विधेयक का ड्राफ्ट सीएम के सामने पेश किया गया था। जिस पर सीएम ने कहा था कि हमारी कोशिश है कि ऐसा प्रस्ताव तैयार किया जाए, जिसमें छात्रों के हितों की रक्षा हो साथ ही स्कूलों को भी कुछ भी गलत न लगे। इस ड्राफ्ट को लेकर व्यापक स्तर पर रायशुमारी की जाए, ताकि विधेयक को ज्यादा से ज्यादा व्यवहारिक बनाया जा सके।
पारित किया गया विधेयक उन सभी प्राइवेट स्कूलों के लिए है, जो छात्रों से 20 हजार से अधिक वार्षिक शुल्क की वसूली करते है। इस विधायक के हिसाब से छात्रों से एडमीशन फीस सिर्फ कक्षा 1 में दाखिला लेने पर ही लिया जाएगा। इसके बाद कक्षा 9 और 11 में ही छात्रों से एडमीशन फीस लिया जा सकेगा। स्कूलों को आगामी सत्र की फीस 31 दिसंबर तक अपनी वेबसाइट और नोटिस बोर्ड पर प्रदर्शित करनी होगी। छात्र, अभिभावक या अभिभावक संघ की शिकायतों के लिए कमिश्नर की अध्यक्षता में जोनल शुल्क विनियामक समिति का गठन किया जाएगा।