अयोध्या में सीएम योगी, रामलला के दर्शन कर सरयू के तट पर की पूजा
रामलला के दर्शन करने के बाद शाम 5 बजे योगी आदित्यनाथ फैजाबाद के प्रधान डाकघर में पासपोर्ट सेवा का उद्घाटन करेंगे।
नई दिल्ली। अपने एक दिवसीय दौरे के तहत यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज अयोध्या में हैं। सीएम योगी शाम तक अयोध्या में रुकेंगे और यहां कई कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे। सीएम बनने के बाद योगी पहली बार अयोध्या आए हैं। तय कार्यक्रम के मुताबिक योगी आदित्यनाथ ने सबसे पहले हनुमानगढ़ी मंदिर जाकर पूजा-अर्चना की। इसके बाद रामलला के दर्शन कर सरयू नदी के तट पर पूजा अर्चना की।
क्या हैं अयोध्या दौरे के सियासी मायने
मुख्यमंत्री के दौरे को लेकर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। योगी आदित्यनाथ के अयोध्या दौरे को लेकर सियासी मायने भी निकाले जा रहे हैं। एक दिन पूर्व ही सीबीआई की विशेष अदालत ने लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी समेत 12 नेताओं पर बाबरी विध्वंश मामले में आरोप तय किए हैं। आपको बता दें कि 6 दिसंबर 1992 को जब बाबरी ढांचा गिराया गया था तो राजनाथ सिंह पहले मुख्मयंत्री थे जो यहां 2002 में पूजा अर्चना करने के लिए पहुंचे थे।
पासपोर्ट सेवा का करेंगे उद्घाटन
माना जा रहा है कि सीएम योगी आदित्यनाथ अयोध्या से ही विधानसभा चुनाव भी लड़ सकते हैं। हालांकि उनका चुनावी क्षेत्र गोरखपुर रहा है लेकिन पार्टी चाहती है कि सीएम योगी अयोध्या से ही विधानसभा चुनाव लड़ें। रामलला के दर्शन करने के बाद शाम 5 बजे योगी आदित्यनाथ फैजाबाद के प्रधान डाकघर में पासपोर्ट सेवा का उद्घाटन करेंगे।
अयोध्या को लेकर क्या है योगी का प्लान
- सरकार अयोध्या में फाइव स्टार होटल बनाएगी
- पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए शहर और आसपास पर्यटन केंद्र बनाए जाएंगे
- सरयू नदी के घाटों की सफाई कराई जाएगी और उनका सौंदर्यीकरण किया जाएगा
- अयोध्या तक आने के लिए रेल सेवा को बेहतर किया जाएगा
- रेलवे स्टेशन पर वाई-फाई की सुविधा मिलेगी
- फैजाबाद में मौजूद हवाई पट्टी को घरेलू एयरपोर्ट के तौर पर विकसित किया जाएगा
- अंतर्राष्ट्रीय मानकों के आधार पर खाने की जगहों और बाजारों को विकसित किया जाएगा
पहले भी योगी आ चुके हैं अयोध्या
यह पहली बार नहीं है जब योगी आदित्यनाथ अयोध्या आए हैं। इससे पहले वो अपने गुरू और गोरखनाथ मंदिर के महंत अवैद्यनाथ के साथ अयोध्या आ चुके हैं, लेकिन सीएम बनने के बाद पहली बार अयोध्या पहुंचे हैं। महंत अवैद्यनाथ के दिगंबर अखाड़े के महंत रामचन्द्र परमहंस के साथ बेहद अच्छे संबंध थे। रामचन्द्र परमहंस राम जन्मभूमि न्यास के पहले अध्यक्ष भी थे। ये न्यास भव्य मन्दिर के निर्माण के लिए गठित किया गया था। महंत अवैद्यनाथ खुद इसके सदस्य भी रहे हैं।
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