आजमगढ़ लोकसभा उपचुनाव: त्रिकोणीय मुकाबले में फंसे BJP उम्मीदवार निरहुआ, जानिए कैसे कर रहे जिताने की अपील
लखनऊ, 13 जून: उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ में लोकसभा का उपचुनाव 23 मई को होना है। इस बार आजमगढ़ में लड़ाई त्रिकोणीय हो गई है। पिछले चुनाव में जहां समाजवादी पार्टी (SP) और बहुजन समाज पार्टी (BSP) एक साथ मिलकर चुनाव लड़ रहे थे वहीं इस बार दोनों ने अपने अपने उम्मीदवार उतारे हैं। त्रिकोणीय संघर्ष में बीजेपी के उम्मीदवार दिनेश लाल यादव उर्फ निरहुआ को उममीद है कि इस बार जनता उनपर विश्वास व्यक्त करेगी और भारी मतों से जिताएगी। बीजेपी प्रत्याशी निरहुआ ने दावा किया है कि पिछली बार और इस बार के चुनाव में बड़ा अंतर है। इस बार लड़ाई कांटे की है लेकिन मेरे साथ हर जाति और वर्ग के लोग हैं। मैने तो यह भी कहा है कि दो साल के लिए जिताकर देखिए। काम न हुआ तो अगली बार वोट मत देना।
आजमगढ़ में त्रिकोणीय लड़ाई
आमतौर पर आजमगढ़ से एक यादव उम्मीदवार ही जीतता है इसलिए समाजवादी पार्टी (एस) समाजवादी पार्टी) ने परिवार के सदस्य धर्मेंद्र यादव को मैदान में उतारा है, जबकि बसपा ने अल्पसंख्यक चेहरे पर दांव लगाया है। इस दौरान बीजेपी प्रत्याशी दिनेश लाल यादव निरहुआ ने माना कि आजमगढ़ में लड़ाई कांटे की है। निरहुआ ने कहा कि इस बार मुकाबला काफी कड़ा होने वाला है। उन्होंने बताया कि पिछली बार यानी 2019 में सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव और मायावती के बीच आपसी गठबंधन की वजह से उनका पक्ष मजबूत था, लेकिन इस बार स्थिति अलग है। बीजेपी प्रत्याशी दिनेश लाल निरहुआ ने बताया कि पिछली बार लोगों ने मुझ पर पथराव किया था। क्योंकि मैं अखिलेश यादव के खिलाफ चुनाव लड़ रहा था। चूंकि पथराव करने वाले मेरी बिरादरी के थे, लेकिन इस बार ऐसा नहीं है।
Recommended Video
बड़े नेताओं ने बनाई इस चुनाव से दूरी
दरअसल बीजेपी प्रत्याशी निरहुआ ने जीत के अपने दावे को मजबूत करते हुए कहा कि पिछली बार लोगों के मन में अखिलेश यादव बड़े नेता थे, लेकिन इस बार ऐसा नहीं है। यह उपचुनाव है, यहां चुनाव जीतकर कोई भी प्रधानमंत्री नहीं बनने जा रहा है और वैसे भी बड़े नेता क्षेत्र में समय नहीं बिता पा रहे हैं। इसलिए मैंने जनता का समर्थन मांगा है। मैंने पहले भी कहा था कि अगर आप अखिलेश को जीत दिला भी देंगे तो वह चले जाएंगे। आज देख लो। यह चुनाव जाति धर्म धर्म का नहीं है। मेरे साथ हर वर्ग के लोग हैं।
दो साल के लिए मौका मांग रहे निरहुआ
बीजेपी प्रत्याशी निरहुआ ने बताया कि पिछली बार लोगों ने मुझ पर पथराव किया था क्योंकि मैं अखिलेश यादव के खिलाफ चुनाव लड़ रहा था। पथराव करने वाले मेरी बिरादरी के थे, लेकिन इस बार ऐसा नहीं है। इस बार मुझे क्षेत्र के लोगों का समर्थन मिल रहा है। वहीं केंद्र और राज्य में बीजेपी की सरकार है। इसलिए लोगों ने मन बना लिया है कि बाकी के 2 साल पूरे विकास के लिए हों। इसके अलावा मैंने जनता से कहा कि दो साल का मौका दो, अगर काम ठीक से नहीं हुआ तो 2024 में वोट मत देना।
जाति धर्म से उपर उठकर वोट करेगी आजमगढ़ की जनता
इस दौरान बीजेपी प्रत्याशी निरहुआ ने कहा कि यह मेरे साथ नहीं है कि मैं चुनाव के बाद भाग जाऊंगा। जब मैं बिरहा गाता था तब भी मैं इस क्षेत्र में घूम-घूम कर परफॉर्म करता था। क्षेत्र के लोग मुझे जानते हैं, तब भी जब संघर्ष के दिन थे और आज जब लोग मुझे जानते हैं, तब भी मैं अपने क्षेत्र में ही था। ऐसे में मैं आज भी जनता के लिए वही निरहुआ हूं, जो पहले बिरहा गाता था, मैं अपने क्षेत्र की जनता के लिए स्टार नहीं हूं। उन्होंने कहा कि अगर आजमगढ़ जाति धर्म से ऊपर उठकर सोचता है तो मैं जीत जाऊंगा।
यह भी पढ़ें-यूपी विधानसभा उपाध्यक्ष बने सपा विधायक नितिन अग्रवाल, मिले 304 वोट