'तीन तलाक पर कानून मुस्लिम पर्सनल लॉ में हस्तक्षेप, चुनाव में लाभ के लिए सरकार लाई अध्यादेश'
सहारनपुर। तीन तलाक पर सरकार द्वारा लाया गया बिल राज्यसभा में अटक जाने के बाद अब मोदी कैबिनेट ने अध्यादेश लाकर तीन तलाक के खिलाफ कानून बना दिया है जिसके बाद अब देश में तीन तलाक देना कानून अपराध हो गया है। मोदी कैबिनेट के इस अध्यादेश पर उलेमा ने दो टूक कहा कि तीन तलाक पर किसी भी प्रकार का कानून बनना मुस्लिम पर्सनल लॉ में हस्तक्षेप है। सरकार हर चोर रास्ते से मुसलमानों को परेशान करने की राह ढूंढ़ रही है।
तीन तलाक पर लम्बे समय से चल रही बहस के बाद बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आयोजित हुई कैबिनेट की बैठक में अध्यादेश लाते हुए तीन तलाक के खिलाफ कानून बना दिया गया। यह अध्यादेश ६ महीने तक लागू रहेगा इस दौरान सरकार को इसे संसद से पारित कराना होगा।
मोदी कैबिनेट द्वारा मुस्लिम महिलाओं के पक्ष में तीन तलाक पर अध्यादेश लाने पर उलेमा ने सरकार की नीयत पर सवाल खड़े किये हैं। कहा कि तीन तलाक बिल को सरकार राज्यसभा में पास नहीं करा पाई इसलिए अपनी किरकिरी ती देख वह अध्यादेश लेकर आई है।
दारुल उलूम वक्फ के शेखुल हदीस मौलाना अहमद खिजर मसूदी ने तीन तलाक के खिलाफ बनने वाले किसी भी कानून को मुस्लिम पर्सनल लॉ में हस्तक्षेप करार दिया। तथा कहा कि सरकार पर्सनल लॉ में छेड़छाड कर संविधान विरोधी कार्य कर रही है जो कि उचित नहीं है। तंजीम अब्ना ए दारुल उलूम के अध्यक्ष मुफ्ती यादे इलाही कासमी ने कहा कि सरकार तीन तलाक पर बनाए गए बिल को संसद में पास नहीं करा सकी इसलिए अध्यादेश लाकर जबरन इस कानून को थोप रही है।
कहा कि देश की सभी मुसलमान औरतें मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के साथ हैं। सरकार का मुस्लिम महिला प्रेम धोखा है, अध्यादेश लाकर बनाए गए कानून के सहारे सरकार का मकसद केवल मुसलमानों को परेशान करना है।
अलकुरआन फाउंडेशन के अध्यक्ष मौलाना नदीमुल वाजदी ने कहा कि तीन तलाक को देश में कानूनन जुर्म ठहराकर मोदी सरकार मुसलमानों को परेशान करना चाहती है। उन्होंने कहा कि तलाक के सबसे कम कैस मुसलमानों में हैं इसके बावजूद सरकार तीन तलाक को मुद्दा बनाए हुए है। कहा कि सरकार पहले भी संसद में तीन तलाक के खिलाफ बिल को पास कराने में नाकाम साबित हुई और इस बार भी वह कैबिनेट के अध्यादेश को संसद में पास नहीं करा पाएगी। क्योंकि देश के संविधान ने सबको पर्सनल लॉ का अधिकार दिया है।
जामिया हुसैनिया के वरिष्ठ उस्ताद मौलाना मुफ्ती तारिक कासमी ने कहा कि तीन तलाक मुस्लिम पर्सनल लॉ से जुड़ा मामला है। इस पर सरकार का जबरन हस्तक्षेप उसकी नीयत बताता है। कहा कि देश बेहद बुरे हालात से गुजर रहा है। पेट्रोल डीजल की कीमते आसमान छू रही हैं जबकि डॉलर के मुकाबले रुपया लगातार कमजोर हो रहा है। लेकिन देश की बागडोर सम्भालने वाले इन सब गम्भीर मुद्दों को छोड़ तीन तलाक के नाम पर सियासत कर रहे हैं।
कहा कि मोदी कैबिनेट ने लोकसभा चुनाव में लाभ पाने के उद्देश्य से तीन तलाक के खिलाफ कानून बनाया है। लेकिन इसका उन्हें कोई फायदा नहीं होगा क्योंकि मुस्लिम महिलाएं इस्लाम की दहलीज पार करने वाली नहीं हैं।