बीएचयू में स्थापित की गई चोटीकटवा बाबा की मूर्ति, हुआ वायरल
शी हिन्दू विश्व विद्यालय के शॉपिंग मॉल के परिसर में पीपल के पेड़ के नीचे विराजमान किये गए चोटी कटवा बाबा की ये मूर्ति इस अफवाह के बाद भी स्थापित हुई है।
वाराणसी। पिछले महीने से उत्तर प्रदेश के अलग-अलग जिलों में चली आ रही चोटी काटने के अफवाहों में वाराणसी के साथ ही पूर्वांचल के आसपास के जिले शामिल हो गए हैं। दो दिनों के अंदर वाराणसी सहित आजमगढ़, चंदौली ,जौनपुर में 100 से ज्यादा सोते समय चोटी कटने के घटनायें सामने आयी हैं। इसके टोटके भी किये गए। लोगों ने घर से बाहर नींबू-मिर्च भी टांगे लेकिन इन सबके बीच सर्वविद्या की राजधानी कही जाने वाले विश्व में मशहूर बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी कैम्पस के शॉपिंग मॉल ग्राउंड में पीपल के पेड़ के नीचे चोटी कटवा बाबा को स्थापित कर दिया गया है। इसके साथ एक सिल्वर कलर की भी मूर्ति है जिसके बाद वाराणसी सहित यूनिवर्सिटी में भी बाबा को लेकर चर्चाओं के बाजार गर्म हो गए हैं।
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हो
रहा
बाबा
का
पूजा
पाठ
दरसअल
काशी
हिन्दू
विश्व
विद्यालय
के
शॉपिंग
मॉल
के
परिसर
में
पीपल
के
पेड़
के
नीचे
विराजमान
किये
गए
चोटी
कटवा
बाबा
की
ये
मूर्ति
इस
अफवाह
के
बाद
भी
स्थापित
हुई
है।
इनके
शरीर
को
लाल
रंग
में
रंगा
गया
है
जबकि
मुँह
खुला
हुआ
हैं,
यही
नहीं
हाथ
भी
गायब
हैं।
इसके
आलावा
बाबा
के
सिर
के
ऊपर
एक
मटका
टांग
दिया
गया
हैं
और
पेड़
में
ही
बोर्ड
लगा
कर
लिखा
गया
है
"चोटी
कटवा
बाबा
"।
इसी
पेड़
के
बाबा
के
पास
एक
सिल्वर
कलर
की
मूर्ति
को
रख
दिया
गया
है
जिनके
हाथों
में
एक
धारदार
शस्त्र
भी
हैं।
इस
बात
की
जानकारी
जैसे
हो
आस-पास
के
ग्रामीणों
को
हुई
हैं,
लोग
चोरी-छिपे
परिसर
में
आकर
बाबा
को
माला-फूल
पहनाकर
दिए
जलाकर,
पूजा-पाठ
भी
कर
रहे
हैं।
इस
मूर्ति
की
फोटो
सोशल
मीडिया
में
वायरल
हो
रही
है।
शरारती
तत्वों
ने
पैदा
किया
है
अफवाह
और
बाबा
वाराणसी
के
बनारस
हिन्दू
यूनिवर्सिटी
के
पॉलिटिकल
साइंस
के
प्रोफ़ेसर
कौशल
किशोर
मिश्रा
ने
oneindia
से
बात
करते
हुए
बताया
कि
परिसर
में
चोटी
कटवा
बाबा
की
मूर्ति
लगाना
बहुत
ही
निंदनीय
कार्य
हैं।
मामले
में
कार्रवाई
करते
हुए
उसे
तुरंत
वहां
से
हटाना
चाहिए
और
इसकी
जाँच
करानी
चाहिए।
उठा
यूनिवर्सिटी
की
सुरक्षा
पर
सवाल
यही
नहीं
प्रोफ़ेसर
कौशल
किशोर
मिश्रा
ने
कहा
कि
रातों-रात
ऐसे
बाबा
का
मंदिर
बना
देना
और
मूर्ति
स्थापित
कर
उसकी
पूजा-पाठ
शुरू
करने,
उन्हें
माला-फूल
पहनाकर,
दिया
जलाकर
पूजनीय
बनाना,
ये
एक
तरीके
से
यूनिवर्सिटी
सुरक्षा
पर
भी
सवालिया
निशान
खड़ा
करता
हैं।
प्रॉक्टोरियल
बोर्ड
और
यूनिवर्सिटी
के
सुरक्षाकर्मी
कैसे
अपने
ड्यूटी
निभा
रहे
हैं?
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