मिसाल: घर की सभी जिम्मेदारियां निभाते हुए यूपी की बहू ने बिहार में रची बड़ी कामयाबी
खैरुन निशां की शादी 4 साल पहले हुई थी। घर में एक बेटा है, पूरा भरा परिवार है लेकिन इन पारिवारिक जिम्मेदारियों को बखूबी अंजाम देते हुए खैरुन निशां ने वो कर दिखाया जो हजारों-लाखों महिलाओं के लिए प्रेरणास्रोत होगा।
इलाहाबाद। ऐतिहासिक शहर कौशांबी की चमक में एक और दीपक जल गया है। इस बार करिश्मा बिहार पीसीएस-जे की भर्ती में एक बहू ने कर दिया है। बेटे के पालन पोषण, पति और घर परिवार की जिम्मेदारियों को निभाते हुए महिला सशक्तिकरण की मिसाल बनी खैरुन निशां अब अपनी पहचान की मोहताज नहीं हैं। खैरुन निशां की शादी 4 साल पहले हुई थी। घर में एक बेटा है, पूरा भरा परिवार है लेकिन इन पारिवारिक जिम्मेदारियों को बखूबी अंजाम देते हुए खैरुन निशां ने वो कर दिखाया जो हजारों-लाखों महिलाओं के लिए प्रेरणास्रोत होगा। बिहार पीसीएस-जे की भर्ती में खैरुन निशां ने 17वीं रैंक हासिल की है। घर परिवार के लोग बहू की इस उपलब्धि पर फूले नहीं समां रहे हैं और शहर कौशांबी भी बेटी की सफलता पर इतरा रहा है।
पिता के कदम पर चली बेटी
खैरुन निशां के पिता मुहम्मद हुसैन फर्रुखाबाद के जिला जज हैं। बचपन से ही पिता आदर्श थे, तो बेटी भी उनके कदम पर बढ़ चली। तेज दिमाग और कुछ कर गुजरने की चाहत ने खैरुन निशां को हमेशा आगे रखा लेकिन सामाजिक दायित्व को पूरा करने के लिए 4 साल पहले खैरुन निशां की शादी दिलशाद हुसैन के साथ हुई। शादी के बाद वो कौशांबी के सेलरहा चली आई। यही उसका नया आशियाना था, उसे अब अपनी मंजिल का सफर तय करना था। शादी के बाद भी खैरुन निशां ने पढ़ाई नहीं छोड़ी और प्रतियोगी परीक्षा की ओर कड़ी तैयारी करने लगी। जिम्मेदारी उसे हताश करती, लेकिन उसके कदम अब रुकने वाले नहीं थे।
इसी बीच बेटा अफान भी दुनिया में आ गया। जिम्मेदारियां और बढ़ीं लेकिन पिता हर वक्त बेटी को उसके सपने को पूरा करने की याद दिलाते रहे। फिर क्या था जितना भी वक्त मिला खैरुन निशां ने पढ़ाई की और नतीजा आपके सामने है। खैरुन निशां ने बिहार पीसीएस-जे में 17वीं रैंक हासिल कर स्वर्णिंम सफलता अर्जित की।
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