योगी सरकार में आवास विकास के भू खंड आम लोगों की पहुंच से हुए दूर, जानिए ऐसा क्यों
लखनऊ, 16 अप्रैल: उत्तर प्रदेश में रहने वाले ऐसी लोगों के लिए बुरी खबर है जो आवास विकास परिषद के भूखंड खरीदने के बारे में सोच रहे हैं। दरअसल आवास विकास परिषद ने जमीन की कीमत बढ़ा दी है। लखनऊ, वाराणसी, बाराबंकी और गोंडा में दरों में सबसे ज्यादा 15 फीसदी तक की बढ़ोतरी की गई है। कई शहरों में कम मांग को देखते हुए कीमतों में बढ़ोतरी नहीं की गई है। नई दर एक अप्रैल से प्रभावी होगी। नई दरों के लागू होने के बाद आम लोगों के लिए सरकारी भूखंडों तक पहुंच और मुश्किल हो जाएगी।
आवास विकास ने आवासीय योजनाओं में भूखंड के दाम बढ़ाए
आवास विकास परिषद ने अपनी योजनाओं में भूमि की दरों में पांच से 15 प्रतिशत की वृद्धि की है। सबसे ज्यादा बढ़ोतरी लखनऊ, गोंडा, वाराणसी, गोरखपुर और बाराबंकी की योजनाओं में हुई है. हालांकि, कई शहरों में जमीन की कम मांग को देखते हुए कीमतों में बढ़ोतरी नहीं की गई है। वित्त वर्ष 2022-23 के लिए भूमि की नई दरें परिषद के वित्त नियंत्रक धर्मेंद्र वर्मा ने शुक्रवार को जारी की।
एक अप्रैल से प्रभावी मानी जाएंगी नई दरें
आदेश के मुताबिक नई दरें 1 अप्रैल से प्रभावी मानी जाएंगी। जो नई जमीन दरें जारी की गई हैं उनमें ज्यादातर योजनाओं में पांच से दस फीसदी की बढ़ोतरी की गई है, लेकिन कई शहरों में यह बढ़ोतरी बढ़कर 15 फीसदी हो गई है। वाराणसी की पांडेयपुर योजना, गोरखपुर की बेतियाहता दक्षिण योजना, गोंडा की भरतपुरी योजना, बाराबंकी की ओबरी योजना और लखनऊ की वृंदावन योजना में सबसे अधिक 15 प्रतिशत की वृद्धि की गई है। गाजियाबाद की सिद्धार्थ विहार और वसुंधरा योजना में एक फीसदी से भी कम की बढ़ोतरी की गई है।
नहीं बढ़े फ्लैट के दाम
हालांकि परिषद ने फ्लैटों की कीमतों में कोई वृद्धि नहीं की है। प्रदेश में परिषद के करीब दस हजार फ्लैट खाली हैं। इसमें से करीब चार हजार फ्लैट सिर्फ राजधानी में ही खाली हैं। जिन शहरों में भूखंड की कीमत में 10 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है उसमें बलिया, गाजीपुर, आजमगढ़, प्रयागराज, मिर्जापुर, प्रतापगढ़, फतेहपुर, बस्ती, गोरखपुर, अयोध्या, सुल्तानपुर, गोंडा, झांसी, बांदा, जालौन, आगरा, फिरोजाबाद, मैनपुरी, मथुरा, हाथरस, कासगंज, अलीगढ़, मेरठ, बुलंदशहर, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, मुरादाबाद, रामपुर, सीतापुर, उन्नाव, हरदोई और लखीमपुर जिले शामिल हैं।