पशुओं को कत्लखाने ले जाने वाली गाड़ी छोड़ने की एवज में पुलिस वाले लेते हैं लाखों रुपये, ऑडियो वायरल
वाराणसी। यूपी में मुखिया योगी आदित्यनाथ के गोरक्षा को खाकी कैसे पतीला लगा रही है ये आपको इस ऑडियो क्लिप में सुनने के बाद पता चल जाएगा। वाराणसी की सीमा पर भदोही, मिर्जापुर को क्रॉस करते हुए इलाहाबाद और मुजफ्फरपुर से चलने वाली पशुओं को कत्लखाने पहुंचाने वाली गाड़ियां को पकड़ने के बाद छोड़ने की कीमत लगाते हैं। इस ऑडियो में आप सौदेबाजी की बातचीत का ऑडियो सुन सकते हैं। अब इस ऑडियो के वायरल होने के बाद एसएसपी वाराणसी आनंद कुलकर्णी ने मिर्जामुराद के थाना प्रभारी लाइन हाजिर कर दिया है लेकिन देखने वाली बात ये है कि अब प्रशासनिक अमला पशु तस्कर पर क्या करवाई करती है।
वाराणसी
की
तीन
थानों
को
पार
कर
बिहार
जाती
है
गाड़ियां
दरसअल
वाराणसी
की
सीमा
को
पार
कर
बिहार
जाने
के
लिए
गड़ियो
को
बनारस
के
मिर्जामुराद,
रोहनिया
और
लंका
थाने
की
सीमाओं
को
पार
करने
के
बाद
चन्दौली
जिले
में
इंट्री
मिलती
हैं।
वहीं
अक्सर
देखा
गया
है
कि
पशुओं
की
तस्करी
मामले
में
वाराणसी
के
इन्हीं
तीनों
थानों
में
पुलिस
गुडवर्क
कर
अपना
सीना
चौड़ा
करती
है।
लेकिन
इस
ऑडियो
के
सामने
आने
के
बाद
अब
पुलिसिया
कार्रवाई
कर
भी
संदेह
होने
लाजमी
है।
बता दें कि इस ऑडियो क्लिप में पशु तस्कर और मिर्जामुराद थाने के कारखास सिपाही हैदर की बात रिकॉर्ड हुई है। जिसमें ये बाते सामने आई है कि पहले थाने के इंचार्ज ने गाड़ी छोड़ने के लिए 3 लाख रुपये की डिमांड की थी। सौदेबाजी हुई और बात 2 लाख 10 हजार में तय हुआ। ड्राइवर को पशु तस्कर ने सिपाही के साथ थाने भेज पैसे देने की बात कही इसी बीच समय पर पैसा न मिलने पर नाराज सिपाही ने बताया कि 2 लाख 10 हजार में साहब ने गाड़ी छोड़ने से मना कर दिया है। मेरे खिलाफ रपट भी लिखवा दिया। वहीं इस आडियो क्लिप से ये बातें भी स्पष्ट होती हैं कि कैसे पशु तस्करों की गाड़ियां मोटी रकम लेने के बाद छोड़ दी जाती हैं और जो सौदा नहीं तय होता उससे गुडवर्क बता दिया जाता है।
थानेदार
पर
एसएसपी
ने
की
करवाई
ऑडियो
के
सामने
आने
के
बाद
अब
पूरा
प्रशासनिक
अमला
सकते
है।
इस
मामले
में
जहां
एक
तरफ
सिपाही
और
थानेदार
पर
सवालिया
निशान
खड़े
हो
रहे
हैं
वहीं
ऑडियो
के
सामने
आने
के
बाद
एसएसपी
वाराणसी
आनंद
कुलकर्णी
ने
थाने
के
प्रभारी
को
लाइन
हाजिर
करने
की
करवाई
के
आदेश
जारी
कर
दिए
हैं।
लेकिन
अभी
बातचीत
करने
वाले
सिपाही
को
नहीं
हटाया
गया।
लेकिन
इस
ऑडियो
से
ये
बातें
तो
स्पष्ट
होता
है
कि
इस
मामले
में
सिपाही
हैदर,थानेदार,
और
पशु
तस्कर
तीनों
ही
दोषी
हैं।
हालांकि
थानेदार
पर
करवाई
हो
हुई
है
लेकिन
पशु
तस्कर
और
सिपाही
पर
न
जाने
कब
करवाई
होगी।
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