प्रदेश में लगातार बढ़ रहे अपराधों को देखते हुए यूपी पुलिस ने लिया बड़ा फैसला
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में आए दिन बढ़ रहे अपराधों को देखते हुए डीजीपी ने एक सख्त फैसला लिया है। उन्होंने एक पत्र जारी करके हर जिले के कप्तानों को ये आदेश दिए हैं कि जिन थानों में प्रभारी निरीक्षक स्तर के अफसर तैनात हैं। वहां एक अतिरिक्त निरीक्षक अपराध की भी तैनाती की जाए।
जानें क्या होंगे अतिरिक्त निरीक्षक अपराध के कार्य
1- उत्तर प्रदेश में प्रभारी निरीक्षक स्तर के थानों में तैनात होने वाले अतिरिक्त निरीक्षक अपराध का विशेष कार्य जिले के क्राइम मूमेंट पर नजर रखना होगा। इसी के साथ थाना क्षेत्र में घटित गंभीर और महत्वपूर्ण अपराधों की विवेचना करना भी होगा।
2-अपराधों की रोकथाम के लिए निरोधात्मक कार्रवाई करना।
3-प्रभारी निरीक्षक की आज्ञा से थानों में नियुक्त अधीनस्थ विवेचकों का आवंटन करना।
4-किसी अपराध के होने के बाद उसकी अविलम्भ जाँच करके सभी सबूतों को तत्काल कब्जे में लेना।
5-अधीनस्थ विवेचकों की केस डायरी का अवलोकन कर विवेचना को ततपरता और गुणदोष के आधार पर उसकी जांच करना।
6-समय से न्यायालय में आरोप पत्र और अंतिम रिपोर्ट जमा करना।
7-न्यायालय से मिलने वाले सामान, वारंट को लोगों तक भेजना और गवाहों की उपस्थिति सुनिश्चित करना।
8-न्यायालय में विचारधीं मामलों की प्रभावी पैरवी करना।
9-थाने के अपराध संबंधी समस्त अभिलेखों का रख-रखाव करना।
10-किसी भी प्रकार के अपरदों की विवेचना और साइबर अपराधों में क्राइम ब्रांच की टीम को थाने की ओर से पूरी मदद करना।
11-प्रभारी निरीक्षक और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा दिए गए आदेशों का पालन करना।
इसलिए
हो
रही
तैनाती
आपको
बता
दें
कि
जिन
थानों
में
प्रभारी
निरीक्षक
स्तर
के
अधिकारी
तैनात
हैं,
सिर्फ
उन्हें
थानों
में
एक
अतिरिक्त
निरीक्षक
तैनात
किया
जाएगा।
निरीक्षक
अपराध
थाने
के
प्रभारी
निरीक्षक
से
वरिष्ठ
नहीं
होगा।
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