सावन विशेष: आया सपना, जहां तुम सो रहे हो वहां है शिवलिंग, जब हुई खुदाई तो मौजूद थे साक्षात 'त्रिवटीनाथ'
बरेली। रात में सो रहे एक आदमी को यह सपना आया कि जहां तुम सो रहे हो वह सोने की जगह नहीं है। इसे खोदकर देखना चाहिए। आप इसे खोदिए। जब उस आदमी ने सुबह उठकर उस जगह पर खुदाई की जो वहां नीचे एक शिवलिंग निकला। यह कहानी है यूपी के बरेली जिले में आने वाले मंदिर त्रिवटी नाथ भगवान की है। इस मंदिर को चमत्कारिक मंदिर माना गया है। सावन में इस मंदिर की महिमा और भी बढ़ जाती है। लोग बहुत दूर दूर से इस मंदिर के दर्शन के लिए यहां पहुंचते हैं।
नाथ नगरी के रूप में मशहूर है जिला बरेली
उत्तर प्रदेश का बरेली जिला नाथ नगरी के रूप में विशेष पहचान रखता है। शहर के चारों कोनो पर भगवान शिव के मंदिर होने के चलते बरेली शहर को नाथ मंदिर के रूप में जाना जाता है। बरेली के बारे में यह भी कहा जाता है कि इस शहर पर शिव भगवान का आशीर्वाद होने के चलते हर मुसीबत से दूर रहता है। बरेली में करीब दस प्राचीन मंदिर है जिसमे अलखनाथ, तपेश्वरनाथ, , त्रिवटीनाथ , मणिनाथ, धोपेश्वर नाथ, बनखंडी नाथ खास है । सभी को सिद्ध मंदिर के रूप में मान्यता है। त्रिवटीनाथ मंदिर के बार में एक रोचक कथा वहां के विद्वान सुनाते हैं।
त्रिवटीनाथ मंदिर लाइव
त्रिवटी नाथ बरेली के प्राचीन मंदिरों में शामिल है। इस मंदिर के बारे में मान्यता यह है यहाँ शिवलिंग स्वंय प्रकट हुए है। लोग बताते है कई सौ वर्ष पहले एक व्यक्ति को स्वप्न हुआ कि वह जहां जा सो रहा है उसके नीचे एक शिवलिंग है। इसके बाद उस शख्स ने जब लोगों को यह बात बताई तो लोगों ने उसे उस स्थान की खुदाई करने की सलाह दी। लंबी खुदाई के बाद उस स्थान पर शिवलिंग मिला। जिसे बाद में मंदिर की शक्ल में तब्दील कर दिया गया। तबसे यह मंदिर प्रसिद्ध हो गया। इस मन्दिर की एक और खास बात है यह तीन बरगद के पेड़ों के बीच है। मंदिर के बारे में मान्यता ये है कि यहां बहुत बहुत दूर से लोग सावन के मौके पर पहुंचते हैं। ऐसा माना जाता है कि यह मंदिर लोगों के अधूरे काम पूरा करता है।
पहले सोमवार को उमड़ा शिवभक्तों का जनसैलाब
त्रिवटी नाथ में सुबह से भगवान शिव का जलाभिषेक करने के लिए तांता लगा हुआ है। लोग बरेली जिले के साथ आसपास जिले से लोग पहुंच रहे है। यहां पहुंचे शिवभक्तों का कहना है यहां सावन के माह में आने का विशेष महत्व होता है। यहां सभी की मनोकामना पूरी होती है। लोगों की मान्यता यह भी है अगर लोग कांवड़ यात्रा के दौरान त्रिवेटी नाथ नहीं आते है तो उनकी यात्रा अधूरी ही रहती है।
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