मथुरा: प्रसिद्धि पाने के लिए साधु भूला मर्यादा, लोगों में रोष
उत्तर प्रदेश स्थित मथुरा के राधा कुंड में एक साधू ने प्रसिद्धि पाने की चाह मे भगवान को 156 क्विंटल फलों का भोग लगाया। 56 भोग के इस आयोजन मे आयोजक ने मर्यादा को ताक पर रख दिया।
मथुरा। उत्तर प्रदेश स्थित मथुरा में भगवान कृष्ण की क्रीड़ा स्थली गोवर्धन में श्याम कुंड - राधा कुंड पर 156 क्विंटल फलों का भोग लगाया गया जिसमें विभिन्न-विभिन्न प्रकार के फलों से पूरे सरोवर को सजाया गया लेकिन प्रसिद्धि पाने के ललक के आयोजक संत परम्परा और मर्यादा सबको भूल गये। लगाए गए इस 56 भोग में भक्तों की भावनाओं को आहत किया गया है। भक्तों की भावनाओं के अनुसार भगवान को अर्पित किया जाने वाला भोग, स्वच्छ और साफ बर्तन में लगाया जाता है लेकिन यह ना तो भगवान के लिए कोई स्वच्छ बर्तन का ही इस्तेमाल किया गया और ना ही परंपराओं का।
भगवान को कभी भी प्लास्टिक के बर्तन में भोग नहीं लगाया जाता है ,लेकिन राधाकुन्ड पर आयोजक साधू ने फलो को सीधे प्लास्टिक की क्रेट मे भर कर सरोवर की सीढ़ियो पर लगा दिया ,यहां भोग लगाने के लिए जिस बर्तन के रुप इस्तेमाल किया गया है वह ना तो शुद्ध है और ना ही उन्हें साफ किया गया है जिससे यहां आने वाले श्रद्धालुओं की भावनाएं आहत हुई है।
लोगों का कहना है की भगवान को भोग लगाते वक्त स्वच्छता और अन्य चीजों का ध्यान रखना चाहिए था लेकिन जिस प्रकार प्लास्टिक की क्रेट में भगवान को भोग लगाया गया है यह बिल्कुल अनुचित है। भगवान के धाम मे गिरिराज जी के अद्भुत दर्शनों के सुनकर तमाम लोग राधाकुंड पहुचे लेकिन प्लास्टिक की गन्दी क्रेट मे फलो को रखा देख उनके मन में ठेस लगी । इस बारे मे जब आयोजन करने वाले बाल योगेश्वर दास सवाल किया तो उनका जबाब था उन्होंने अपनी सुविधा के अनुसार व्यवस्था की है । भगवान उन्हें चांदी के उपलब्ध करा देगा तो चांदी के बर्तनों मे लगायेगे। प्लास्टिक निषेध पर तो उन्होंने भगवान की तुलना आम लोगों से ही कर दी और बोले कि लोग घरों में भी तो प्लास्टिक के वर्तन इस्तेमाल करते है।