शिक्षामित्रों को नहीं पचा सुप्रीम कोर्ट का फैसला, पूरे यूपी में भारी विरोध प्रदर्शन
न्यायलय के आदेश को अपने पक्ष का न मानकर हजारों की संख्या में शिक्षामित्र सड़क पर उतर आये हैं। यूपी के अधिकांश शहरों में सुबह से ही प्रदर्शन चल रहा है।
इलाहाबाद/बहराइच/शाहजहांपुर/वाराणसी। उत्तर प्रदेश में शिक्षामित्र के लिये मंगलवार को आये सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने भूचाल ला दिया है। टीईटी की बात शिक्षामित्रों के न गले उतर रही है और न ही पच रही है। नतीजतन न्यायलय के आदेश को अपने पक्ष का न मानकर हजारों की संख्या में शिक्षामित्र सड़क पर उतर आये हैं। यूपी के अधिकांश शहरों में सुबह से ही प्रदर्शन चल रहा है।
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इलाहाबाद मण्डल के इलाहाबाद, प्रतापगढ़, कौशांबी व फतेहपुर शहर में जिला मुख्यालय पर शिक्षामित्र एकत्रित हुये हैं। जहां जुलूस के साथ स्थानीय कार्यालय पर प्रदर्शन किया जा रहा है। इलाहाबाद में तो हालात अधिक जटिल हो गये हैं। यहां कयी अन्य शहरों से शिक्षामित्र व संगठन के पदाधिकारी जुटे हुये हैं। धीरे-धीरे प्रदर्शन भी उग्र होने की दिशा में बढ रहा है। जिसे शहर का माहौल अराजकता की ओर पहुंचना तय माना जा रहा है। फिलहाल पीएसी व आरएएफ को अलर्ट काल कर दी गई है।
प्रतापगढ़ में तो सड़क पर उतरे शिक्षा मित्र की वजह से इलाहाबाद फैजाबाद मार्ग पर चक्काजाम हो गया है। जाम कई किलोमीटर लंबा लग चुका है। अम्बेडकर चौराहे पर हज़ारो की संख्या में जुटे शिक्षामित्रों ने हटने से इन्कार कर दिया है। यहा कानून व्यवस्था के लिये पीएसी बुलाई गई है। सड़क जाम के चलते पुलिस प्रदर्शनकारियों को समझाने का प्रयास कर रही है। जाम के कारण बडे़ वाहनों का रूट बदला जा रहा है। गौरतलब है कि यूपी में शिक्षा मित्रों पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से लगभग पौने दो लाख शिक्षा मित्र प्रभावित हुये हैं। इसके बाद आज सुबह से अलग अलग शहरों में शिक्षा मित्र जिला शिक्षा प्रशिक्षण संस्थान पर प्रदर्शन कर रहे हैं।
बहराइच:
नारेबाजी
के
दौरान
बेहोश
हुई
छः
शिक्षामित्र
सुप्रीम
कोर्ट
के
फैसले
से
नाराज
समायोजित
शिक्षामित्रों
ने
बुधवार
को
प्रदर्शन
किया।
प्रदर्शन
के
दौरान
शिक्षामित्रों
ने
सड़क
जाम
करके
जमकर
नारेबाजी
की।
जिससे
बहराइच
-
लखनऊ
हाइवे
मार्ग
जाम
हो
गया।
जाम
होने
के
कारण
दोनो
तरफ
लगभग
एक
किलोमीटर
तक
वाहनों
के
लम्बी
कतारें
लग
गई।
प्रदर्शन
की
सूचना
पर
पहुची
नगर
कोतवाली
की
पुलिस
ने
समझाने
का
प्रयास
किया
तो
सभी
और
उग्र
हो
गए।
देखते
ही
देखते
प्रदर्शन
के
दौरान
सभी
समायोजित
शिक्षामित्र
आक्रोशित
होकर
सड़क
जामकर
नारेबाजी
करने
लगे।
इस
दौरान
गर्मी
के
कारण
आधा
दर्जन
से
अधिक
महिला
समेत
शिक्षामित्र
बेहोश
हो
गए।
जिन्हे
इलाज
के
लिए
जिला
अस्पताल
भेजवाया
गया।
इस
दौरान
जनपद
की
लगभग
आधा
दर्जन
से
अधिक
थानों
की
पुलिस
बल
मौजूद
रही।
लगभग
दो
घण्टे
तक
चला
प्रदर्शन
को
प्रशासन
के
समझाने
के
बाद
सभी
कलेक्ट्रेट
पहुचकर
धरना
देना
शुरू
कर
दिए।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा समायोजित शिक्षामित्रों के बारें में दिए गए फैसले से नाराज सैकड़ों समायोजित शिक्षामित्र बुधवार को कलेक्ट्रेट में स्थित धरना स्थल परिसर में एकत्रित हुए। वहां से सभी ने एक साथ हुंकार भरकर डीएम चैराहे पर पहुचकर नारेबाजी करने लगे। सड़क जामकर प्रदर्शन की सूचना नगर कोतवाली पुलिस को मिली। नगर कोतवाल राम अवतर सिंह यादव अपने दल बल के साथ पहुंचकर प्रदर्शन कर रहे लोगों को समझाने का प्रयास किया। लेकिन वहां पर मौजूद सभी समायोजित शिक्षामित्र उग्र हो गए और महिला शिक्षामित्र आगे आकर सड़क जामकर नारेबाजी करने लगे।
मामले को बढ़ता देख नगर कोतवाल ने अपने उच्चाधिकारियों को सूचना दिया। मामले को गंभीरता से लेते हुए पुलिस अधीक्षक सुनील सक्सेना ने डीएम चैराहे पर कई थानों की फोर्स भेज दी। सूचना पर दरगाह थानाध्यक्ष, देहात कोतवाल, जरवल रोड समेत कई सीओ भी मौके पर पहुचे। सभी ने अपने प्रयास से प्रदर्शन कर रहे लोगो को समझाने का प्रयास किया लेकिन प्रदर्शनकारी पूरी तरह उग्र दिखे और प्रशासन के सामने भी डटे रहे। प्रदर्शन के दौरान नारेबाजी करते समय चार महिला शिक्षामित्र व दो पुरुष शिक्षामित्र बेहोश हो गए। बेहोश होने की खबर पर वंहा पर मौजूद पुलिस प्रशासन के हाथ पांव फूल गए। सभी को आनन फानन में सभी को जिला अस्पताल भेजवाया।
लग
गया
भीषण
जाम
बताया
जा
रहा
है
कि
समायोजित
शिक्षामित्रों
का
प्रदर्शन
लगभग
11
बजे
से
शुरू
हुआ।
प्रदर्शन
के
दौरान
सभी
ने
सड़क
जाम
कर
दिया।
जिससे
डीएम
चैराहे
से
आने
जाने
वाले
सारे
वाहनों
की
लम्बी
कतारें
लग
गई।
लगभग
दो
घण्टे
बाद
जब
सभी
वापस
कलेक्ट्रेट
में
स्थित
धरना
स्थल
पर
गए
तब
जाकर
जाम
को
प्रशासन
द्वारा
खत्म
करवाया
गया।
इस
दौरान
सरकारी
बस
में
यात्रा
कर
रहे
यात्री
काफी
मायूस
दिखे।
एएसपी
व
सीओ
श्रेष्ठा
ठाकुर
ने
संभाली
कमान
समायोजित
शिक्षामित्रों
के
प्रदर्शन
की
सूचना
पर
अपर
पुलिस
अधीक्षक
कमलेश
दीक्षित
व
महसी
सीओ
श्रेष्ठा
ठाकुर
समेत
कई
उच्चाधिकारी
मौके
पर
पहुचे।
लगभग
दो
घण्टे
से
चल
रही
प्रदर्शन
को
हटवाने
के
लिए
इससे
पहले
सभी
अधिकारी
पूरी
प्रयास
कर
चुके
थे
लेकिन
जैसे
ही
अपर
पुलिस
अधीक्षक
कमलेश
दीक्षित
व
महसी
सीओ
श्रेष्ठा
ठाकुर
पहुचंकर
लोगों
को
समझाया
वैसे
ही
उग्र
होकर
कर
रहे
सभी
प्रदर्शनकारी
शांत
होकर
वापस
धरना
स्थल
चले
गए।
क्या
थी
मांगे
सड़क
जाम
कर
प्रदर्शन
कर
रहे
समायोजित
शिक्षामित्रों
की
मांग
है
कि
प्रदेश
के
समायोजित
शिक्षामित्रों
के
भविष्य
को
सुरक्षित
रखने
हेतु
सर्वोच्च
न्यायालय
में
शीघ्र
पुनर्विचार
कर
याचिका
दाखिल
करे।
उनका
कहना
था
कि
बहराइच
जिला
बेसिक
शिक्षा
मंत्री
अनुपमा
जायसवाल
का
गृह
जनपद
है।
उनको
हम
लोगों
के
पास
आकर
हमारी
समस्याएं
सुननी
चाहिए।
इसी
मांग
को
लेकर
सभी
समायोजित
शिक्षामित्र
सड़क
पर
जाम
लगाकर
प्रदर्शन
करते
रहे।
जब
प्रशासन
द्वारा
ये
बताया
गया
कि
अभी
वो
मिलने
आ
रही
है
तब
जाकर
सभी
शांत
होकर
धरना
स्थल
पर
गए।
शाहजहांपुर: शिक्षामित्रों ने दी परिवार समेत आत्महत्या की धमकी
कोर्ट के आदेश पर शिक्षामित्रों का समायोजन रद्द करने के फैसले पर प्रदेश भर में शिक्षामित्रों में भारी गुस्सा है। इसी के चलते यूपी के शाहजहांपुर में जिले भर के शिक्षामित्रों ने कचहरी रोड जाम करके बीएसए कार्यालय में तालाबंदी कर दी। शिक्षामित्रों ने चेतावनी दी है कि अगर कोर्ट ने अपना यह फैसला वापस नहीं लिया तो शिक्षामित्र अपने बच्चों समेत आत्महत्या कर लेंगे।
दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने यूपी के सभी शिक्षा मित्रों के समायोजन को रद्द कर दिया है। इसी फैसले के आने के बाद प्रदेश भर के शिक्षामित्र सड़कों पर उतर आए। शाहजहांपुर में भी सैकड़ों शिक्षामित्रों ने कचहरी चौराहा को जाम कर दिया और कोर्ट के फैसले का जमकर विरोध किया। उसके बाद सभी शिक्षामित्र जिला बेसिक शिक्षा विभाग के कार्यालय पहुंचे जहां उन्होंने कार्यालय में तालाबंदी की और धरने पर बैठ गये।
इसके बाद उन्होंने जमकर नारेबाजी की। शिक्षा मित्र इस दौरान रोते हुए नजर आए। शिक्षामित्र ने धमकी दी है कि अगर शिक्षा मित्रों के साथ न्याय नहीं हुआ तो वे अपने बच्चों के साथ आत्महत्या कर लेंगे जिसके जिम्मेदार सरकार और कोर्ट होगी।
वहीं शिक्षामित्र संगीता का कहना है कि ये फैसला कोर्ट की तानाशाही है। कई साल पहले बने शिक्षामित्र टीईटी परीक्षा पास नहीं कर पाएंगे तो क्या उसको नौकरी से निकाल दिया जाएगा। अगर इस तरह से नौकरी गई तो सभी शिक्षामित्र अपने परिवार सहित आत्महत्या कर लेंगे वरना सुप्रीम कोर्ट को अपना फैसला बदल लेना चाहिए। उनका कहना है कि अगर उनकी इस धमकी पर ध्यान नहीं दिया गया तो उनकी मौत का जिम्मेदार सरकार ओर कोर्ट होगी।
वाराणसी:
पीएम
की
काशी
में
शिक्षामित्रों
का
दिखा
गुस्सा
उत्तर
प्रदेश
में
1.
72
शिक्षामित्रों
पर
मंगलवार
को
सर्वोच्च्य
न्यायालय
के
दिए
हुए
फैसले
पर
अब
शिक्षामित्रों
का
गुस्सा
उबाल
मार
रहा
हैं।
यही
वजह
प्रधानमंत्री
नरेंद्र
मोदी
के
संसदीय
क्षेत्र
में
शिक्षामित्रों
ने
अपना
विरोध
दर्ज
करते
हुए
भारत
माता
मंदिर
से
लेकर
कई
स्थानों
पर
अपना
विरोध
दिखाया।
सुप्रीम
कोर्ट
ने
शिक्षा
मित्रों
के
लिए
फैसला
सुनते
हुए
मंगलवार
को
कहा
था
कि
समय
सीमा
पर
टीईटी
को
बाध्य
किया
जाये।
इसी
बात
को
लेकर
शिक्षामित्र
सड़कों
पर
उतर
आये
और
ये
कहने
लगे
कि
इस
फैसले
से
उनके
रोजी-रोटी
पर
अब
संकट
मंडराने
लगा
हैं।
इस
बात
को
लेकर
आज
धरना
देते
हुए
शिक्षा
मित्रों
ने
मुख्यमंत्री
से
न्याय
की
गुहार
लगाते
हुए
बेसिक
शिक्षा
अधिकारी
को
ज्ञापन
सौंपा।
अब
तो
बस
पीएम
और
सीएम
से
उम्मीद
माननीय
न्यायलय
के
भी
निराशा
हाथ
लगने
के
बाद
अब
शिक्षामित्रों
को
देश
के
प्रधानमंत्री
और
वाराणसी
के
सांसद
नरेंद्र
मोदी
और
उत्तर
प्रदेश
के
मुख्यमंत्री
योगी
आदित्य
नाथ
से
ही
उम्मीद
की
आस
जगी
है
की
वो
इनके
भविष्य
को
सुरक्षित
कदम
उठाएंगे।
इसी
उम्मीद
के
साथ
आज
वाराणसी
में
आदर्श
समायोजित
शिक्षक
वेलफेयर
एसोसिएशन
ने
जिला
बेसिक
अधिकारी
जय
करण
यादव
को
अपने
मांगो
का
ज्ञापन
सौपा।
यही नहीं इस एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष अमरेंद्र दुबे ने oneindia से बात करते हुए कहा की अब हमारी आखरी आस बस प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री से ही हैं। उन्होंने कहा की सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब शिक्षामित्र आत्मघाती कदम उठाने लगे हैं। ऐसे में हम मांग करते हैं मुख्यमंत्री से ही हमारे समायोजन के लिए कोई अध्यादेश लाना पड़े तो केंद्र के साथ सहमति बना कर लाया जाये। यही नहीं एक काम एक वेतन लागू किया जाये जिससे शिक्षामित्र आत्मघाती कदम उठाने को मजबूर ना हो।