रेलवे ने मृतक आश्रित कोटे में किया बड़ा बदलाव, अशिक्षित हैं तब भी मिलेगी नौकरी
इलाहाबाद। भारतीय रेलवे ने मृतक आश्रित कोटे के तहत मिलने वाली नौकरी में शैक्षिक अनिवार्यता को लेकर बड़ा बदलाव किया है। अब इसका फायदा सीधे तौर पर मृतक आश्रित कोटे में कर्मचारी की विधवा को मिलेगा। नए बदलाव के तहत अब रेलवे कर्मियों की विधवाओं को शिक्षित होना जरूरी नहीं होगा, उन्हें मृतक आश्रित कोटे में बगैर शैक्षिक योग्यता के भी नौकरी मिल जाएगी। जानकारी देते हुये उत्तर मध्य रेलवे के सीपीआरओ गौरव कृष्ण बंसल ने बताया कि शैक्षिक अनिवार्यता संबंधी नए नियम रेलवे ग्रुप डी के कर्मचारियों से संबंधित हैं और इसका लाभ ग्रुप डी के कर्मचारियों की मौत के बाद उनकी विधवा को मिल सकेगा। अगर रेल कर्मचारियों की ड्यूटी के दौरान मौत होती है तो उनकी विधवा को अब बगैर किसी शैक्षिक योग्यता के भी नौकरी मिल जाएगी।
दरअसल रेलवे में रेल कर्मचारियों की ड्यूटी के दौरान मौतके बाद उनकी विधवाओं को मृतक आश्रित कोटे के तहत नौकरी देने का प्रावधान है, लेकिन इसके लिए महिलाओं का 10 वीं उत्तीर्ण होना जरूरी होता है। यानी कि नौकरी पाने के लिये यह न्यूनतम शैक्षिक योग्यता हाईस्कूल निर्धारित होती है। बगैर इस योग्यता को पूरी किये मृतक आश्रित कोटे से नौकरी नहीं मिल पाती थी।
मिलेगी
राहत
ग्रुप
डी
कर्मचारियों
के
कई
मामलों
में
यह
सामने
आया
कि
जब
उनके
आश्रितों
को
नौकरी
देने
की
बात
आई
तब
शैक्षिक
योग्यता
ने
अड़ंगा
डाल
दिया
।
कई
मामले
में
यह
देखा
गया
कि
कर्मचारियों
की
विधवाओं
के
पास
हाईस्कूल
की
योग्यता
नहीं
थी,
जिससे
उन्हें
नौकरी
नहीं
मिल
पाई।
रेलवे
ने
उसी
समस्या
का
हल
खोजते
हुये
मृतक
आश्रित
कोटे
वाली
नियमावली
में
बदलाव
करते
हुए
शैक्षिक
अनिवार्यता
को
खत्म
कर
दिया
है।
जिससे
ग्रुप
डी
में
नौकरी
कर
रहे
कर्मचारियों
की
मौत
के
बाद
उनकी
विधवाओं
को
मृतक
आश्रित
कोटे
के
तहत
नौकरी
मिल
जाएगी,
वह
भी
तब
जब
वह
शैक्षिक
योग्यता
ना
रखती
हो।
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