बनारस के इस DM का और एक नेक काम, अब स्कूल जाया करेंगे
उन्होंने इस बार शिक्षा के क्षेत्र में बनारस के अर्दली बाजार के एक पूर्व माध्यमिक और प्राथमिक विद्यालय को गोद लेने की घोषणा की और खुद हफ्ते में एक दिन इन बच्चों के बीच रहने का मन बनाया है।
वाराणसी। मोदी की काशी के डीएम योगेश्वर राम मिश्रा वैसे तो इन दिनों अपने अच्छे आचरण और कार्य कुशलता के लिए चर्चाओं में बने हुए हैं। अभी एक SMS से जानकारी के बाद गरीब शबाना के घर ईदी पहुंचाई तो कभी सड़कों पर गुजरते हुए आग की घटनाओं को देख गाड़ी रुकवाकर खुद ही आग बुझाने में जुट जाते हैं। इस बार भी उन्होंने कुछ ऐसा ही किया हैं। उन्होंने इस बार शिक्षा के क्षेत्र में बनारस के अर्दली बाजार के एक पूर्व माध्यमिक और प्राथमिक विद्यालय को गोद लेने की घोषणा की और खुद हफ्ते में एक दिन इन बच्चों के बीच रहकर अध्यापक की भूमिका निभाने का निर्णय ले लिया हैं। यही नहीं डीएम योगेश्वर राम ने इस बार हाईस्कूल और इंटर के रिजल्ट आने के बाद उन दो मेधावी बच्चियों की पढ़ाई का जिम्मा भी अपने कंधे पर उठाने का निर्णय लिया है जो गरीब परिवार से वस्ता रखती हैं।
क्लॉस में बने टीचर तो अध्यापकों को दिए निर्देश
डीएम योगेश्वर राम मिश्र ने शिक्षा सत्र के पहले ही दिन अपने गोद लिए अर्दलीबाजार स्थित एलटी कॉलेज परिसर के पूर्व माध्यमिक विद्यालय एवं प्राथमिक विद्यालय में शनिवार को बच्चों को पढ़ाया और कई सवाल पूछ शिक्षा की गुणवत्ता को भी परखा। उन्होंने जहां बच्चों को मन लगाकर पढ़ने और अपने मां-बाप का नाम रौशन किए जाने की अपील की। वहीं विद्यालय में तैनात अध्यापको से मन लगा कर बच्चो की पढ़ाई कराने का निर्देश दिया। इस दौरान उन्होंने विद्यालय में वृक्षारोपण भी किया। तो डीएम साहब ने विद्यालय की समुचित साफ सफाई सुनिश्चित कराए जाने का निर्देश देते हुए विद्यालय का रंग-रोगन भी कराए जाने के लिए बेसिक शिक्षा अधिकारी को निर्देशित किया।
डीएम
ने
दो
बच्चियों
को
पढ़ाने
की
जिम्मेदारी
ली
डीएम योगेश्वर राम मिश्र ने ग्राम आयर के मुसहर बस्ती की रहने वाली अमर शहीद इंटर कॉलेज से हाई स्कूल में 63.80% अंक पाने वाली रेखा और इंटरमीडिएट में 83 प्रतिशत अंक के साथ उतीर्ण ग्राम कटारी निवासी कुमारी सुनीता को आगे ग्रेजुएशन कराने की खातिर उनके पठन-पाठन सामग्री के साथ पूरे खर्चे की जिम्मेदारी संभाली। इन दोनों छात्राओं ने साल 2017 में हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट की परीक्षाएं उत्तीर्ण की है। डीएम ने जिले की मेधावी छात्राओं के पठन-पाठन सामग्री एवं खर्चे की पूरी जिम्मेदारी संभालने की घोषणा भी की है। इस घोषणा के बाद रेखा और सुनीता में खुशी की लहर है। उन्होंने कहा कि डीएम अंकल हमारे लिए भगवान बन कर आए हैं। अब हम अपने सपनो को पूरा कर पाएंगे। वहीं इन बच्चियों के परिजनों की माने तो वो आगे की पढ़ाई कराने में सक्षम नहीं थे। ऐसे में उनकी बेटियां अब आगे शिक्षा ग्रहण कर पाएगी ये जाकर वो फुले नहीं समा रहे हैं।
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