यूपी में वैज्ञानिक भर्ती घोटाला आया सामने, योगी सरकार ले रही एक्शन
शाहजहांंपुर के गन्ना शोध संस्थान में वैज्ञानिकों की भर्ती में धांधली किए जाने का मामला सामने आया है। कैबिनेट मंत्री ने कहा कि समीक्षा के बाद कार्रवाई होगी।
शाहजहांपुर। यूपी के शाहजहांपुर के गन्ना रिसर्च सेंटर में वैज्ञानिकों के भर्ती घोटाले का मामला सामने आया है जिसमें सपा सरकार में 19 वैज्ञानिकों की नियम विरूद्व भर्ती करके बड़ा घोटाला किया गया है। यूपी के सबसे बड़े गन्ना शोध संस्थान में हुए भर्ती घोटाले के खुलासे से हड़कंप मचा हुआ है। भर्ती घोटाले का खुलासा संस्थान के ही एक रिटायर्ड अधिकारी ने किया है। खास बात ये है कि संस्थान के निदेशक इसके लिए शासन को जिम्मेदार बता रहे हैं तो वहीं यूपी के कैबिनेट मिनिस्टर भर्ती घोटाले की समीक्षा के बाद कार्रवाई की बात कर रहे हैं।
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पूर्व अधिकारी ने लगाए आरोप
उत्तर प्रदेश का गन्ना शोध संस्थान इन दिनों 19 वैज्ञानिकों के घोटाले के मामले में इन दिनों चर्चा में है। गन्ना शोध संस्थान के पूर्व अधिकारी का गोविंद दिक्षित का आरोप है कि 19 वैज्ञानिकों की नियम विरुद्व तरीके से भर्ती कर ली गई। आरोप है कि गन्ना शोध संस्थान के डायरेक्टर और गन्ना उपाध्यक्ष राम कृष्ण यादव के साथ मिलकर नियमों केा ताक पर रखकर मनमाने ढंग से अयोग्य वैज्ञानिकों की भर्ती कर ली। नवम्बर 2015 में हुई इन 19 भर्तियों में पैसा न देने वाले योग्य वैज्ञानिकों को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया।
पूर्व अधिकारी गोविंद दीक्षित की मानें तो पदम रोग वैज्ञानिकों के लिए 3 लोगों की भर्ती में 29 आवेदन आये जिसमें से सिर्फ पहले से तय 3 ही लोगों के आवेदनों को पास किया गया और उनकी आसानी भर्ती कर ली गई। जबकि एक वैकेंसी पर तीन लोगों को चुना जाता है जिसका इंटरव्यू होता है उसमें से एक को चुना जाता है।
योगी सरकार में फिर खुली फाइलें
गोविंद दिक्षित की माने तो हर कैटेगरी की भर्ती के लिए दो-दो एक्सपर्ट को साक्षात्कार में बैठना था लेकिन गन्ना शोध संस्थान के डायरेक्टर ने सिर्फ दो ही एक्सपर्ट को बुलाकर सभी वर्गों का इंटरव्यू करवा दिया। शिकायत के बाद अब इस भर्ती घोटाले की जांच शासन स्तर पर जांच तो शुरू हुई लेकिन राजनैतिक संरक्षण के चलते अब तक ये जांच फाइलों में दबी हुई थी लेकिन सूबे में नई सरकार के बाद अब भर्ती घोटाले का जिन्न एक बार फिर बोतल से बाहर आ गया है।
डायरेक्टर ने घाटाले के आरोपों पर क्या कहा?
ऐसे में पूरे भर्ती घोटाले में संस्थान के डायरेक्टर और पूर्व में उप्र गन्ना परिषद के उपाध्यक्ष राम कृष्ण यादव का नाम निकल कर सामने आ रहा है। इस मामले में जब गन्ना शोध संस्थान के डायरेक्टर से बात करने की कोशिश की गई तो वो इस मामले में भर्ती प्रक्रिया को ठीक बताकर मामले की जांच शासन स्तर पर होने की बात कर रहे हैं।
हालांकि प्रमुख सचिव गन्ना उप्र इस मामले की जांच कर रहे है लेकिन गन्ना शोध संस्थान के डायरेक्टर ने जांच में सहयोग करने से मना कर दिया। लेकिन अब सूबे में बीजेपी सरकार के मंत्री सुरेश कुमार खन्ना पूरे मामले की समीक्षा करने के बाद कार्रवाई की बात कर रहे हैं।
गन्ना शोध संस्थान में कैसे होगा रिसर्च?
इस गन्ना शोध संस्थान में उत्तर प्रदेश के किसानो के लिए गन्ने की नई नई प्रजातियों को विकसित किया जाता है और गन्ने से जुड़े कई रिसर्च यहां किये जाते हैं लेकिन ऐसे में सवाल यही उठता है जब अयोग्य वैज्ञानिकों की भर्ती होती तो रिसर्च के बेहतर परिणाम मिलने मुश्किल होंगे। फिलहाल गन्ना शोध संस्थान में हुए भर्ती घोटाले के खुलासे के बाद यहां हड़कम्प मचा हुआ है।
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