डिग्री का लोग बनाते थे मजाक, इसलिए स्टॉल का नाम 'BTC Chai Wali' रख सृष्टि वर्मा छाई सुर्खियों में
लखनऊ, 07 जून: ठेठे पंचलाइनों की वजह से बिहार की रहने वाली प्रियंका गुप्ता 'ग्रेजुएट चायवाली' के रुप में सोशल मीडिया ही नहीं, बल्कि मीडिया की सुर्खियों में भी छाई रही थीं। प्रियंका गुप्ता के बाद बीसीए डिग्रीधारी मोना पटेल भी चाय का स्टॉल खोलकर कर चर्चाओं में आ गई थी। तो वहीं, अब उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के अलीगंज में बीटीसी डिग्रीधारी सृष्टि वर्मा ने टी स्टॉल खोला है, जिसके बाद वो सोशल मीडिया पर छा गई है। सृष्टि ने इस टी स्टॉल का नाम रखा है 'बीटीसी चायवाली'। आइए जानते है सृष्टि वर्मा कौन है और क्यों खोला है यह टी स्टॉल।
कौन है सृष्टि वर्मा
सृष्टि वर्मा उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के अलीगंज की रहने वाली है। सृष्टि वर्मा के पिता का नाम वासुदेव प्रसाद वर्मा है और मां का आशा वर्मा। सृष्टि वर्मा ने 2017 में मैथ्स व फिजिक्स में बीएससी के बाद 2019 में बीटीसी उत्तीर्ण की। सीटेट की प्राइमरी व जूनियर लेवल की परीक्षा उत्तीर्ण कर चुकी है। प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रही है। हाला ही में सृष्टि वर्मा ने सिविल सेवा की प्रारंभिक परीक्षा भी दी है।
सृष्टि वर्मा ने परिवार के लिए खोला टी-स्टॉल
सृष्टि वर्मा के पिता वासुदेव प्रसाद वर्मा बाराबंकी जिले के बिटरिया स्थित कॉलेज में लेक्चरार थे। 2001 में उनका निधन हो गया। वहीं, मां आशा वर्मा 2015 में उच्चतर माध्यमिक विद्यालय से शिक्षिका पद से सेवानिवृत्त हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, सृष्टि का एक बड़ा भाई भी है, जिसका विकास असामान्य है। सृष्टि की मानें तो वह आजीवीका चलाने के लिए ऐसा साधन खड़ा करना चाहती है, जो मेरे पीठ पीछे मेरे परिवार का सहारा बन सके।
सृष्टि ने बताया इसलिए रखा 'BTC Chai Wali' ये नाम
सृष्टि वर्मा की मानें तो लोग डिग्री का लोग मजाक बनाते हैं, इसलिए उसने स्टॉल का नाम रखा बीटीसी चाय वाली। इसमें उसे कोई झिझक व शर्म भी नहीं है। साथ इस नाम को रखने की वजह से सृष्टि वर्मा चर्चाओं में है। वह सुबह व शाम से रात तक स्टॉल चलाती हैं और दिन में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी भी करती हैं। सृष्टि अपने इस फैसले को स्वाभिमान और मजबूत इरादे से लिया गया निर्णय बताती है।
दूसरे जिलों से भी सृष्टि के स्टॉल पर आते हैं लोग
वह अपने निवास स्थान पर बीटीसी चायवाली के नाम से स्टॉल लगाकर महिला सशक्तीकरण की मिशाल बनी हुई है। अप्रैल के प्रथम सप्ताह में उसने इसकी शुरूआत की और दो महीने में ही सोशल मीडिया पर वह चर्चा का विषय बन गई है। चाय-काफी के साथ फास्ट फूड के कुछ व्यंजन भी बनाती है। दूसरे जिलों से भी लोग उसके स्टॉल पर आ रहे हैं।