सुलतानपुर: शादी में बजा DJ तो काजी-उलेमा नहीं पढ़ेंगे निकाह
सुलतानपुर। जिले के उलेमाओं ने शादी-ब्याह में बजने वाले डीजे और डांस को लेकर एक अनोखा फरमान जारी किया है। उलेमाओं ने खुले शब्दों में कहा है कि जिस शादी में डीजे बजेगा वो वहां निकाह नहीं पढ़ाएंगे और न ही इस तरह की शादियों में शरीक होंगे। उलमाओं ने ये पहल तेज आवाज में बजने वाले डीजे से होने वाले शोर-शराबे को रोकने के लिए उठाया है।
ये फैसला उलेमाओं की एक कमेटी ने लिया है। उलमाओं का मानना है कि इस नई पहल से मुस्लिम समाज में फैल रही बुराइयों पर लगाम लगेगा और वातावरण में फैल रहे ध्वनि प्रदूषण पर भी कन्ट्रोल होगा, क्योंकि तेज आवाज वाले ये डीजे अब आम आदमी के लिये ढेर सारी परेशानी का सबब बन रहे हैं और इससे बीमारियां भी पैदा हो रही हैं।
'मजहब
में
गाने
बजाने
और
नाचने
का
रिवाज
नहीं'
इस
बारे
में
शहर
काजी
और
जामा
मस्जिद
के
इमाम
मौलाना
लतीफ
का
कहना
है
कि
निकाह
एक
इबादत
है
और
पैगम्बर
की
सुन्नत
है।
जब
गाना
बजता
है
तो
इसकी
बरकतें
खत्म
हो
जाती
हैं।
उन्होंने
कहा
कि
डीजे
बजाने
से
दूसरों
को
परेशानी
भी
होती
है
और
इस्लाम
में
दूसरे
को
परेशान
करना
गुनाह
है।
मजहब
में
गाने
बजाने
और
नाचने
का
कोई
रिवाज
नहीं
है
लेकिन
न
जाने
किसकी
देखा
देखी
यह
चलन
शुरू
हो
गया।
लिहाजा
उलमाओं
की
कमेटी
ने
फैसला
किया
है
कि
ऐसे
प्रोग्रामों
में
शामिल
नहीं
होंगे।
जिले
के
उलेमाओं
ने
शादी-ब्याह
में
बजने
वाले
डीजे
और
डांस
को
लेकर
अब
तक
का
अनोखा
फरमान
जारी
किया
है।
उलेमाओं
ने
खुले
शब्दों
में
कहा
है
कि
जिस
शादी
में
डीजे
बजेगा
वो
वहां
निकाह
नहीं
पढ़ाएंगे
और
न
ही
इस
तरह
की
शादियों
में
शरीक
होंगे।
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