सुल्तानपुर के इस शख्स ने 40 साल तक की शशि कपूर की रक्षा, अब करते हैं पूजा
सुल्तानपुर। मशहूर एक्टर शशि कपूर के निधन के बाद सुल्तानपुर जिले के मिश्राने गांव के रहने वाले राम तीरथ मिश्रा का परिवार भी दुख में डूब गया। राम तीरथ ने अपने साहब को खो दिया था। साहब शशि कपूर के साथ बिताए गए 40 साल को राम तीरथ याद करने लगे। एक्टर बनने की हसरत रखने वाले राम तीरथ ने शशि कपूर के साथ बतौर बॉडीगार्ड और ड्राइवर जिंदगी के काफी साल गुजार दिए।
रामतीरथ थे सिपाही, जुनून की शूटिंग के दौरान लगी थी ड्यूटी
ज़िला मुख्यालय से 20 किलोमीटर दूर जयसिंहपुर विधानसभा क्षेत्र के मिश्राने गांव निवासी राम अजोर मिश्रा यहां के मूल निवासी रहे। ब्रिटिश हुकूमत में वो कलकत्ता में ड्राइवर की जाब करते थे। 1947 में उनके बेटे राम तीरथ का जन्म हुआ, जैसे-तैसे पिता ने पढ़ाया-लिखाया और हाईस्कूल तक की पढ़ाई कम्प्लीट की। इसके बाद यूपी पुलिस में इन्हें सिपाहियों की नौकरी मिल गई। साल 1972 से 78 तक बतौर सिपाही नौकरी की। इस दरम्यान राम तीरथ लखनऊ के कैंट थाने में ड्यूटी कर रहे थे, तभी यहां फ़िल्म जुनून की शूटिंग करने शशि कपूर, शबाना आजमी और नसीरुद्दीन शाह आए थे। रामतीरथ की ड्यूटी शूटिंग में सिक्योरिटी के तौर पर लगाईं गई। शूटिंग में कई दिनों तक ड्यूटी करते और शशि कपूर के व्यवहार को देख रामतीरथ उनसे प्रभावित हो गए।
तीन मिनट की मुलाकात में शशि कपूर के साथ हो लिए
राम तीरथ बताते हैं कि मुलाकात के लिये पहले दिल सिविल ड्रेस में जब होटल क्लार्क में वो शशि कपूर से मिलने गये तो मिलने नहीं दिया गया। दूसरे दिन वर्दी में गये तो मुलाकात हो गई, 3 मिनट की मुलाकात ये रंग लाई के राम तीरथ शशि कपूर के हो गये और पुलिस की नौकरी को अलविदा कह कर वो शशि कपूर के साथ फिल्मी दुनिया में काम करने के लिये बाई फ्लाइट मुम्बई चले गये।
एक ही हॉस्पिटल में राम तीरथ और शशि कपूर का जन्म
आपको बता दें के राम तीरथ के पिता कलकत्ता में नौकरी में थे और परिवार भी साथ था। राम तीरथ बताते हैं कि साहब से मिलने के कुछ दिनो के बाद बात ही बात में उन्होंने बताया के उनका जन्म कलकत्ता के शम्भू नाथ पंडित हास्पिटल में 1938 में हुआ था। ये बात भी राम तीरथ के लिये किसी आश्चर्य और खुशी से कम नही थी। वो स्वयं भी इसी अस्पताल में 1947 में पैदा हुए थे।
साहब के साथ गुजारे 40 साल
फिल्मों में काम करने के जुनून में सरकारी नौकरी छोड़ देने वाले राम तीरथ मिश्रा को फिल्मों में वह मुकाम भले ही न हासिल हुआ हो जिसकी एक कलाकार की हसरत होती है, लेकिन शशि कपूर के दिल में उन्होंने जगह जरूर बना ली। नतीजा ये हुआ बतौर बॉडीगार्ड और ड्राइवर राम तीरथ ने शशि कपूर के साथ 40 साल गुजारे। इस दौरान आक्रोश, सत्यम शिवम् सुंदरम जैसी दर्जनों फिल्मों में इन्होंने छोटे-मोटे रोल भी किए। सात साल पहले घर लौटे राम तीरथ अब खेती-बारी में लगे हैं।
साहब से मिलने जाते रहे
राम तीरथ मालिक के वफादार सिपाहियों में थे। इधर वो खुद अस्वस्थ चल रहे थे लेकिन बीमार चल रहे साहब को देखने वह कई बार मुम्बई गये। क़रीब तीन महीने पहले खुद बीमारी के चलते जब मुम्बई नहीं जा सके तो उन्होंने अपने बेटे संतोष मिश्रा को अपने मालिक की खैरियत लेने भेजा था। संतोष बताते हैं कि साहब ने जब उन्हें देखा तो वह रोने लगे। कुछ कहना भी चाह रहे थे लेकिन बीमारी के चलते बोल नहीं सके, लेकिन दिल इतना बड़ा कि खुद दुआओं के तलबगार साहब ने इशारों में उनको दुआएं दीं।
साहब की मौत से लगा सदमा
सोमवार को साहब की मौत की ख़बर से उन्हें गहरा आघात लगा, वो चाहकर भी इतनी जल्दी अंतिम संस्कार में नहीं पहुंच सके। जिसकी कसक उनके दिलों में है फिर भी उनका भतीजा मुम्बई में मौजूद था। फौरन भतीजे को दाह संस्कार में शामिल होने की हिदायत किया।से थोड़ा इत्मीनान जरूर है।
साहब की कर रहे पूजा
राम तीरथ मिश्र का परिवार गहरे शोक में है। अपने मालिक के अंतिम संस्कार में न पहुंच पाने का अफसोस भी है। शशि कपूर के निधन के बाद राम तीरथ के घर में वीरानी है, वो कभी साहब की बातों को याद करते हैं, कभी एलबम में रखी साहब की तस्वीर को उलट-पलट कर देखते हैं। परिवार के संग फोटो लिये बैठते हैं। साहब की तस्वीर को घर से सटे भगवान के मंदिर में एक जगह दे दिया है। यही नहीं घर के अंदर अलमारियों तमाम देवी-देवताओं की मूर्तियों के बीच साहब की तस्वीर रख वो उसके आगे भी माथे टेक रहे।
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