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दिन में सांपों का खेल दिखाते थे, रात में लोगों को 'डस' लेते थे

सांप का खेल देखने वाला अब कोई नहीं रहा है, लिहाजा बंगाल के इन सेपेरों ने भी अपना ट्रेंड चेंज कर दिया है। अब यह सांप का खेल तो बहुत कम दिखाते हैं लेकिन जिस गांव में जाते हैं, वहीं पर शाम होने का इंतजार

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सहारनपुर। कभी गांव की चौपालों से लेकर शहर के गली मोहल्लों में सांप का खेल दिखाने वाले अनेकों सपेरे दिखाई दे जाते थे, लेकिन अब यह बहुत कम ही दिखाई देते हैं। सांप का खेल देखने वाला अब कोई नहीं रहा है, लिहाजा बंगाल के इन सेपेरों ने भी अपना ट्रेंड चेंज कर दिया है। अब यह सांप का खेल तो बहुत कम दिखाते हैं लेकिन जिस गांव में जाते हैं, वहीं पर शाम होने का इंतजार करते हैं और फिर लूटपाट को अंजाम देते हैं।

स्थानीय बदमाशों को भी मिला लेते थे साथ

स्थानीय बदमाशों को भी मिला लेते थे साथ

सहारनपुर पुलिस और क्राइम ब्रांच की टीम ने एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है, जो सूरज छिपते ही लूटपाट की योजनाओं का अंजाम देते हैं। यह सभी बंगाली सेपेरे हैं और राहजनी करने के लिए स्थानीय बदमाश को भी अपने साथ लगा लेते हैं, ताकि स्थानीय भाषा का प्रयोग कर राहगीरों से लूटपाट कर सकें। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक बबलू कुमार ने शुक्रवार शाम पुलिस लाइन में आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान इस गिरोह के पांच सदस्यों को गिरफ्तार करने का दावा किया और आधा दर्जन से अधिक लूट की वारदातों का खुलासा किया।

शक न हो इसलिए साथ में सांप रखते थे

शक न हो इसलिए साथ में सांप रखते थे

उक्त सभी अपराधियों ने बताया कि उनके लूटपाट करने का तरीका दूसरे बदमाशों से अलग है। वह दिनभर गांव और कस्बों में घुमते हैं। अपने साथ सांप भी रखते हैं, ताकि इन पर कोई शक न कर सके। यह जिस गांव में जाते हैं, वहां पर शाम होने का इंतजार करते हैं। शाम होने पर वह गांव से बाहर सड़क, यदि कोई मुख्य मार्ग है तो उस पर आ जाते हैं और सड़क किनारे खड़े पेड़ों को काटकर सड़क पर डाल देते हैं। इसके बाद जो भी राहगीर आकर रुकता है तो उससे लूटपाट करते हैं। यदि कोई राहगीर लूट का विरोध करता है तो न केवल उसके साथ मारपीट की जाती है, बल्कि जरुरत पड़ी तो चाकू और तमंचे से हमला भी कर दिया जाता है। सभी अपराधियों को जेल भेज दिया गया है।

बंगाल के रहने वाले हैं सभी संपेरे

बंगाल के रहने वाले हैं सभी संपेरे

पुलिस पूछताछ के दौरान पकड़े गए अपराधी राहुल उर्फ लड्डन पुत्र धीर सिंह निवासी डेरियो गिद्दावाला हरिद्वार, राकेश उर्फ बॉडीगार्ड पुत्र कूडा सिंह निवासी फिरोजपुर मुजफ्फरनगर, राजेंद्र पुत्र कदम निवासी डेरियो हरिद्वार, मनोज पुत्र कदम सिंह गांव कोटवाल, हरिद्वार तथा मनोज पुत्र प्रीतम सिंह निवासी आर्यपुरी मुजफ्फरनगर हैं। यह सभी मूल रुप से बंगाल के रहने वाले हैं और पेशे से संपेरे हैं। इन अपराधियों ने बताया कि करीब दस साल पहले वह सभी यूपी और उत्तराखंड के अलग अलग शहरों में आकर बस गए थे।

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English summary
racket of snake charmer caught in saharanpur who loot people
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