अखिलेश को मिली पार्टी तो इतने अकेले हो गए शिवपाल, कहा- टिकट हम नहीं मुख्यमंत्री दे रहे हैं
समाजवादी पार्टी में हैसियत रखने वाले शिवपाल सिंह यादव के साथ अब उनके खास रहे और वफादार नेता भी नहीं दिख रहे।
लखनऊ। कभी अपने भतीजे और उत्तर प्रदेश के मुख्मंत्री अखिलेश यादव के सबसे तगड़े विरोधी माने जा रहे शिवपाल सिंह यादव अब सिर्फ अपने चंद वफादारों से घिरे हुए हैं। हालात ये है कि अब कोई अगर उनके पास आ रहा है तो वो कह रहे हैं कि मुख्यमंत्री के पास जाएं। कुछ ऐसा ही उस वक्त हुआ जब वो अपने भाई मुलायम सिंह यादव के लखनऊ स्थित विक्रमादित्य मार्ग के आवास के बाहर खड़े थे और कुछ टिकट के दावेदार उनके पास आए लेकिन उन्हें खाली हाथ वापस जाना पड़ा, जब शिवपाल ने उनसे कहा कि 'टिकट हम नहीं मुख्यमंत्री दे रहे हैं।'
अब
शिवपाल
लोगों
से
कम
बात
करते
हैं।
इतना
ही
नहीं
लोगों
को
मदद
ना
कर
पाने
वाली
हालात
के
बारे
में
बता
रहे
हैं।
जब
कुछ
पार्टी
कार्यकर्ता
शिवपाल
सिंह
यादव
जिंदाबाद,
आदित्य
भईया
(शिवपाल
के
बेटे)
जिंदाबाद,मुलायम
सिंह
यादव
जिंदाबाद
के
नारे
लगाते
हुए
उनके
पास
आए
तो
उनसे
शिवपाल
ने
कहा
कि
मैं
आपकी
लोगों
की
अर्जियां
नेताजी
और
मुख्यमंत्री
तक
पहुंचा
दे
रहा
हूं
जिसको
भी
पार्टी
टिकट
दे,
उसको
चुनाव
लड़ाना
और
जिताना
हमारी
जिम्मेदारी
है।
इस
दौरान
वो
पत्रकारों
से
बात
करने
से
बचे।
कहा
कि
वो
अगले
कुछ
दिनों
में
बातचीत
करेंगे।
शिवपाल,
ने
इस
दौरान
अपने
समर्थकों
को
यह
भी
बताया
कि
अब
पार्टी
में
उनके
पास
कोई
पद
नहीं
है।
इतना
ही
नहीं
एक
समय
था
जब
शिवपाल
के
आवास
के
आस
पास
कड़ी
सुरक्षा
रहती
थी
और
कोई
भी
शिवपाल
से
आसानी
से
नहीं
मिल
सकता
था,
अब
कोई
भी
उनके
आवास
में
बिना
किसी
सवाल
जवाब
के
आ
जा
सकता
है
और
उनसे
मिल
भी
सकता
है।
बीते
साढ़े
चार
सालों
में
नेताओं,
मंत्रियों
और
व्यवसायियों
से
घिरे
रहने
वाले
शिवपाल
अब
अकेले
हैं।
अब
उनके
आवास
पर
पर
कोई
नेता
नजर
नहीं
आता।
उनके
वफादार
माने
जा
रहे
विधायक
ओम
प्रकाश
सिंह,
नारद
राय
और
शादाब
फातिमा
सरीखे
लोग
जिन्हें
अखिलेश
ने
अपनी
कैबिनेट
से
बाहर
का
रास्ता
दिखा
दिया
था,
वो
सभी
हमेशा
शिवपाल
के
साथ
नजर
आते
थे
लेकिन
मंगलवार
को
इनमें
से
कोई
उनके
साथ
नहीं
था।
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